Nandghat College:CG मंत्री के अड़ियल रवैये से बिफरे कॉलेज स्टूडेंट्स, अब 14 को करेंगे एनएच जाम
Nandghat College: कांग्रेस शासनकाल में बेमेतरा जिले के नांदघाट में संचालित स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय की शिफ्टिंग को लेकर विवाद गहराने लगा है। स्थानीय विधायक व खाद्य मंत्री दयालदास बघेल नांदघाट के बजाय कालेज को 13 किलोमीटर दूर अमोरा ले जाना चाह रहे हैं। इसके लिए वे अपने व प्रभाव का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। मंत्री के इस अड़ियल रवैये को लेकर स्टूडेंट्स के साथ ही पालकों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का गुस्सा फूटने लगा है। कालेज के छात्रों ने नवागढ़ एसडीएम को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि मंत्री के विरोधी रवैये के विरोध में 14 अक्टूबर को रायपुर-बिलासपुर हाईवे को जाम करेंगे। पढ़ें स्टूडेंट्स ने अपने पत्र में क्या लिखा है।
Nandghat College: बिलासपुर। बीते एक साल से नांदघाट में संचालित स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय को 13 किलोमीटर दूर अमोरा में शिफ्ट किए जाने को लेकर अब अंचलवासियों का गुस्सा फूटने लगा है। स्थानीय विधायक व खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के रूख को लेकर अब नाराजगी पनपने लगी है। कालेज के छात्रों ने नवागढ़ एसडीएम को पत्र लिखकर 14 अक्टूबर को रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे को जाम करने की लिखित में जानकारी सौंप दी है। कालेज स्टूडेंट्स और पालकों की एक सूत्रीय मांग का समर्थन करने के लिए सर्वदलीय संघर्ष समिति भी बन गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक्स हैंडल पर नांदघाट के महाविद्यालयीन छात्रों और मंत्री बघेल के बीच हुई बातचीत का वीडियो अपलोड कर सवाल भी उठाया है। पूर्व सीएम के एक्स हैंडल पर अपलोड वीडियो और उठाए गए अहम सवाल को लेकर अब चर्चा का बाजार भी गर्म हो गया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर यह वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। बेमेतरा जिले में वीडियो और पूर्व सीएम द्वारा उठाए गए सवाल को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बहस भी छिड़ गई है। लोग पूछ रहे हैं कि जब बेमेतरा कलेक्टर ने अड़ार में नांदघाट कालेज भवन व अन्य जरुरतों के लिए शासकीय भूखंड आवंटित कर दिया है,यूजीसी ने अपनी स्वीकृति भी दे दी है। उसके बाद एक साल से चल रहे कालेज को यहां से स्थानांतरित करने की मंत्री को आखिर जरुरत ही क्यों पड़ गई।
250 से ज्यादा स्टूडेंट्स कर रहे पढ़ाई
नांदघाट स्वामी आत्मानंद कालेज में मौजूदा शैक्षणिक सत्र से दूसरे वर्ष की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष में प्रवेश के साथ ही पढ़ाई चल रही है। वर्तमान में तकरीबन 250 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं। नांदघाट से कालेज अमोरा शिफ्ट होने की स्थिति में स्टूडेंट्स के सामने संकट खड़ा हो जाएगा।
अफसरों ने उड़ाई नियमों की धज्जियां
उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों ने कालेज शिफ्टिंग के लिए जारी विभागीय पत्र को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र के बीच में इस तरह की कार्रवाई समझ से परे है। हाल ही में हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के तबादला आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से कहा है कि अगर सरकारी कर्मचारी अधिकारी के बच्चे स्कूल से लेकर कालेज में पढ़ाई कर रहे हैं तो बहुत आवश्यक ना हो तो तबादला नही किया जाए। यहां तो मामला ही एकदम उलटा है। 250 बच्चों के भविष्य के साथ उच्च शिक्षा विभाग के अफसर खिलवाड़ करने आमादा दिखाई दे रहे हैं।