कोलकाता। राज्य में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को मंगलवार को सेहत बिगड़ने पर एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया।
इस महीने की शुरुआत में, गंभीर शारीरिक बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम से अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
सूत्रों ने कहा कि मल्लिक, जो राज्य के निवर्तमान वन मंत्री हैं, को आईसीयू में स्थानांतरित करने का निर्णय उनके रक्तचाप के स्तर में गिरावट होने के बाद लिया गया।
हालांकि, राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं, क्योंकि राशन वितरण मामले की अगली सुनवाई के लिए मल्लिक को इस गुरुवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया जाना है।
सूत्रों के मुताबिक, अगली सुनवाई में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को अदालत के सामने महत्वपूर्ण सबूत पेश करने की उम्मीद है कि कैसे मंत्री ने अपनी पत्नी, बेटी, सास और साले सहित परिवार के सदस्यों को कई फर्जी कॉरपोरेट संस्थाओं में घोटाले की रकम को इधर-उधर करने में शामिल किया गया।
ईडी ने अब तक कुल 10 ऐसी कॉर्पोरेट संस्थाओं का पता लगाया है, जिनमें से मल्लिक के इन करीबी रिश्तेदारों को कभी न कभी निदेशक बनाया गया था।
जिन कंपनियों में मंत्री के ससुराल वालों को एक निश्चित अवधि के लिए निदेशक बनाया गया था, वे मुख्य रूप से कोलकाता के व्यवसायी बाकिबुर रहमान से जुड़े थे, जो इस मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति थे।
तीन संदिग्ध कॉर्पोरेट संस्थाएं, जहां मंत्री की सास और बहनोई निदेशक थे, वे हैं श्री हनुमान रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेसियस इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड और ग्रेसियस क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड।