Peace talks with Naxalites: नक्सलियों के गढ़ में खड़े होकर सीएम विष्णुदेव साय ने दिया सीधा संदेश: जंगल से आए वार्ता के प्रस्ताव पर डिप्टी सीएम बोले...
Peace talks with Naxalites: राज्य के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा के वार्ता के प्रस्ताव पर बस्तर में सक्रिय नक्सलियों ने दूसरी पत्र जारी किया है। इसमें नक्सलियों ने बातचीत के लिए कुछ शर्तें रखी है। इस पर आज पहले डिप्टी सीएम फिर खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिक्रिया दी।
Peace talks with Naxalites: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बस्तर के दौरे पर हैं। आज उन्होंने संभाग के विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। इधर, शांति वार्ता को लेकर आज ही नक्सलियों का पर्चा सर्वाजनिक हुआ है। इसमें नक्सलियों ने बातचीत के लिए कुछ शर्त रखी है। सुकमा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए साय ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। साथ ही नक्सलियों को स्पष्ट संदेश भी दिया। साय ने कहा कि शांति वार्ता का जवाब शांति से मिलेगा, हिंसा और बंदूक चलाएंगे तो फिर सरकार को जवाब देना आता है। सीएम ने कहा कि गृहमंत्री ने जो कहा उस पर सरकार अडिग हैं।
वहीं, डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने किसानों को दोगुना दाम की बात कही है। लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को पहले से 3100 रुपए धान का प्रति क्विंटल मिल रहा है। विकास कार्यों को लेकर नक्सलियों की टिप्पणी पर डिप्टी सीएम ने कहा कि सड़क, बिजली, पुल, पुलिया से कार्पोरेट का क्या संबंध है। बातचीत के संबंध में मैं विस्तृत चर्चा कर अपनी बात रखूंगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी मार्गदर्शन लेने वाला हूं।
नक्सलियों ने बातचीत के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए रखी ये शर्तें
बस्तर में हिंसा खत्म करने और शांति स्थापित करने के लिए प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के सामने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है। शर्मा वीडियो कॉल के माध्यम से भी नक्सलियों संगठन से जुड़े छत्तीसगढ़ के युवाओं से बात करने की बात कह चुके हैं। डिप्टी सीएम शर्मा हाल ही में बीजापुर के जांगला के दौरे गए थे, तब भी उन्होंने शांति वार्ता की बात दोहराई थी।
डिप्टी सीएम शर्मा के इस प्रस्ताव पर नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने जवाब भेजा है। बता दें कि नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी छत्तीसगढ़ के बस्तर के साथ ही महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में भी सक्रिय है। इस कमेटी के प्रवक्ता विकल्प के हस्ताक्षर से जारी लिखित बयान में बातचीत के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं।
जानिए... क्या है नक्सलियों की शर्त
15 मार्च की तारीख के साथ जारी इस बयान में नक्सल प्रवक्ता ने बातचीत के लिए सरकार के सामने अनुकूल वातावरण बनाने की शर्त रखी है। इसके लिए अलगे 6 महीने तक सरकारी फोर्स को बैरकों में सीमित रखने और नए कैंप नहीं खोलने के साथ ही झूठे मुठभेड़ बंद करने की शर्त रखी है। बता दें कि फरवरी में भी नक्सलियों की तरफ से ऐसा ही एक बयान आया था।
नक्सलियों ने कम की एक शर्त
इससे पहले फरवरी में आए बयान में नक्सलियों ने वार्ता के लिए मुठभेड़ों व क्रॉस फायरिंग के नाम पर झूठी मुठभेड़ों में आदिवासियों की जघन्य हत्याएं बंद करने की मांग की थी। तमाम सशस्त्र बलों को 6 माह के लिए बैरकों (थानों व कैंपों) तक सीमित किया जाए। नए कैंप स्थापित करना बंद किया जाए। राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए। अभी जारी बयान में राजनीतिक बंदियों को रिहा करने वाली शर्त नहीं रखी गई है। 15 मार्च को जारी बयान में नक्सली प्रवक्ता ने कहा कि यह सर्वविदित है कि अनुकूल वातावरण के बिना कोई वार्ता संभव नहीं हो सकती है। अनुकूल वातावरण के लिए हमने सरकार के सामने कोई बहुत बड़ी मांग या कोई शर्त नहीं रखी। हमने सिर्फ यह सुनिश्चित करने कहा कि मुठभेड़ों व क्रॉस फायरिंग के नाम पर झूठी मुठभेड़ों में आदिवासियों की जघन्य हत्याएं बंद की जाए, तमाम सशस्त्र बलों को 6 माह के लिए बैरकों (थानों व कैंपों) तक सीमित किया जाए एवं नए कैंप स्थापित करना बंद किया जाए।