Road Accident News: केंद्र सरकार ने राजपत्र में किया प्रकाशन: सड़क दुर्घटना में घायलों काे अब डेढ़ लाख तक कैशलेस फ्री इलाज की मिलेगी सुविधा, पढ़िए राजपत्र में क्या है नियम व शर्तें...
Road Accident News: सड़क दुर्घटना में घायल होने वालों को अब समय पर मुफ्त में इलाज की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार ने कैशलेस इलाज को लेकर राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है। घायलों को अब डेढ़ लाख रुपये तक फ्री इलाज की सुविधा मिलेगी। अस्पतालों का चयन राज्य सरकार को करना है। केंद्र सरकार ने इलाज की सुविधा से लेकर अस्पतालों में भुगतान को लेकर जरुरी दिशा निर्देश जारी कर दिया है।

Hardoi Road Accident
Road Accident News: रायपुर। केंद्र सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रदेशभर के कलेक्टर व एसपी को पत्र लिखकर राजपत्र में प्रकाशित दिशा निर्देशों का परिपालन करने कहा है। मोटरयान के प्रयोग से सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को ऐसी दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 07 दिन की अवधि के लिये किसी भी नाम निर्दिष्ट अस्पताल में प्रति पीड़ित 1,50,000/- रूपये तक नगदी रहित कैशलेस उपचार की पात्रता रहेगी। केंद्र की इस सुविधा से अब घायलों को समय पर इलाज मिलेगा। इलाज और आर्थिक संकट के चलते अब किसी की जान नहीं जाएगी। केंद्र सरकार ने देशभर में इस योजना को लागू कर दिया है। इस योजना को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ शामिल किया है।
सड़क दुर्घटना में घायलों को कैशलेस इलाज की सुविधा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण" से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में इसे शामिल किया गया है।
इनको मिलेगी सुविधा, ये होंगे इलाज के लिए पात्र
(1) कोई भी व्यक्ति जो किसी भी सड़क पर मोटर यान के प्रयोग से हुई सड़क दुर्घटना का पीडित (जिसे इसके बाद पीड़ित कहा जाएगा) है, इस स्कीम के उपबंधों के अनुसार नकदी रहित उपचार का हकदार होगा।
(2) पीड़ित ऐसी दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन की अवधि के लिए किसी भी नाम निर्दिष्ट अस्पताल में प्रति पीडित एक लाख पचास हजार रुपये तक की रकम के नकदी रहित उपचार का हकदार होगा।
(3) इस स्कीम के अधीन नाम निर्दिष्ट अस्पताल के अतिरिक्त किसी अन्य अस्पताल में उपचार केवल स्थिरीकरण प्रयोजनों के लिए किया जाएगा और यह मार्गदर्शी सिद्धांतों द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाएगा।
अस्पतालों के नाम राज्य सरकार करेगी तय
राज्य सरकार पीड़ितों को ट्रॉमा और पॉली-ट्रॉमा देखभाल प्रदान करने में सक्षम सभी अस्पतालों को स्कीम के कार्यान्वयन के लिए नाम निर्दिष्ट अस्पतालों के रूप में शामिल करने के सभी आवश्यक उपाय करेगी।
नोडल एजेंसी, ये शर्तें भी जरुरी
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के लिए स्कीम के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी होगा।
परन्तु राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार के पूर्व अनुमोदन से, किसी अन्य निकाय को नोडल अभिकरण के रूप में विनिर्दिष्ट करे।
नोडल अभिकरण मार्गदर्शी सिद्धांतों के द्वारा यथाविनिर्दिष्ट, स्कीम के पूर्ण या उसके किसी भाग के कार्यान्वयन के लिए कार्यान्वयन अभिकरणों को विनिर्दिष्ट कर सकेगा।
राजपत्र में जरुरी दिशा निर्देश
