रायपुर, 10 जनवरी 2022। "बस्तर एरिया का एसडीओपी रोकता है तो सा... को गोली मारो" सुनने से लगता है जैसे कोई पेशेवर अपराधी आदेश दे रहा है, लेकिन दावा किया जा रहा, पुलिस परिवार आंदोलन का कथित रूप से नेतृत्व कर रहे निलम्बित आरक्षक उज्ज्वलधर दीवान का ये आडियो है। पुलिस का कहना है,
पुलिस परिवार आन्दोलन के नेता का आडियो वायरल...एसडीओपी रोके तो गोली मार दो..! pic.twitter.com/lSTBSJXC2U
— NPG.News (@newpowergame) January 10, 2022
दीवान द्वारा जवानों की समस्याओं को लेकर उन्हें आंदोलन के लिए सोशल मीडिया, वर्चुअल मीटिंग और प्रत्यक्ष भेंट मुलाकात करके लंबे समय से उकसाया जा रहा है।
एक ऐसी ही वर्चुअल मीटिंग के दौरान जब सुकमा ज़िले के एक आरक्षक ने उसे कहा कि बस्तर एरिया के कोई एसडीओपी रोकते हैं तो बिना एक क्षण लगाए उज्ज्वल दीवान कहता है गोली मार दो।
पुलिस अधिकारियों का कहना है, बस्तर में छत्तीसगढ़ पुलिस को इससे दोतरफा खतरा हो गया है, एक तो नक्सलियों का और दूसरा उज्ज्वल दीवान जैसे स्वयंभू नेताओं द्वारा उकसाये गए बल के जवानों की ओर से, जिन्हें उज्ज्वल दीवान द्वारा सीधे तौर पर अधिकारियों को गोली मारने का हुक्म दिया जा रहा है।
उज्ज्वल दीवान धमतरी जिले में आरक्षक था, जिसके विरुद्ध बहुत सी शिकायतें रही हैं।
बताया जाता है कि यह भाजपा के पूर्व विधायक और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष स्व. बद्रीधर दीवान के कथित तौर पर रिश्तेदारी में आता है।
उज्ज्वल दीवान ने कथित तौर पर अपने इस्तीफे के लिए पुलिस आरक्षकों के शोषण को कारण प्रचारित किया और लगातार पुलिस बल को अपनी मांगों को लेकर विद्रोह करने के लिए उकसाता है।
बहरहाल देखना ये है कि राज्य सरकार इस गंभीर विषय पर क्या निर्णय लेती है, क्या पुलिस में विद्रोह भड़काने वाले, पुलिस परिवार की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने वाले अपनी जेब भरने वाले उज्ज्वल दीवान पर कार्यवाही की जाती है या नहीं। क्योंकि स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुलिस की समस्याओं के निदान के लिए गंभीर हैं और उन्होंने सहायक आरक्षकों को आरक्षक बनाने की घोषणा भी की है, कांग्रेस के सरकार में आने के बाद पुलिस के निचले कर्मियों को राहत देने, अवकाश देने, समस्या समाधान हेतु जनदर्शन जैसी व्यवस्थाएं लागू की है मृत शहीद पुलिस कर्मियों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक अनेक निर्णय लिए हैं ऐसे में कहीं छत्तीसगढ़ पुलिस में घुन की तरह लगे उज्ज्वल दीवान जैसे लोगों को माहौल खराब करने दिया जाना उन शहीदों का अपमान तो नहीं होगा जिन्होंने अभावों और समस्याओं से जूझते हुये भी विभाग, कानून, संविधान और प्रदेश के प्रति अपनी निष्ठा को नहीं छोड़ा और कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान किया।