Nandghat College: कॉलेेज बचाने स्टूडेंट्स का संघर्ष: मंत्री की जिद पर जांच समिति की रिपोर्ट भारी, नांदघाट में ही संचालित होगा कालेज
Nandghat College: खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की जिद पर जांच समिति की रिपोर्ट भारी पड़ गई है। आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल गर्वनमेंट कालेज भाटापारा को पत्र लिखकर नांदघाट गर्वनमेंट कालेज को अमाेरा शिफ्ट किए जाने के संबंध में जांच रिपोर्ट मांगी थी। चार सदस्यीय जांच टीम ने अमोरा के बजाय नांदघाट में ही गर्वनमेंट कालेज संचालन की सिफारिश की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में नांदघाट गर्वनमेंट कालेज के आसपास संचालित हायर सेकेंडरी स्कूलों का भी जिक्र किया है,साथ ही नांदघाट और अमोरा की दूरी की जानकारी दी है। जांच समिति ने सभी दृष्टिकोण से नांदघाट में संचालित गर्वनमेंट कालेज के स्थान परिवर्तन ना करने की सिफारिश करते हुए इसे उपयुक्त बताया है। बता दें कि NPG ने सबसे पहले खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि मंत्री व स्थानीय विधायक बघेल द्वारा नांदघाट में संचालित गर्वनमेंट कालेज को स्थानाभाव के बहाने अमोरा शिफ्ट करने दबाव बनाया जा रहा है।
Nandghat College: बिलासपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की जिद पर जांच समिति की रिपोर्ट भारी पड़ गई है। आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल गर्वनमेंट कालेज भाटापारा को पत्र लिखकर नांदघाट गर्वनमेंट कालेज को अमाेरा शिफ्ट किए जाने के संबंध में जांच रिपोर्ट मांगी थी। चार सदस्यीय जांच टीम ने अमोरा के बजाय नांदघाट में ही गर्वनमेंट कालेज संचालन की सिफारिश की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में नांदघाट गर्वनमेंट कालेज के आसपास संचालित हायर सेकेंडरी स्कूलों का भी जिक्र किया है,साथ ही नांदघाट और अमोरा की दूरी की जानकारी दी है। जांच समिति ने सभी दृष्टिकोण से नांदघाट में संचालित गर्वनमेंट कालेज के स्थान परिवर्तन ना करने की सिफारिश करते हुए इसे उपयुक्त बताया है। बता दें कि NPG ने सबसे पहले खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि मंत्री व स्थानीय विधायक बघेल द्वारा नांदघाट में संचालित गर्वनमेंट कालेज को स्थानाभाव के बहाने अमोरा शिफ्ट करने दबाव बनाया जा रहा है।
गर्वनमेंट कालेज नांदघाट को अमोरा में शिफ्ट किए जाने की प्रशासनिक काेशिशों के बीच जारी विवाद का अब पटाक्षेप हो गया है। आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर गजानंद अग्रवाल गर्वनमेंट कालेज भाटापारा के प्रिंसिपल ने जो गर्वनमेंट कालेज नांदघाट का लीड कालेज हैं, चार सदस्यीय जांच समिति का गठन कर इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। नांदघाट और अमोरा के आसपास संचालित हायर सेकेंडरी स्कूलों का समिति ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान हायर सेकेंडरी स्कूलों से दूरी का अध्ययन किया। बता दें कि कालेज संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सबसे पहले कालेज का सोर्स देखा जाता है। मसलन जहां कालेज की स्थापना की जा रही है, वहां अध्ययन अध्यापन के लिए बच्चे कहां से आएंगे। कालेज के आसपास कितनी हायर सेकेंडरी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, स्कूलों की दूरी नए खुलने वाले कालेज से कितनी है। बच्चे आसानी के साथ सभी मौसम में पढ़ाई करने कालेज आ सकेंगे या नहीं। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया जाता है। आवागमन के साधनों पर भी नजरें दौड़ाई जाती है। समिति ने जब इन सभी बिंदुओं पर अध्ययन प्रारंभ किया और अध्ययन पूरा हुआ तो वे नांदघाट में ही गर्वनमेंट कालेज संचालन के पक्ष में नजर आए। लीड कालेज भाटापारा के प्रिंसिपल को सौंपे रिपोर्ट में समिति ने अमोरा के बजाय नांदघाट में ही गर्वनमेंट कालेज का संचालन करने की सिफारिश कर दी है।
गर्वनमेंट कालेज नांदघाट के आसपास 11 हायर सेकेंडरी स्कूलें
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में गर्वनमेंट कालेज नांदघाट के आसपास के गांव में 11 हायर सेकेंडरी स्कूलों के संचालन की जानकारी दी है। ये ऐसी हायर सेकेंडरी स्कूलें हैं जहां बच्चों की दर्ज संख्या भी अच्छी खासी है। मतलब साफ है, प्रतिवर्ष इन स्कूलों से नांदघाट गर्वनमेंट कालेज को बच्चे भी मिलेंगे। अच्छी स्ट्रेंथ के साथ कालेज का संचालन होते रहेगा। इन स्कूलों की नांदघाट से दूरी बमुश्किल छह से 11 किलोमीटर ही है। अच्छी सड़क होने के साथ ही इन गांवों से नांदघाट के लिए आवागमन की सुविधा भी है।
अमोरा से इन स्कूलों की दूरी 10-30 किलोमीटर
जांच समिति ने नांदघाट के आसपास संचालित इन स्कूलों की अमोरा से दूरी का भी जिक्र किया है। इसमें 10 से 30 किलोमीटर बताई गई है। अमोरा से लगे ग्राम संबलपुर और खेड़हा की दूरी ही चार किलोमीटर है। शेष नौ गांव के बच्चों के लिए यहां पढ़ाई के लिए बेहद कठिन है। नौ गांव के बच्चों के लिए अमोरा के बजाय गर्वनमेंट कालेज भाटापारा में पढ़ाई करना ज्यादा सुविधाजनक है।
सर्वदलीय मंच और स्टूडेंट का आंदोलन रहा सफल
नांदघाट में संचालित गर्वनमेंट कालेज को अमोरा शिफ्ट किए जाने को लेकर नांदघाट अंचलवासियों ने जमकर विरोध दर्ज कराया था। इसके लिए सर्वदलीय मंच का गठन भी किया गया। जनहित के इस मुद्दे की खास बात ये रही कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों ने सर्वदलीय मंच के बैनर तले मंत्री की इस कोशिशों का जमकर विरोध जताया। कालेज के स्टूडेंटस ने भी धरना प्रदर्शन के साथ ही आंदोलन भी किया।
चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर न्याय की लगाई थी गुहार
कालेज स्टूडेंटस ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी। नांदघाट में संचालित कालेज को नांदघाट में रहने देने की मांग की थी।