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NIA Court: CG-बिलासपुर के बाद अब सरगुजा व राजनांदगांव में खुलेगा एनआईए स्पेशल कोर्ट

NIA Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सहमति के बाद विधि विधायी विभाग ने जारी कर दी है अधिसूचना। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में अब एनआईए स्पेशल कोर्ट की संख्या तीन हो जाएगी। तीनों कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई का दायरा भी तय कर दिया है।

NIA Court: CG-बिलासपुर के बाद अब सरगुजा व राजनांदगांव में खुलेगा एनआईए स्पेशल कोर्ट
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By Radhakishan Sharma

NIA Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य गठन और हाई कोर्ट की स्थापना के बाद बिलासपुर में एनआईए स्पेशल कोर्ट गठन किया गया था। प्रदेशभर के मामलों की सुनवाई बिलासपुर एनआईएस स्पेशल कोर्ट में हो रही थी। मामले मुकदमों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए विधि विधायी विभाग ने सरगुजा और राजनादगांव में एनआईए कोर्ट की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के साथ ही तीनों स्पेशल कोर्ट का दायरा भी तय कर दिया है। विधि विधायी विभाग ने जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि बिलासपुर में एनआईए कोर्ट में पूर्व की भांति सुनवाई होती रहेगी। विधि विधायी विभाग के प्रमुख सचिव ने अधिसूचना में वर्ष 2021 में जारी अधिसूचना में संशोधन की बात भी कही है।

तीनों स्पेशल कोर्ट का दायरा हुआ तय

0 राजनांदगांव एनआईए कोर्ट- राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, और कबीरधाम जिलों से जुड़े एनआईए मामलों की सुनवाई होगी।

0 सरगुजा एनआईए कोर्ट- सरगुजा (अंबिकापुर), बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, सूरजपुर, कोरिया (बैकुंठपुर), और मनेंद्रगढ़- भरतपुर-चिरमिरी जिलों के मामलों की सुनवाई होगी।

0 बिलासपुर एनआईए कोर्ट- बिलासपुर के एनआईए स्पेशल कोर्ट में छत्तीसगढ़ के शेष जिलों के प्रकरणों की सुनवाई होगी। क्षेत्राधिकार के मामले में बिलासपुर एनआईए स्पेशल कोर्ट का अपना खास महत्व रहेगा।

एनआईए स्पेशल कोर्ट में इन मामलों की होती है सुनवाई

एनआईए विस्फोटक पदार्थों, परमाणु ऊर्जा, परमाणु हथियारों, गैरकानूनी गतिविधियों, आतंकवादी गतिविधियों, अपहरण आदि से संबंधित अपराधों की जांच और मुकदमा चलाती है। एनआईए के पास अधिनियम की अनुसूची में दिए गए किसी भी अपराध को विनियमित करने की शक्ति है।

क्या है स्पेशल एनआईए कोर्ट

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) भारत की प्राथमिक आतंकवाद विरोधी टास्क फोर्स है। जिसका अपना स्पेशल कोर्ट होता है। इस एजेंसी के पास राज्यों से विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच से निपटने का अधिकार है।

एनआईए 31 दिसंबर 2008 को भारत की संसद द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 के अधिनियमन के साथ अस्तित्व में आई है। इस एजेंसी को एनआईए अधिनियम की अनुसूची में शामिल अधिनियमों के तहत अपराधों की जांच और अभियोजन चलाने का अधिकार दिया गया है। एनआईए देश के अलावा विदेश में हुए अपराधों की जांच कर सकती है।

स्पेशल कोर्ट में ऐसे होती है जजों की नियुक्ति

एनआईए विशेष कोर्ट में जज की नियुक्ति की प्रक्रिया भी बेहद खास है। संबंधित राज्य के हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की सिफारिश में केंद्र सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति की जाती है।. एनआईए के विशेष न्यायालयों को किसी भी अपराध के मुकदमे के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत सत्र न्यायालय की सभी शक्तियों से अधिकार सम्पन्न बनाया गया है।


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