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Pandals on the streets, noise pollution: एनजीटी सख्‍त, इस मामले में रायपुर कलेक्टर को खुद उपस्थित होने का दिया निर्देश, वरना दर्ज होगा आपराधिक केस

Pandals on the streets, noise pollution: बेंच ने कहा कि कोई भी अपराधिक कार्यवाही करने के पहले वह कलेक्टर को एक मौका और दे रहे हैं वे 8 अगस्त की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताएं कि उन्होंने रिपोर्ट क्यों नहीं दी।

Pandals on the streets, noise pollution: एनजीटी सख्‍त, इस मामले में रायपुर कलेक्टर को खुद उपस्थित होने का दिया निर्देश, वरना दर्ज होगा आपराधिक केस
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By Sanjeet Kumar

Pandals on the streets, noise pollution: रायपुर। सड़कों पर पंडाल और ध्‍वनि प्रदूषण के मामले में एनटीजी ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। एनजीटी ने अगली सुनवाई में रायपुर कलेक्‍टर को खुद उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है। साथ ही आगाह किया है कि यदि अगली सुनवाई में कलेक्‍टर खुद नहीं आए तो आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2016 के आदेश का पालन नहीं किए जाने के विरुद्ध छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने एक याचिका दाखिल कर रखी है। इस पर रायपुर कलेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया और अाज सुनवाई के दौरान कलेक्टर की तरफ से कोई भी उपस्थित भी नहीं हुआ। मामले की सुनवाई नई दिल्‍ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच कर रही थी। एनजीटी पीठ के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व एक्सपर्ट मेम्बर डॉक्टर अफरोज अहमद की बेंच ने कहा कि कलेक्टर का यह कंडक्ट और एटीट्यूड ट्रिब्यूनल के आदेश की आज्ञा का उल्लंघन है, जो कि एनजीटी अधिनियम की धारा 26 के तहत अपराध है।

बेंच ने कहा कि कोई भी अपराधिक कार्यवाही करने के पहले वह कलेक्टर को एक मौका और दे रहे हैं और वे 8 अगस्त की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताएं कि उन्होंने रिपोर्ट क्यों नहीं दी। साथ ही 2016 का आदेश का पालन अगर नहीं हुआ है तो उसके कारण बताएं। गौरतलब है कि दो मई को हुई सुनवाई में एनजीटी ने कलेक्टर से 17 जुलाई तक याचिका में प्रस्तुत किए गए तथ्यों पर रिपोर्ट मांगी थी। समिति की तरफ से अधिवक्ता गौरवान्वित मेहता ने भोपाल से पैरवी की।

क्या है एनजीटी का 2016 का आदेश Pandals on the streets, noise pollution:

दिनांक 23.09.2016 को प्रकरण ओए 78/2016 में एनजीटी ने आदेशित किया था कि सड़कों पर पंडाल और स्वागत गेट इत्यादि लगाने के लिए बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी जाएगी और जब भी Pandals on the streets, noise pollution सड़क पर पंडाल और गेट लगते हुए पाए जाएं तो लोकल म्युनिसिपालिटी, पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें तत्काल हटाएगी और जिम्मेदार पर पेनाल्टी लगाएगी। इसके आलावा किसी भी जुलूस के दौरान कोई पंडाल गेट सड़क पर नहीं आना चाहिए जिससे कि ट्रैफिक के सुचारू प्रभाव में बाधा आवे। एनजीटी ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी विस्तृत निर्देश जारी किए थे।

Pandals on the streets, noise pollution: क्या की गई है शिकायत

त्योहारी सीजन में सड़कों पर लगने वाले पंडाल, स्वागत गेट और इस दौरान होने वाले Pandals on the streets, noise pollution ध्वनि एवं वायु प्रदूषण और इससे आम जनता को हो रहा स्वास्थ्य एवं मानसिक परेशानी के मुद्दे पर एनजीटी के आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण समिति ने एनजीटी समक्ष याचिका दायर कर रायपुर के कलेक्टर, एसपी, निगम आयुक्त और प्रबंध संचालक विद्युत वितरण कंपनी कंपनी पर एनजीटी एक्ट के प्रावधान अनुसार पेनाल्टी लगाने की मांग की।

शिकायत में ट्रैफिक जाम, ध्वनि प्रदुषण के कई उदहारण दिए Pandals on the streets, noise pollution:

शंकर नगर चौक, राठौर चौक, गोल बाजार, स्टेशन रोड में ट्रैफिक जाम की फोटो प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि शंकर नगर चौक में रात्रि कालीन म्यूजिक कार्यक्रम करने के लिए दिन भर सड़क जाम करके मंच बनाया गया और अधिकारियों ने उसे हटाने का कार्य नहीं किया जब कि सड़क पर ही पंडाल भी लगाया गया था, यह थाने से सिर्फ 500 मीटर दूर था। यहीं पर गणेश उत्सव के दौरान ही एक दूसरे दिन भर सड़क बंद कर दिन भर कार्यक्रम किया गया। विसर्जन के दौरान सड़क बंद कर घंटों डीजे और ढोल बजाए गए।

क्या मांग की गई है याचिका में

1.कलेक्टर, एसपी, निगमायुक्त तथा प्रबंध संचालक विद्युत वितरण कंपनी पर एनजीटी एक्ट के अनुसार पेनाल्टी लगाई जावे।

2. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को आदेशित किया जावे की वे पंडाल लगाने से हुए ध्वनि और वायु प्रदूषण का मूल्यांकन कर पंडाल लगाने वालों से वसूल करें।

3. शासन को आदेशित करें कि एनजीटी के आदेश का पालन शब्द तथा और मूल भावना से कराएं।

क्या है पेनल्टी प्रावधान एनजीटी एक्ट में

एनजीटी एक्ट की धारा 26 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो एनजीटी के आदेश या अधिनिर्णय गया विनिश्चय का अनुपालन करने में असफल रहता है, तो उसे 3 वर्ष तक की कारावास की सजा या जुर्माना जो कि ₹10 करोड़ तक का हो सकेगा या दोनों लगाया जा सकता है और उल्लंघन जारी रहता है तो अतिरिक्त जुर्माने के रूप में रुपए 25000 दंड प्रतिदिन लगता रहेगा।

समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने बताया कि रायपुर की जनता को ध्वनि एवं वायु प्रदूषण और अन्य कारणों से हो रही स्वास्थ्य एवं मानसिक परेशानी को लेकर समिति हर फोरम न्यायलय तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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