पुणे। एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में जुलाई 2016 में 15 वर्षीय स्कूली छात्रा के साथ सनसनीखेज कोपर्डी सामूहिक बलात्कार-सह-हत्या मामले में निचली अदालत से मौत की सजा पाए एक दोषी ने रविवार तड़के यहां यरवदा सेंट्रल जेल में आत्महत्या कर ली। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
जितेंद्र बाबुला शिंदे उर्फ पप्पू नाम का दोषी 26 साल का था जब उसने अपराध किया।
शिंदे तथा दो अन्य लोगों - संतोष गोरखा भवाल (30) और नितिन गोपीनाथ भैलुमे (28) - को दोषी पाया गया और नवंबर 2017 में आईपीसी और पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत बलात्कार, साजिश, अपहरण, हत्या और अन्य अपराधों के लिए अपराध के 16 महीने बाद मौत की सजा दी गई।
दोषियों में से एक के वकील विजयलक्ष्मी खोपड़े ने आईएएनएस को बताया कि दोषी तिकड़ी की मौत की सजा पर अभी तक बॉम्बे हाई कोर्ट की मुहर नहीं लगी है और संबंधित कार्यवाही प्रक्रिया में है।
एक अधिकारी ने कहा, शिंदे की आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है।
कक्षा 9 में पढ़ने वाली नाबालिग पीड़िता 13 जुलाई 2016 को कुछ सामान लाने के लिए पास में अपनी दादी के घर गई थी। कथित तौर पर तीनों ने उसे बहला-फुसलाकर उसका अपहरण कर लिया और फिर उसका बलात्कार और हत्या कर दी।
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद मराठा समुदाय ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कई मौन जुलूस निकाले थे।
राज्य सरकार ने अहमदनगर में फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष कानूनी लड़ाई का निर्देशन करने के लिए विशेष अभियोजक उज्ज्वल निकम को नियुक्त किया था। अदालत ने 16 महीने बाद नवंबर 2017 में अपना फैसला सुनाया।