Road Map of Bastar: टॉप प्रायरिटी में बस्तर, विकास के रोड मैप के लिए CM विष्णुदेव पहुंचे जगदलपुर, कल मुख्य सचिव और DGP के साथ कलेक्टरों की बड़ी बैठक...
Road Map of Bastar: बस्तर में विकास को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार गंभीर हो गई है। विकास के लिए रोड मैप तैयार करने के सिलसिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दो दिन के लिए बस्तर पहुंच चुके हैं। कल कलेक्टर, एसपी की अहम बैठक होगी। सरकार नक्ली उन्मूलन के साथ ही बस्तर के विकास पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। याने नक्सलियों के खिलाफ फोर्स की मुहिम भी चलेगी और विकास के कार्य भी।

Road Map of Bastar
Road Map of Bastar: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दो दिन के दौरे पर बस्तर पहुंच चुके हैं। जगदलपुर में आज और कल दो दिन तक बस्तर के विकास पर मंथन होगा। रोड मैप बनाने के लिए आमलोगों के साथ ही वहां विकास से जुड़े काम करने वाले स्टेक होल्डरों से चर्चा की जाएगी। बस्तर का विकास किस तरह किया जाए, आम लोगों से भी विचार जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ उनके प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव राहुल भगत, जनसंपर्क आयुक्त डॉ0 रवि मित्तल भी जगदलपुर गए हैं। देर शाम तक जनप्रतिनिधियों से बस्तर के विकास के संदर्भ में बातचीत के बाद वहां के चुनिंदा लोगों के साथ मुख्यमंत्री का रात्रि भोज भी आयाजित किया गया है।
मुख्यमंत्री कल सुबह बस्तर के सभी सातों जिलों के कलेक्टर, एसपी, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ की बैठक लेकर ग्राउंड रिपोर्ट की जानकारी प्राप्त करेंगे। इस बैठक में हिस्सा लेने कल सुबह मुख्य सचिव अमिताभ जैन और डीजीपी अरुणदेव गौतम भी जगदलपुर जाएंगे। मुख्यमंत्री कल दोपहर बाद जगदलपुर से लौटेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जगदलपुर में चार विषयों कृषि, पशुपालन, मछली पालन एवं संबद्ध विषय, औद्योगिकीकरण एवं रोजगार, पर्यटन को बढ़ावा देना, कौशल विकास सहित युवाओं को बस्तर एवं अन्य क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने से संबंधित विषयों पर बस्तर में पदस्थ अधिकारियों एवं उस क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा करेंगे।
ज्ञातव्य है, बस्तर के चौतरफा विकास के लिए राज्य सरकार रोड मैप बनाने जा रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री सचिवालय ने सचिवों से विकास का एजेंडा मांगा है। सचिवों से कहा गया है कि बस्तर के विकास के संदर्भ में उनका विभाग वहां कौन-कौन सी योजनाओं पर काम कर सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खात्मा के लिए मार्च 2026 का डेडलाइन तय कर दिया है। सरकार में बैठे अफसरों का कहना है कि बस्तर में नक्सलवाद खात्मा का इंतजार करने की बजाए कोशिश की जा रही कि नक्सल उन्मूलन और विकास दोनों काम एक साथ चलता रहे। ताकि, मार्च 2026 में जब बस्तर नक्सल मुक्त होगा तो डेवलपमेंट फुल रफ्तार पकड़ ले। वैसे भी बस्तर के तीन-चार जिलों में नक्सलियों का प्रभाव लगभग खतम हो गया है। वहां विकास कार्यों को गति दी जा सकती है।