Raipur News: रायपुर कलेक्टर की अच्छी पहली: जनदर्शन की स्थायी व्यवस्था, रोज हो रही सुनवाई
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Raipur News: रायपुर।कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के पहल पर शुरू की गई जनदर्शन में प्रताप सिंह के चेहरे में आज खुशी की झलक दिखी। वाक्या ऐसा था जब वे कलेक्ट्रेट के कक्ष क्रमांक-04 के प्रतिदिन लगने वाले जनचौपाल में आए थे। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह आज यहां नागरिकों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुन रहे थे।
तेलीबांधा निवासी प्रकाश अपने राशन कार्ड के केवाईसी करवाने आए थे। वे तीन माह पूर्व शुगर बीमारी के चलते अपना बाया पैर स्थाई रूप से गवाँ चुके हैं। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि विकलांग होने के कारण उनके जीवनयापन का समस्या आ रही है जिसके कारण हम कुछ काम नही कर पा रहे है। उन्होंने डॉ गौरव सिंह से मदद का निवेदन भी किया। कलेक्टर ने तत्काल खाद्य विभाग को राशन कार्ड की केवाईसी पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि राशन प्राप्त करने में दिक्कत न हो। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने कहा ताकि इन्हे अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ भी मिल सके।
कलेक्टर ने बातचीच के दौरान देखा कि प्रताप सिंह के पास व्हील चेयर भी नहीं है समाज कल्याण से उनको व्हील चेयर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कुछ समय के भीतर ही श्री प्रताप को वहीं व्हील चेयर मिल गई और उसी व्हीच चेयर के साथ घर वापस लौटे। प्रताप और उनकी पत्नी सिंह बेहद भावुक और खुश हुए व्हील चेयर पाकर चेहरे पर मुस्कान आई। उन्होंने कलेक्टर डॉ सिंह का धन्यवाद दिया।
आवेदनों का किया जाता है फॉलोअप
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह कलेक्टर परिसर में प्रतिदिन कार्यालयीन समय में जनदर्शन लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि आवेदक के कलेक्टर परिसर स्थित कमरा नंबर 4 के हाल में प्रतिदिन स्थायी जनदर्शन लगता है। इसकी एक प्रक्रिया तय की गई है। जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग जिला स्तरीय अधिकारी को प्रभारी अधिकारी की जिम्मेदारी दी जाती है। प्रवेश करते ही काउंटर से टोकन दिया जाता है उसके बाद उपस्थित नोडल अधिकारी को अपनी समस्या से संबंधित आवेदन देता है। समस्या के प्रकृति की अनुसार मौके पर निराकरण करने का प्रयास किया जाता है यह ना होने के स्थिति में इसे संबंधित विभाग को अग्रेशित किया जाता है। इसी कक्ष में नगर निगम, जिला प्रशासन सहित सभी विकासखंड से अधिकारी/कर्मचारी बैठे होते हैं।
जहाँ एक तरफ आवेदन ऑनलाइन इंट्री की जाती है। वहीं एक प्रति संबंधित विभाग के अधिकारियों को फोन से सुचना दी जाती है और सॉफ्ट कॉपी दी जाती है। साथ ही हार्डकॉपी भी भिजवार्इ्र जाती है। इसका कॉल सेंटर में बैठे कर्मचारियों द्वारा फॉलोअप किया जाता है वे आवेदक और विभागीय अधिकारी दोनो से बातचीत करते हैं। साथ ही समस्या के निराकरण होने की स्थिति की जानकारी संबंधित आवेदक से ली जाती है। कलेक्टर डॉ सिंह ने आवेदकों के आवेदन पर निश्चित समयावधि के भीतर निराकृत करने के निर्देश दिए हैं।
मेडिकल परीक्षण की भी है सुविधा
04 नंबर कक्ष के बाहर मेडिकल परीक्षण की सुविधा है। जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी द्वारा बीपी और शुगर की निःशुल्क जांच करते है। यहां आने वाले हर आवेदक अपना स्वास्थ्य जांच करा रहे और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हैं ।