Teacher News: विधवा शिक्षिका से रिश्वत मांगने वाले BEO को बना दिया DEO, कलेक्टर का आदेश और पीड़िता का शपथ पत्र हो रहा वायरल
Teacher News: राज्य शासन के एक आदेश से सिस्टम पर सवाल उठने लगा है। स्कूल शिक्षा विभाग में डीईओ के पद पर हाल ही में राज्य शासन ने पदस्थापना और तबादला आदेश जारी किया है। बिलासपुर जैसे प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले के अलावा हाई कोर्ट मुख्यालय में दागी शिक्षक को डीईओ की कुर्सी सौंप दी है। बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक में बीईओ के पद पर रहते हुए विजय तांडे पर शिक्षिका से एक लाख चार हजार रुपये घूस लेने का आरोप है। आरोप की पुष्टि के बाद कलेक्टर ने पद से हटा दिया था। दागी बीईओ को प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले में डीईओ के पद पर पदस्थापना को लेकर सवाल उठने लगा है। आखिर सिस्टम नाम का कोई चीज है भी नहीं।

Teacher News: बिलासपुर। शिक्षिका से एक लाख चार हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में कोटा ब्लाक के तत्कालीन बीईओ और वर्तमान में बिलासपुर जिले के नए डीईओ विजय तांडे और मिलीभगत में शामिल क्लर्क एकादशी पाेर्ते के खिलाफ कलेक्टर ने जांच दल का गठन किया था। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में महिला शिक्षिका की शिकायत को सही ठहराते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर जिले के तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण ने बीईओ तांडे को पद से हटाते हुए स्कूल भेज दिया था। वहीं क्लर्क एकादशी पोर्ते को तत्कालीन डीईओ अनिल तिवारी ने निलंबित कर दिया था। कोटा ब्लाक के बीईओ के पद पर रहते हुए तांडे ने जो कुछ किया, सभी दस्तावेज सोशल मीडिया में तेजी के साथ वायरल हो रहा है। वायरल दस्तावेजों के साथ यह सवाल भी उठा रहे हैं कि आखिर राज्य सरकार में सिस्टम नाम का कोई चीज है भी नहीं।
ओछिनपारा में पदस्थ विधवा शिक्षिका नीलम भारद्वाज से 1 लाख 24 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। यह रकम बीईओ कार्यालय में पदस्थ क्लर्क एकादशी पोर्ते ने ली थी। 3 मार्च को शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने इसकी शिकायत जनदर्शन में तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण से की थी। कलेक्टर के निर्देश पर इस मामले में तीन सदस्यीय जांच टीम बनी। कमेटी ने 21 मार्च को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में क्लर्क एकादशी पोर्ते व बीईओ विजय तांडे को रिश्वतखोरी में संलिप्त पाया गया था। जांच में यह बात सामने आई थी कि दोनों ने मिलकर महिला - शिक्षिका का करीब डेढ़ महीने की सैलेरी भी रोक दी थी।
कोटा के तत्कालीन बीईओ विजय तांडे पर शिक्षक को गलत स्कूल में ज्वाइन कराने का आरोप लगा था। सितंबर 2022 में प्रदेश स्तर पर शिक्षकों के तबादले हुए थे। सूची में बिल्लीबंद के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक शैलेष यादव का स्थानांतरण धौराभाठा बिल्हा में हुआ था। शिक्षक को वहां जॉइनिंग देनी थी पर उन्होंने कोटा के ही धौराभाठा स्कूल में पदभार ग्रहण कर लिया। विजय तांडे उस समय कोटा ब्लाक में बीईओ के पद पर पदस्थ थे। 17 अक्टूबर 2022 को शैलेष यादव को बिल्लीबंद से रिलीव कर धौराभाठा कोटा में पदभार ग्रहण करने का आदेश निकाल दिया था। जबकि स्थानांतरण आदेश में शिक्षक का स्थानांतरण बिल्लीबंद कोटा से धौराभाठा बिल्हा किया गया था। शासन के आदेश को धता बताते हुए इस तरह की गड़बड़ी करने का आरोप भी लगा।
0 विभागीय जांच की अनुशंसा, फाइल दबा दी गई
विधवा शिक्षिका के बैंक खाते में रकम जमा कराने के बजाय कोटा ब्लाक के तत्कालीन बीईओ तांडे ने अपने बैंक अकाउंट में राशि जमता करा ली। दिसंबर से जारी राशि को मार्च तक अपने अकाउंट में जमा रखा। जांच में इस बात का खुलासा किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण ने विभागीय जांच की अनुशंसा की थी। अचरज की बात ये कि आजतलक इस गंभीर मामे की जांच कराई ही नहीं गई। फाइल दबाकर रख ली गई। दागी अफसर को बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण जिले का डीईओ बनाकर भेज दिया गया है।
