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Raipur News: सौम्या चौरसिया को मिली जमानत: समय पर चालान पेश नहीं कर पाई जांच एजेंसी

Raipur News: आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी/ ईओडब्ल्यू के द्वारा दर्ज मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर की अदालत ने आज राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया को जमानत दे दी है।

Raipur News: सौम्या चौरसिया को मिली जमानत: समय पर चालान पेश नहीं कर पाई जांच एजेंसी
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By NPG News

Raipur News: रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रही राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को एसीबी/ ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर की अदालत से जमानत मिल गई है। तय समयावधि में चालान प्रस्तुत नहीं कर पाने के चलते विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा की अदालत ने 50–50 हजार रूपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत दी है।

मुख्यमंत्री की उपसचिव रही राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को सबसे पहले ईडी ने कोल लेव्ही घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप था कि कोल ट्रांसपोर्ट करने वाले व्यापारियों से प्रति टन 50 रुपए वसूली करने के बाद ही पीट पास जारी किया जाता था। जो व्यापारी रकम नहीं देता था उसे पीट पास जारी नहीं किया जाता था। इस सिंडिकेट को चलाकर 540 करोड़ रुपए वसूली की गई थी। इस पूरे मामले का किंगपिंग ईडी ने सूर्यकांत तिवारी को माना था। आरोप है कि सूर्यकांत तिवारी को यह असीमित शक्ति सौम्या चौरसिया से मिलती थी। ईडी के इस मामले में सौम्या को पूर्व में ही सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।

छत्तीसगढ़ की एसीबी/ ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी सौम्या के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में 7 जनवरी को 60 दिन होने के बाद सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने डिफॉल्ट बेल लगाते हुए 60 दिन की समयावधि में बेल नहीं देने पर बेल देने की मांग की थी। बता दे सौम्या के अधिवक्ता ने बताया था कि 7 जनवरी को इस मामले में प्रकरण कायमी के बाद 60 दिन हो चुके है। लिहाजा बेल दिया जाना चाहिए। पर एसीबी के अधिवक्ताओं ने आज मामले में बहस के लिए समय मांगा था।

आज विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम निधि शर्मा की अदालत में मामले में सुनवाई हुई। जिसमें एसीबी की ओर से अधिवक्ता मिथिलेश श्रीवास्तव और श्लोक वर्मा ने तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया कि एसीबी के द्वारा चालान प्रस्तुत करने की अवधि 60 नहीं 90 दिन है। पर सौम्या के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने भारतीय न्याय संहिता 187(3) का उल्लेख करते हुए कहा कि एसीबी द्वारा दर्ज मामले में भी चालान प्रस्तुत करने के निर्धारित समय अवधि 60 दिन ही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के विभिन्न न्याय दृष्टांतो का हवाला भी दिया। तर्कों को सुनने के पश्चात विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा ने सौम्या चौरसिया को जमानत प्रदान कर दी।

कोल लेव्ही स्कैम में रहेंगी सौम्या जेल में:–

सौम्या चौरसिया को कोल लेव्ही स्कैम में ईडी द्वारा दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। पर इसी मामले में एसीबी/ ईओडब्ल्यू द्वारा भी पृथक से मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसमें सौम्या को जमानत नहीं मिली है। जिसके चलते उन्हें अब भी जेल में रहना होगा।

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