ताड़मेटला न्यायिक जाँच रिपोर्ट: स्पष्ट राय के अभाव में फिर होगी बैठक.. रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री गृहमंत्री की जल्द हो सकती है बैठक

रायपुर,4 फ़रवरी 2022। ताड़मेटला न्यायिक जाँच आयोग की रिपोर्ट कैबिनेट में पेश हो गई लेकिन निष्कर्षों को लेकर स्पष्ट राय उल्लेखित ना होने से बग़ैर किसी निर्णय यह वापस लाल बस्ते में पहुँच गई है।
ताड़मेटला कांड मोरपल्ली तिमापुर दोरनापाल और ताड़मेटला में हुई घटनाओं को लेकर प्रचलित नाम है।सुकमा जिले के दोरनापाल-जगरगुंडा इलाके में स्थित ग्राम ताड़मेटला, मोरपल्ली और तिम्मापुर में 11 से 16 मार्च 2011 के बीच 250 वनवासियों के मकानों को आग लगा दी गई थी। सुरक्षा बलों का दावा रहा है कि आगजनी नक्सलियों की ओर से की गई थी, वहीं नक्सलियों ने इसके लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया था।इस घटना के क़रीब दस दिनों बाद 26 मार्च को प्रभावित ग्रामों में जाने के लिए निकले स्वामी अग्निवेश के काफिले पर सुकमा से 35 किलोमीटर आगे दोरनापाल में हमला हुआ था।
इस मामले की सीबीआई जाँच भी हुई और न्यायिक जाँच भी की गई। इस न्यायिक जाँच में करीब 278 गवाह मौजूद हुए थे।बिलासपुर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस टीपी शर्मा इसके अध्यक्ष थे और क़रीब दस साल तक यह जाँच चली। इसकी अधिकांश सुनवाई घटनास्थल से क़रीब डेढ सौ किलोमीटर दूर जगदलपुर या फिर पाँच सौ किलोमीटर दूर रायपुर में हुई।
ताड़मेटला कांड की इस न्यायिक जाँच रिपोर्ट जिसे टीएमटीडी न्यायिक जाँच कहा गया की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई जिसे हालिया कैबिनेट की बैठक में रखा गया।
खबरें हैं कि इस जाँच रिपोर्ट में निष्कर्षों को लेकर कोई स्पष्ट राय अथवा संकेत उपलब्ध नहीं पाए गए हैं इसलिए इस न्यायिक जाँच रिपोर्ट पर कोई तत्काल फैसला नहीं लिया गया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार ताड़मेटला की न्यायिक जाँच रिपोर्ट को लेकर या तो समूची कैबिनेट या फिर मुख्यमंत्री गृहमंत्री और उच्च पदस्थ अधिकारियों के बीच चर्चा में निर्णय होगा कि आख़िर इस रिपोर्ट पर क्या रुख़ अपनाया जाए।