0 ये है तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण का आदेश
कलेक्टर बिलासपुर 10. मार्च 2025 के माध्यम से शिकायतकर्ता नीलम भारद्वाज, सहायक शिक्षिका एलवी. शा०प्रा० शा० ओछिनापाना विकासखंड कोटा द्वारा प्रस्तुत शिकायत उनके पति स्व पुष्कर भारद्वाज, शिक्षक के मृत्यु उपरांत देय स्यत्वों के भुगतान न किये जाने व उनके एवज में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा के लिपिक एकादशी पोर्ते द्वारा रूपये 1 लाख 24 हजार की मांग किये जाने की जांघ तीन सदस्यी टीम गठित कर कराई गई।
जांच अधिकारी ने अपने प्रतिवेदन 21.मार्च.2025 द्वारा प्रकरण पर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अपने अभिमत में स्पष्ट करते हुए लेख किया है कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा विजय टाण्डे एवं लिपिक एकादशी पोर्ते की मिली भगत से शिकायत 07.मार्च .2025 तक डेढ़ माह की विस्तारित अवधि तक मृत्य शिक्षक के परिवार राशि को रोककर रखना, संबंधित को भुगतान नहीं करना लेन देन की मंशा रखना एवं शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि करता है।
प्रकरण की गंम्भीरता को ध्यान में रखते हुए प्रकरण पर विभागीय जांच संस्थिति किया जाना प्रस्तावित किया जाता है, एतद् द्वारा विजय टाण्डेय, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा को आगामी आदेश पर्यन्त कार्य संपादन हेतु प्राचार्य शा०हाई स्कूल खुरदूर विकास खंड कोटा में किया जाता है।
0 जांच रिपोर्ट में इस तरह किया खुलासा
शिकायतकर्ता नीलम भारद्वाज ने अपने उत्तर में पति की मृत्यु 25.जुलाई.2024 होना बताया। उनमें अवधि 02-24 से 07-24 के वेतन में से 1,34,000 रूपये की मांग सहायक ग्रेड-02 एकादशी पोर्ते के द्वारा मांगना तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा विजय टांडे से मिलने को कहा। जिनका भारद्वाज ने दो घण्टे इंतजार किया अगले दिवस 1-3-25 फोन नं. 8319131611 से मात्र एक माह का वेतन 67072 रू0 ही देने कहा गया, कथन किया। लिपिक पोर्ते द्वारा उक्त राशि के अभाव में पेन्शन प्रकरण नहीं बनेगा बोला। अनुकंपा राशि रू0 50,000 रुपये भारद्वाज द्वारा दिया जाना बताया गया। यह भी बताया कि बीमा राशि तीन लाख भुगतान के एवज में लिपिक पोर्ते द्वारा 3000 रुपये लिया गया। पति की मेडिकल रिइम्बर्समेंट राशि 184438/- एवं 118452/- भी भुगतान नहीं होना बताया। कथन के पक्ष में उन्होंने शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया।
लिपिक एकादशी पोर्ते सहा0ग्रेड-02 को कुल 07 प्रश्न दिया गया स्थापना का प्रभार उनके पास होना स्वीकार किया गया। लिखित में 21 जनवरी 2025 एवं 22/01/2025 को कुल 06 बिल के माध्यम से राशि रू0 392635/- आहरण कर खाता क्रमांक 2500005500000085 में जमा करना स्वीकार किया गया। इस तथ्य को विजय टांडे विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा द्वारा भी लिखित में स्वीकार किया है।
यह भी कि लिपिक पोर्ते ने अपने उत्तर के बिन्दु-03 में राशि का आहरण स्वीकार किया किन्तु भुगतान का कारण अवकाश की गणना नहीं हो पाना बताया गया। यह बात शिकायतकर्ता को 28/02/2025 को बताई गई जबकि राशि 22/01/2025 को ही आहरित हो चुकी थी और वह भी पात्रता राशि से रू0 148610/- अधिक आहरित कर ली गई।
पोर्ते ने बिन्दु (05) में शिकायतकर्ता को विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी साहब से मिलने कहना,स्वीकार किया। शिकायतकर्ता को फोन करना एवं रिश्वत की मांग को मनगढ़ंत बताया। ये 14 वर्ष से उसी कार्यालय में पदस्थ हैं। विजय टांडे वि.खं.शि.अधि.कोटा को कुल 06 प्रश्न दिये गये। ये इस कार्यालय में 04 वर्ष से बिन्दु 03 में आपने बताया कि शिकायतकर्ता ने लिपिक द्वारा पैसों की मांग की शिकायत उन तक नहीं की है। उत्तर बिन्दु 04 में स्वीकार किया कि कार्यालय द्वारा 175 दिवस का वेतन रू0 392635/- (रू0 तीन लाख बयानवे हजार छः सौ पैंतीस मात्र) आहरित किया गया किन्तु उनको 109 दिवस के अवकाश की पात्रता थी जिसके अनुसार रू0 244025/- (रू0 दो लाख चवालीस हजार पचीस मात्र) ही देय है। अतिरिक्त 66 दिवस की राशि रू0 148610/- (रू० एक लाख अड़तालीस हजार छः सौ दस मात्र) कोषालय में जमा करूंगा ऐसा कहा गया है। उत्तर बिन्दु 05 के अनुसार अंशदान अंतिम भुगतान राशि रू0 19095/-(रू० उन्नीस हजार पन्चानवे मात्र) भुगतान नहीं होना बताया गया।
