Naxalite News: अरुंधती और शौकत को लेकर नक्सलियों ने जारी किया पर्चा: 6 महीने में 153 हुए फोर्स की गोली का शिकार, इनमें 95 को बताया अपना...
Naxalite News: देश में सक्रिय नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी की तरफ से अरुधंती और शौकत पर देश द्रोह के मुकदमें को लेकर एक बयान जारी किया गया है। इममें नक्सलियों ने इस साल बड़ी संख्या में अपने साथियों के मारे जाने की भी बात स्वीकार की है।
Naxalite News: रायपुर। समाजिक कार्यकर्ता अरुंधती राय और केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर के प्रोफेसर शैकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act) कानून के तहत मुकदमा चलाए जाने के फैसले का देश में सक्रिय नक्सलियों ने विरोध किया है। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी की तरफ से इस संबंध में एक लिखित बयान जारी किया गया है। इसमें केंद्र की एनडीए सरकार की जमकर आलोचना की गई है। वहीं, नक्सलियों ने इसी बयान में इस साल जनवरी से 2 जुलाई तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुल 153 लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार किया है। हालांकि इसमें से 50 से अधिक को उन्होंने ग्रामीण बताया है, जबकि बाकी लोगों को अपना साथी स्वीकार किया है।
नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय के नाम से जारी इस बयान में अरुंधती और शौकत पर मुकदमा चलाए जाने को लेकर दिल्ली के उप राज्यपाल की तरफ से दी गई मंजूरी की आलोचना की गई है। अपने इस लिखित बयान में नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने लिखा है कि अरुंधती पर 14 पुराने मामले में अब मुकदमा दर्ज किया जा रहा जो पूरी तरह गलत है। देश में लागू किए गए नए कानूनों का भी इस बयान में विरोध किया गया है। बयान में मेधा पाटकर और हिमांशु कुमार को कोर्ट से दी गई सजा का भी उल्लेख है। बुलडोर को लेकर अभय ने कहा कि मुसलमानों पर हमलें तेज किए जा रहे हैं। उनके आवासीय कॉलॉनियों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, दुकानों को बुलडोज किया जा रहा है।
मारे गए 153 में से 95 को बताया अपना साथी
नक्सली प्रवक्ता ने देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से ऑपरेशन कगार चलाए जाने का दावा किया है। आरोप लगाया है कि इस आपरेशन में आम लोगों पर हमले हो रहे हैं। जनवरी से 2 जुलाई तक कुल 44 हमलों- नरसंहारों, झूठी मुठभेड़ों, मुठभेड़ों में 153 लोगों मारे गए। नक्सलियों के अनुसार इनमें से 58 साधारण आदिवासी ग्रामीण हैं, जबकि पार्टी और पीएलजीए के 95 साथियों में से कइयों को निहत्थे या घायल अवस्था में अमानवीय यातनाएं देकर उनकी जघन्य हत्या की गई।