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जनसूचना अधिकारियों को दंड: मुख्य सूचना आयुक्त ने तीन जनसूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार का अर्थदंड लगाया

महासमुंद जिला पंचायत के सीईओ को जांच कर दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की

जनसूचना अधिकारियों को दंड: मुख्य सूचना आयुक्त ने तीन जनसूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार का अर्थदंड लगाया
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By NPG News

रायपुर, 20 अप्रैल 2022। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम का समय पर पालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण तीन जनसूचना अधिकारियों को 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड दिया है। साथ ही, महासमुंद जिला पंचायत के सीईओ को निर्देश दिए हैं कि वे जांच करें और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करें।

विनोद दास बसना ने ग्राम पंचायत सचिव (जनसूचना अधिकारी) बिलेमाल को 19 जुलाई 2018 कों आवेदन कर एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक ग्राम पंचायत में 14वें वित आयोग के तहत खर्च व भुगतान की जानकारी मांगी थी। जनसूचना अधिकारी ने समय पर जानकारी नहीं दी। इससे व्यथित होकर आवेदक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा के समक्ष 13 सितंबर 2018 को प्रथम अपील आवेदन किया। इस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 02 नवंबर 2018 को निर्णय दिया। इसका भी पालन जनसूचना अधिकारी ने नहीं किया, और न ही अपीलार्थी को जानकारी दी। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आवेदक ने आयोग में द्वितीय अपील की।

मुख्य सूचना आयुक्त राउत ने आयोग की सुनवाई में समय पर जवाब नहीं देने पर नाराजगी जताई। जनसूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया और कोविड-19 के तहत क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी के कारण जानकारी देने में विलंब हुआ। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी मुरलीधर साव ने समय पर जानकारी नहीं दी। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की और प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश प्राप्त नहीं होने संबंधी मिथ्या कथन के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलेमाल मुरलीधर साव जनपद पंचायत पिथौरा को 25 हजार रुपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को निर्देशित किए हैं कि जांच कर दोषी पाये जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें।

इसी प्रकार एक अन्य प्रक्ररण में सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी(ज) जनपद पंचायत कसडोल जिला महासमुंद को 10 अक्टूबर 2019 में आवेदन कर एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2019 तक 14 वें वित आयोग के तहत व्यय एवं भुगतान किए गए सभी बिल व्हाउचर और रोकड़ बही की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल़ को 28 नवंबर 2019 को आवेदन किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी कोई विनिश्चय नहीं किया जिससे क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया। जनसूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि आवेदन प्राप्त नहीं हुआ, जबकि प्रथम अपीलीय अधिकारी ने कहा कि आवेदक को सुनवाई के लिए समय दिया गया किन्तु आवेदक उपस्थित नहीं हुआ और जनसूचना अधिकारी को जानकारी उपलब्ध कराने निर्देश दिया गया। आयोग ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी(ज) दौलतराम बर्मन जनपद पंचायत कसडोल नोटिस जारी कर जवाब सहित सुनवाई में उपस्थित होने कहा, किन्तु बार-बार अवसर देने के बाद भी जनसूचना अधिकारी ने आयोग में नहीं जवाब प्रस्तुत किया और नहीं सुनवाई में उपस्थित हुआ। मुख्य राज्य सूचना आयुक्त राउत ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी(ज) दौलत राम बर्मन जनपद पंचायत कसडोल को 25 हजार रुपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल को निर्देशित किए हैं कि कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें और प्रथम अपीलीय अधिकारी को निर्दश दिए कि आवेदक को 30 दिवस के भीतर जानकारी निःशुल्क उपलब्ध कराएं।

आवेदिका दीपांजलि सरवंश ग्राम गेर्रा तहसील सरायपाली ने जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत छिबर्रा(गेर्रा) जनपद पंचायत सरायपाली को 16 सितंबर 2019 को आवेदन कर 14 वें वित आयोग के तहत वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक किए गए व्यय एवं भुगतान किए गए सभी बिल वाउचर और रोकड़ बही, कैश बुक, पासबुक और गाइडलाइन की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सरायपाली़ को 18 अक्टूबर 2019 को आवेदन किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी 6 नवंबर 2019 को आदेश पारित कर कहा कि 7 दिवस के भीतर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराएं। किन्तु जनसूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने से क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया। जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत छिबर्रा(गेर्रा) टेकराम बिशी जनपद पंचायत सरायपाली का नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया किन्तु देरी के कारण की जानकारी नहीं दी।

मुख्य राज्य सूचना आयुक्त राउत ने कहा कि जनसूचना अधिकारी टेकराम बिशी ने आवेदिका को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(1) का जानबूझकर उलंघन करते हुए विलंब से जानकारी दी। उन्होंने अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) छिबर्रा(गेर्रा) टेकराम बिशी जनपद पंचायत कसडोल को 25 हजार रुपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।

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