यह भी बताया गया कि अवकाश अवधि का वेतन रू0 244025/- (रू0 दो लाख चवालीस हजार पचीस मात्र) संबंधित को 17.03.2025 को भुगतान किया गया किन्तु भुगतान का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। संलग्न सहपत्र क्र.06 में खण्ड शिक्षा अधिकारी ने अवकाश अवधि का वेतन अवकाश बिना गणना किये 06 व्हाउचर के माध्यम से 21 एवं 22 जनवरी, 2025 दो दिवस की अवधि में आहरण कर खाता क्रमांक 2500005500000085 में जमा करना स्वीकार किया किन्तु संबंधित को भुगतान नहीं किया गया। शिकायत की पुष्टि हुई। जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा आहरित राशि का भुगतान 01 माह 15 दिवस तक भी भुगतान नहीं होने पर व्यथित होकर कलेक्टर महोदय को शिकायत प्रस्तुत की गयी।
0 अभिमत
उक्त अभिलेखों के अवलोकन प्रश्नावली के विश्लेषण से स्पष्ट है कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा विजय टांडे एवं लिपिक एकादशी पोर्ते सहायक ग्रेड-02 द्वारा मिलीभगत कर शिकायत 07 मार्च2025 तक डेढ़ माह की विस्तारित अवधि तक राशि को रोककर रखना, संबंधित को भुगतान नहीं करना, लेनदेन की मंशा रखना एवं शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि करता है और आज जांच दिनांक 21 मार्च 2025 तक भी भुगतान नहीं हो सका है।
शिक्षा विभाग कोटा का ब्लॉक प्रमुख होने एवं आहरण संवितरण अधिकारी होने के नाते उनसे यह व्यवहार कदापि अपेक्षित नहीं था। इससे विभाग की छबि धूमिल हुई है। विस्तृत एवं गहन जांच के लिए विभागीय जांच संस्थित किया समीचीन प्रतीत होता है।
0 पीड़िता ने शपथ पत्र में इस तरह लगाई थी आरोप
शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने शपथ पत्र के साथ शिकायत की थी कि मेरे पति स्वं पुष्कर कुमार भारद्वाज शासकीय पूर्व माघ शाला नवागांव (मोहदा) संकुल पोड़ी विकाश खण्ड कोटा में शिक्षक के पद पर पदस्त रहते हुए दिनांक 25/07/2024 को मृत्यु हो गया था।
मृत्यु के पूर्व दुर्घटना हो जाने के कारण उनका छः माह तक अस्पताल में इलाज हुआ था।
मेरे पति की मृत्यु हो जाने के पश्चात शासन द्वारा देह राशि खंण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोटा द्वारा भुगत्तात्त किया जाना था।
उनके मृत्यु के पश्चात मुझे एक्सग्रसिया कि राशि रूपए 50,000 तथा बीमा की राशि 3,00,000 का भुगतान मुझे किया गया था जिसके एवज में मुझसे रू. 3000 एकादशी पोर्ते बाबु लिया गया था
मेरे स्व. पति के इलाज के अवधि का चिकित्या अवकाश स्वीकृत कर मुझे छः माह का वेतन फरवरी 24 से जुलाई 24 तक का भुगतान किया जाना हैं। जिसका हिसाब एकादशी पोर्ते बाबु द्वारा रूपए 67072 प्रति माह की दर से कुल 3.92.263 रूपए भुगतान किया जाना बताया गया। इस हेतु मुझसे दो माह का वेतन आर्थत 1,34,000 की माग कि गई और बोले कि बी.ई.ओ. साहब विजय ताण्डे के द्वारा उक्त राशि कि मांग कि गई हैं। अभी साहब ऑफिस में नही इंतजार करके उनसे भेंट करके बातचीत करके जाना। मै दो घण्टा इंतजार करने के बाद साहब के नहीं आने पर वापस घर लौट आई।
दूसरे दिन दिनांक 1 मार्च 25 को एकादशी पोर्ते बाबू ने फोन कर मुझसे बुलवाया की यदि दो माह की राशि ज्यादा लग रहा है तो एक माह की राशि आर्थात 67072 रूपए दे दो काम हो जाएगा और उन्होने मुझे चेतावनी दी यति राशि नहीं दोगे तो काम नहीं होगा और आपको पति के मृत्यु के पश्चात जो पेंशन मिलना है वह भी नही बनाउंगा।
उपरोक्तानुशार मुझसे बहुत अधिक राशि मांगने से में व्यतीत होकर घर लौट आई और श्री मान कलेक्टर महोदय के समक्ष 07/03/2025 को उपस्थित होकर इस संबंध अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत की जिसकी प्रतिलिपि जिला शिक्षा अधिकारी को भी प्रस्तुत की।
मेरे पति के द्वारा इलाज के दौरान अस्पताल में खर्च हुई राशि के रिएम्बर्स मेंट के लिए भी आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसकी राशि कमशः 184438 एवं 118452 है दोनो राशि आज तक प्राप्त है।