नाम निर्दिष्ट अस्पतालों को शामिल करने, पीड़ितों के उपचार, उपचार के लिए नाम निर्दिष्ट अस्पताल को भुगतान और संबंधित मामलों के लिए पोर्टल को अंगीकृत करने और उसका उपयोग करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समन्वय करेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा यथाविनिर्दिष्ट आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अधीन पैनल में रखे गए अस्पतालों के अलावा, उपचार प्रदान करने के लिए स्कीम के अधीन अस्पतालों को नाम निर्दिष्ट करने के लिए राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के साथ समन्वय करेगा।
स्कीम या इसके फायदों में धोखेबाजी या दुरुपयोग का पता लगाने और इसे रोकने के लिए अपेक्षित उपायों को कार्यान्वित करने के लिए राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के साथ समन्वय करेगा।
स्कीम के कार्यान्वयन से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक सिस्टम विकसित कर उसे कार्यान्वित और बनाए रखेगा।
पोर्टल पर नाम निर्दिष्ट अस्पताल को देय भुगतानों के समय पर संवितरण की निगरानी करेगा।
स्कीम के उचित कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर सौंपे गए ऐसे अन्य कार्यों का पालन करेगा या किसी अन्य उत्तरदायित्व का निर्वहन करेगा।
इलाज करने वाले अस्पतालों के लिए ये जरुरी निर्देश
स्कीम के अधीन चिकित्सा उपचार, उपचार पैकेजों के माध्यम से प्रशासित किया जाएगा।
स्कीम के अधीन उपबंधित नाम निर्दिष्ट अस्पताल को उपचार पैकेज के खर्च का भुगतान उपचार पैकेज दर पर आधारित होगा।
नाम निर्दिष्ट अस्पताल पीड़ित को अस्पताल लाए जाने पर तुरंत चिकित्सा उपचार शुरू करेगा और उसे प्रशासित करेगा।
स्कीम के अनुसरण में नाम निर्दिष्ट अस्पताल द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया वह होगी जो मार्गदर्शी सिद्धांतों द्वारा विनिर्दिष्ट की जाए।
तत्काल करना होगा रेफर
यदि नाम निर्दिष्ट अस्पताल यह समझता है कि पीड़ित के समुचित उपचार के लिए आवश्यक उपचार सुविधाएं या विशेषज्ञता उसके पास उपलब्ध नहीं है, तो ऐसा नाम निर्दिष्ट अस्पताल पीड़ित को तुरंत किमी अन्य नाम निर्दिष्ट अस्पताल में रेफर करेगा और पोर्टल पर स्थानांतरण को उपदर्शित करेगा तथा पीड़ित को एम्बुलेंस के माध्यम से ऐसे नाम निर्दिष्ट अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था भी करेगा।
अस्पतालों को ऐसे होगा भुगतान.
स्कीम के अधीन पीड़ित को छुट्टी मिलने के बाद यथास्थिति नाम निर्दिष्ट अस्पताल या स्थिरीकरण उपचार प्रदान करने वाला ऐसा अन्य अस्पताल, पोर्टल पर उपचार पैकेज की लागत के भुगतान के लिए राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा ऐसी यथाविनिर्दिष्ट रीति और ऐसे दस्तावेजों के साथ दावा प्रस्तुत करेगा।
राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा दावे का अनुमोदन हो जाने पर, नाम निर्दिष्ट अस्पताल को उपचार पैकेज के खर्च के लिए अनुमोदित भुगतान मार्गदर्शी सिद्धांतों में विनिर्दिष्ट ऐसे अभिकरण या प्राधिकरण को पोर्टल पर अंतरित कर दिया जाएगा।
ऐसे अभिकरण या प्राधिकरण द्वारा निधि के संबंधित खाते से उप-खण्ड (4) के अधीन राज्य स्वास्थ्य अभिकरण से अनुमोदित भुगतान की प्राप्ति की तारीख से 10 दिन की अवधि के भीतर किया जाएगा।
मानिटिरंग की जिम्मेदारी जिला सड़क सुरक्षा समिति को
प्रत्येक जिले के भीतर स्कीम के क्रियान्वयन की मानीटरिंग अधिनियम की धारा 215 की उपधारा (3) के अधीन गठित जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा की जाएगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय स्कीम से संबंधित मुद्दों के समाधान तथा मार्गदर्शी सिद्धांतों की अधिसूचना के लिए केंद्रीय सरकार में नोडल प्राधिकरण होगा।
