NPG की खबर का असरः कर्मचारियों और शिक्षको का जुलाई का वेतन खाते में ट्रांसफर होना शुरू, हड़ताल अवधि को छुट्टी में किया जाएगा एडजस्ट
रायपुर। एनपीजी न्यूज की खबर का बड़ा असर हुआ है। एनपीजी न्यूज ने आज जीएडी सिकरेट्री के हवाले से हड़ताल अवधि का नहीं कटता वेतन शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। यह खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ। आलम यह था कि घंटे भर में तीन लाख लोगों ने इस खबर को देखा। और फारवार्ड किया।
इस खबर के बाद सिस्टम हरकत में आया। और जिन जिलों और ब्लॉकों वेतन बन गया था, वहां खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। गुंडरदेही, पेंड्रा, बिल्हा से एनपीजी के पास खबर आई है कि वहां वेतन भुगतान हो गया है। बताते हैं, जिन ब्लाकों में वेतन बन गया था, वहां भी जीएडी के पत्र के बाद भुगतान रोक दिया था। जिन ब्लॉकों में वेतन नहीं मिल पाया है और जहां ट्रेजरी ने बिल लौटा दिया है वहां भी अब बिल जमा होते ही वेतन भुगतान कर दिया जाएगा ज्ञातव्य है, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह ने कर्मचारियों के वेतन कटौती पर हैरानी जताई थी।
इस खबर का असर...
हडताल अवधि का वेतन नहीं कटता, कर्मचारियों की छुट्टियों में एडजस्ट किया जाता है, NPG से बोले जीएडी सिकरेट्री डीडी सिंह....
Chhattisgarh News रायपुर। केंद्र सरकार के समान डीए, एचआरए की मांग को लेकर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने पांच दिन की हड़ताल की थी। 25 जुलाई से 29 जुलाई तक न केवल सारे सरकारी दफ्तर बंद रहे, बल्कि शिक्षकों के सभी संगठनों के समर्थन की वजह से स्कूलों में ताले लटके रहे। चूकि, पांच दिन तक कर्मचारी, अधिकरी, शिक्षक हड़ताल पर रहे, इसलिए ट्रेजरी ने उनका वेतन रोक दिया है। हालांकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने विभाग प्रमुखों और कलेक्टरों से हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ अनुपस्थिति के लिए तय प्रावधान के तहत कार्रवाई करने कहा था।
वैसे भी जानकारों का कहना है, अगर कोई, कर्मचारी या अधिकारी संगठन हड़ताल के कारण कार्यालय से अनुपस्थित है तो उस अवधि को उसके ईएल या सीएल में एडजस्ट करने का अधिकारी कलेक्टर या विभागाध्यक्ष को नहीं, सरकार को है। आमतौर पर हड़ताल जब समाप्त होता है तो सरकार के साथ चर्चा में तय किया जाता है कि हड़ताल अवधि का छुट्टियों में कैसे एडजस्ट किया जाए। दरअसल, छुट्टी और वेतन आहरण का अपना नियम होता है। बिना छुट्टी लिए अगर कोई कर्मचारी कार्यालय से अनुपस्थित रहता है तो सरकार भी उसका वेतन नहीं दे सकती। उसका तरीका यह निकाला जाता है कि हड़ताल अवधि को कर्मचारियों, अधिकारियों की छुट्टियों में उसे एडजस्ट कर वेतन प्रदान कर दिया जाता है। मसलन, पिछले दिनों सहायक शिक्षक 18 दिन हड़ताल पर रहे। चूकि विभाग के अधिकारी कतिपय कारणों से सहायक शिक्षकों से नाराज हो गए थे। लिहाजा, उनका तुरंत एडजस्टमेंट नहीं हो पाया। हड़ताल के महीने का उन्हें पूरा वेतन नहीं मिल पाया। 18 दिन का वेतन काटा गया। लेकिन, दो महीने बाद सरकार ने हड़ताल अवधि को कर्मचारियों के ईएल में एडजस्ट कर 18 दिन का वेतन जोड़कर दे दिया था।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हड़ताल करने पर वेतन का नुकसान नहीं होता। छुट्टियां जरूर कट जाती है। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की पांच दिन की हड़ताल में भी यही होना है। फेडरेशन सरकार के समक्ष मांग रखेगा और सामान्य प्रशासन विभाग उसे ईएल या सीएल में उसे एडजस्ट कर देगा। पांच दिन की छुट्टी का नुकसान अवश्य होगा। 2006 से लेकर अभी तक विभिन्न कर्मचारी, अधिकारी संगठनों ने 323 अनिश्चिकालीन हड़ताल किए मगर एक बार भी वेतन का नुकसान नहीं हुआ।
इधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुपस्थिति के प्रावधानों के तहत कार्रवाई का पत्र जारी किया है, उसको लेकर कर्मचारी संगठनों में खासा आक्रोश है। प्रदेश भर में उसकी प्रतियां जलाई जा रही है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के नम्बर-वन और सबसे विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट एनपीजी न्यूज ने सामान्य प्रशासन विभाग के सिकरेट्री डीडी सिंह से बात की। सिंह ने कर्मचारियों के विरोध पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि इसे गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है....हड़ताल अवधि का वेतन काटा नहीं बल्कि छुट्टियों में एडजस्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठन छुट्टियों को एडजस्ट करने पहले मांग तो रखे। फिर उस पर निर्णय किया जाएगा।