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Raipur Master Plan 2031: बदलेगा रायपुर का मास्‍टर प्‍लान: खास लोगों को फायदा पहुंचाने सहित लगे कई गंभीर आरोप, मंत्री ओपी ने दिए जांच के निर्देश

Raipur Master Plan 2031: रायपुर मास्‍टर प्‍लान 2031 को लेकर कई गंभीर आरोप लगे हैं। मंत्री ओपी चौधरी तक पहुंची इस शिकायत पर उन्‍होंने विभागीय कमेटी से जांच कराने का निर्देश दिया है।

Raipur Master Plan 2031: बदलेगा रायपुर का मास्‍टर प्‍लान: खास लोगों को फायदा पहुंचाने सहित लगे कई गंभीर आरोप, मंत्री ओपी ने दिए जांच के निर्देश
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By Sanjeet Kumar

Raipur Master Plan 2031: रायपुर। रायपुर का मास्‍टर प्‍लान 2031 कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की नियत से बनाया गया है। कई स्‍थानों पर सड़कों की चौड़ाई कम कर दी गई है तो कहीं जमीन का लैंड यूज ही बदल दिया गया है। मास्‍टर प्‍लान को लेकर आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी से शिकायत की गई है। इसमें कहा गया है कि यह मास्टर प्लान जनहित को देखते हुए तैयार नहीं किया गया है, जबकि किसी व्यक्ति विशेष को लाभान्वित करने के लिए बनाया गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए मंत्री ओपी ने पूरे मामले की विभागीय कमेटी बनाकर जांच करने का निर्देश दिया है।

मास्‍टर प्‍लान को लेकर मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि पहले कुछ क्षेत्रों में रोड की चौड़ाई अधिक रखते हुए कॉलोनी निर्माण की अनुमति दी गई है, जिसे मास्टर प्लान में मार्ग की चौड़ाई कम रखते हुए बिल्डर को लाभ पहुंचाने का काम किया गया है तथा कई क्षेत्रो में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिये मास्टर प्लान में मिश्रित भू-उपयोग दिया गया है।

पूर्व मास्टर प्लान के कई मार्गों को हटा दिया गया है, जबकि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए मार्गों को यथावत रखा जाना चाहिए था। एक शहर के विकास के लिए मार्गों का होना अति आवश्यक है, जो कि उक्त मास्टर प्लान को देखने यह प्रतीत होता है कि इसमें शहर के विकास जैसा किसी प्रकार का प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है।

ग्गाम-अटारी, भटगाँव, बोरियाकला, चंदनीडीह, चरोदा, धनेली, दोंदेखुर्द, गिरौद, काठाडीह, मांढर, मोहदी, निमोरा, सिलतरा एवं उरला आदि ग्गामों में आवासीय / वाणिज्यिक / सार्वजनिक-अर्द्धसार्वजनिक आदि का प्रावधान मास्टर प्लान 2031 में नहीं किया गया है, जिससे उक्त ग्पमों का विकास सुनियोजित रूप से योजना तैयार नहीं की गई है।

पूर्व मास्टर प्लान 2011 में ग्राम-सरोना, रायपुरा में दर्शित आवासीय क्षेत्र को आमोद-प्रमोद दिखाया गया है, जबकि उक्त भूमि को राजस्व विभाग से आवासीय उपयोग हेतु डायवर्सन कराया गया है। मास्टर प्लान 2031 के जनसुनवाई में उपरोक्त के संबंध में आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी, जिसकी सुनवाई कर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इससे यह प्रतीत होता है कि जो व्यक्ति विशेष से लेन-देन करके कार्यवाही की गई है, न कि जनमानस के लिए मास्टर प्लान तैयार नहीं किया गया है।


शिकायत में आरोप लगाया गया है कि व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान में दर्शित कृषि भूमि उपयोग के मध्य में औद्योगिक /आवासीय / वाणिज्यिक उपयोग दिया गया है। इसी प्रकार रहवासी क्षेत्रो के बीच में औद्योगिक उपयोग दिया गया। जो कि पब्लिक हित में नहीं। जैसे आपकी सरकार मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग के संदर्भ में विचार कर रहा है, जिसमें आसपास के शहर, रायपुर, दुर्ग भिलाई, महासमुंद इत्यादि को मिलाकर एक प्लान तैयार किया जा रहा है, उस प्रकार की मास्टर प्लान 2031 में कोई रूपरेखा तैयार नहीं किया गया है।

रायपुर मास्टर प्लान 2031 तत्कालीन सरकार, उनके अधिनस्थ अधिकारियों और चहेते बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के मकसद से यह मास्टर प्लान तैयार किया गया है। आम पब्लिकों की आपत्ति/सुनवाई पर किसी प्रकार की रूचि नहीं ली गई। सुनवाई में उपस्थित माननीय और अधिनस्थ अधिकारियों द्वारा सुनवाई मान्य तो कर ली गई, किन्तु मानचित्र में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन न कर, अमान्य किया गया है। इस प्रकार सुनवाई के नाम पर आम लोगों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

मास्टर प्लान 2031 में हजारों प्रकार की गलतियां की गई है जैसा कि राजस्व में जलाशय / मार्ग / आमोद-प्रमोद दर्शाया गया है, किन्तु नवीन मास्टर प्लान में आवासीय / वाणिज्यिक उपयोग दिखाया गया है। इस प्रकार मास्टर प्लान 2031 में अनेकोनेक विसंगती / त्रुटियाँ होने से मास्टर प्लान आम जनता के हित में न होने से निरस्त करते हुए एक नवीन मास्टर प्लान तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें आम जनता की हितो की रक्षा की जा सके।

पूरे मामले की होगी चांज

मंत्री कार्यालय के अनुसार शिकायतकर्ता फनेन्द्र भूषण वर्मा एवं अन्यों के द्वारा तैयार किये गये रायपुर मास्टर प्लान 2031 में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाये जाने के संबंध मंत्री के समक्ष ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में मुख्य रूप से रायपुर मास्टर प्लान 2031 में किये गये अनियमितता पर कार्यवाही कर त्वरित नवीन मास्टर प्लान की मांग की गई है। मास्टर प्लान में मुख्य रूप से मार्गों की चौडाई को कम किया जाना, भू-उपयोग आवासीय / वाणिज्यिक / सार्वजनिक-अर्द्धसार्वजनिक का कई ग्रामों में सुनियोजित ढंग से प्रावधान नहीं किया गया है एवं व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिये मिश्रित भू-उपयोग चिन्हांकित किया है, पर त्वरित कार्यवाही हेतु ज्ञापन सौपा गया है। मंत्री ने यह आश्वासन व्यक्त किया है कि उक्त अनियमितता पर संबंधित विभाग में जॉच कमेटी गठित कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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