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पठान के गाने पर भड़के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, बोले- जब उन्होंने कश्मीर फ़ाइल नहीं देखी तो हम क्यों देखें ऐसी फिल्म...

पठान के गाने पर भड़के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, बोले- जब उन्होंने कश्मीर फ़ाइल नहीं देखी तो हम क्यों देखें ऐसी फिल्म...
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By NPG News

भोपाल। पठान फिल्म के गाने को लेकर प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने गाने पर हीरोइन के पहने भगवा कपड़े को लेकर कहा कि फिल्म पठान के गाने में एक्ट्रेस को भगवा रंग के ही क्यों कम कपड़े पहनाए गए। कम कपड़े पहनाने थे तो काला, नीला पहनाना चाहिए था। विरोध का कारण उन्होंने खुद पैदा किया। यहां किसी को फुर्सत नहीं है, किसी को पागल कुत्ते ने नहीं काटा है कि जबरन विरोध करेगा। पंडित मिश्रा ने कहा कि आप स्वयं सनातन धर्म और व्यक्ति को भगवा रंग पहनाकर जनमानस में लाना चाहते हैं। आप परिधान के साथ बेटियों का चरित्र दिखा रहे हो..आधा स्वरुप दिखा रहे हैं...उनका वस्त्र कम दिखा रहे हैं..क्या दिखाना चाहते हैं..क्या हमारे भारत की बहन बेटियां ऐसी हैं।

पंडित मिश्रा ने कहा कि आप उस फिल्म को बना रहे हो, भारत में दिखाने के लिए तो मेरे भारत भूमि की बेटियां ऐसा परिधान नही पहनती हैं जो तुम दिखाने का प्रयास कर रहे हो। हम यह दिखाकर उनके परिधान को बदलना चाहते हैं। उस भगवा रंग को दिखाकर यह दिखाना चाहते हैं कि आप इससे दूर रहें या इससे बचने का प्रयास करें।

पंडित प्रदीप मिश्रा यहीं नहीं रुके और उन्होंने आगे कहा कि जब तुम कश्मीर देखने नहीं गए तो हम क्यो पठान देखने जाएंगे। नारी की शोभा उसका पूरा परिधान और सोलह श्रृंगार है। यह हमारी सभ्यता और संस्कृति है।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इन दोनों को कभी चुनाव लड़ते देखा है? ये किस पार्टी के हैं, किसको मालूम है। इनसे जुड़ा कोई व्यक्ति कभी चुनाव में खड़ा नही हुआ। क्योंकि जब–जब सनातन धर्म पर आंच आती है, कहीं बाढ़ आती है तो उस समय पर यह नहीं देखा जाता है कि ये कौन सी पार्टी का है। उस समय पर यह देखा जाता है यह हिंदू है, सनातनी है या इस संसार में जन्म लेने वाला मनुष्य है। पंडित प्रदीप मिश्रा मैं स्वयं किसी पार्टी का नही हूं। सनातनी हूं, हिंदू धर्म में पैदा हुआ हूं। इसीलिए जब भी बात करूंगा सनातन धर्म की करूंगा ना किसी पार्टी से। यह व्यास पीठ किसी पार्टी की नही है। राजनेता अपना स्थान छोड़ सकते हैं। आरएसएस और बजरंग दल वो संघ हैं जो हमारे दुख के समय अपना जी जान लगाकर सेवा करते हैं।

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