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Nandghat College: कॉलेज की शिफ्टिंग पर बवाल: वायरल हुआ मंत्री का वीडियो, बोले- कॉलेज हटेगा- काम धंधा चलेगा, सामने आई 2 महीने पुरानी कलेक्टर की चिट्ठी

Nandghat College: बेमेतरा जिले के नांदघाट में बीते एक साल से संचालित स्वामी आत्मानंद कालेज को अब नांदघाट से तकरीबन 13 किलोमीटर अमोरा में शिफ्टिंग किया जा रहा है। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की जिद के चलते हो रहे इस शिफ्टिंग का अब कालेज के छात्रों के साथ ही पालकों ने विरोध शुरू कर दिया है। मंत्री बघेल का कहना है कि नांदघाट में कालेज भवन के लिए जमीन है। मंत्री के गलत बयानबाजी की पोल बेमेतरा कलेक्टर का वह आदेश खोल रहा है,जिसमें नांदघाट में कालेज भवन के लिए पौने तीन एकड़ जमीन की शासकीय स्वीकृति 8 अगस्त 2024 को जारी कर दिया है। देखें कलेक्टर बेमेतरा का कालेज के लिए जमीन आवंटन संबंधी आदेश

Nandghat College: कॉलेज की शिफ्टिंग पर बवाल: वायरल हुआ मंत्री का वीडियो, बोले- कॉलेज हटेगा- काम धंधा चलेगा, सामने आई 2 महीने पुरानी कलेक्टर की चिट्ठी
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By Radhakishan Sharma

Nandghat College: बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान नांदघाट और आसपास के ग्रामीणों की मांग पर नांदघाट में स्वामी आत्मानंद कालेज खोलने की घोषणा की थी। सीएम की घोषणा पर अमल भी उसी अंदाज में हुआ। उनकी घोषणा के महज तीन महीने के भीतर ही नांदघाट में कालेज का संचालन शुरू हो गया। संचालन की जिम्मेदारी गजानंद अग्रवा महाविद्यालय भाटापारा के प्रिंसिपल को सौंपी गई थी। यह कालेज का दूसरा सत्र है। महाविद्यालयीन छात्रों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। दूसरे वर्ष में कालेज प्रवेश कर गया है। नई शिक्षा नीति के तहत अब सेमेस्टर की परीक्षा की तैयारी भी शुरू हो गई है। शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के बाद अचानक उच्च शिक्षा विभाग ने नांदघाट में संचालित कालेज को 13 किलोमीटर दूर अमोरा में शिफ्टिंग का आदेश दे दिया है। नवागढ़ के स्थानीय विधायक व खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की दिलचस्पी नांदघाट के बजाय अमोरा में है। यही वजह है कि वे अपने पद व प्रभाव का इस्तेमाल कर सैकड़ों महाविद्यालयीन छात्रों के हितों पर आघात पहुंचाने में लगे हैं। महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के पालकों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा दोनों ही दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का गुस्सा भी फूटने लगा है। मामला गरमाने लगा है।

पूर्व सीएम भूपेश ने कहा,कालेज जहां है वहीं रहेगा

बुधवार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल रतनपुर महामाया दर्शन के लिए आए थे। यहां से वापसी के दौरान नांदघाट में पालकों के अलावा सर्वदलीय मंच के पदाधिकारियों ने हाईवे में उनके काफिले को रोककर उनसे चर्चा की। लोगों की दिक्कतों को देखते हुए वे सीधे नांदघाट रेस्ट हाउस पहुंचे। सर्वदलीय मंच के पदाधिकारियों व पालकों की बातें सुनी। उन्होंने दोटूक कहा कि जहां कालेज संचालित हो रहा है वहीं रहेगा। सर्वदलीय मंच के पदाधिकारियों को उन्होंने रायपुर बुलाया है।

यूजीसी ने भी दी है सहमति

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी नांदघाट में कालेज संचालन के लिए अपनी सहमति दे दी है। यूजीसी की सहमति के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जमीन आवंटन को लेकर बेमेतरा कलेक्टर से पत्र व्यवहार किया। राज्य शासन के पत्र के बाद बेमेतरा कलेक्टर ने नांदघाट में कालेज स्थापना के लिए ग्राम अड़ार पटवारी हलका नंबर 17 शासकीय भूमि खसरा नंबर 517 के अंतर्गत स्थित 8.48 हेक्टेयर में से 1.16 हेक्टेयर जमीन का आवंटन जरुरी शर्तों के साथ कर दिया है।

हाई कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना

हाल ही में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दायर दो मामलों की सुनवाई के दौरान राज्य शासन से कहा है कि बहुत जरुरी ना हो तो बीच शैक्षणिक सत्र में ऐसे शासकीय कर्मचारी जिनके बच्चे स्कूल व कालेज में पढ़ रहे हैं,तबादला आदेश जारी ना किया जाए। नांदघाट में तो उलटा हो रहा है। यहां तो मंत्री की जिद के चलते बीच सत्र में कालेज को ही उठाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है।

बेमेतरा कलेक्‍टर का दो महीने पुराना लेटर।

नांदघाट के आसपास 12 गांव के बच्चे आते हैं पढ़ने

नांदघाट में कालेज प्रारंभ होने से नांदघाट के अलावा, कुंरा, अड़ार, सेमरिया, मगरघटा, तरपोंगी, मल्दा, बदनारा, अकोली, खपरी, लिमतरा सहित आसपास के एक दर्जन से ज्यादा गांव के स्टूडेंट्स यहां पढ़ाई करने आते हैं। यहां से 13 किलोमीटर कालेज की शिफ्टिंग से आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा से ही वंचित हो जाएंगे।

मंत्री बघेल का वीडियो सोशल मीडिया में पोस्‍ट करते हुए पूर्व सीएम ने लिखा-

जनता की मांग पर हमारी सरकार ने नांदघाट में कॉलेज शुरु किया। कॉलेज एक साल सफलता पूर्वक संचालित भी हो चुका। अब माननीय मंत्री और नवागढ़ के विधायक दयालदास बघेल जी इस कॉलेज को स्थानाांतरित करना चाहते हैं।

और मंत्री जी के तेवर देखिए, स्थानांतरण का विरोध कर रहे छात्रों से कह रहे हैं कि यहीं चलाना है तो ज़मीन भी तुम लोग ले आओ और पैसा भी। कैसे जनप्रतिनिधि हैं ये भाई? जनता अगर ज़मीन और पैसा ले आएगी तो सरकार क्या करेगी?

वैसे कुछ लोगों ने फ़ोन पर बताया कि सारा खेल एक पेट्रोल पंप और कुछ काम धंधों की तरक्की का है। किसका है ये पेट्रोल पंप जहां कॉलेज को ले जाने की कोशिश हो रही है? किसी का काम धंधा ठीक करने के लिए कॉलेज को मुख्य मार्ग से हटाकर देहात की ओर धकेलने की कोशिश ठीक नहीं है।

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