Begin typing your search above and press return to search.

Mukesh Chandrakar: 56 करोड़ की सड़क का 112 करोड़ रुपये भुगतान: बस्‍तर में 5 साल तक निर्माण कार्यों में जमकर चला खेल

Mukesh Chandrakar: बस्‍तर में सड़क समेत अन्‍य निर्माण कार्यों में बीते पांच सालों में जमकर भ्रष्‍टाचार हुआ। सत्‍ता परिवर्तन के बाद एक के बाद एक इसकी परते खुल रही है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्‍या के बाद बस्‍तर में हुए भ्रष्‍टाचार मीडिया की सुर्खियों में आ गया है। इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास की एक सड़क में भ्रष्‍टाचार का मुद्दा विधानसभा में उठा था। सबसे बड़ी बात यह है कि भ्रष्‍टाचार के इन दोनों मामलों में ठेकेदार कांग्रेस के पदाधिकारी हैं।

Mukesh Chandrakar: 56 करोड़ की सड़क का 112 करोड़ रुपये भुगतान: बस्‍तर में 5 साल तक निर्माण कार्यों में जमकर चला खेल
X
By Sanjeet Kumar

Mukesh Chandrakar: रायपुर। बस्‍तर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्‍या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। चंद्राकर की हत्‍या के आरोपियों पर सड़क निर्माण में भ्रष्‍टाचार करने का आरोप है। दावा किया जा रहा है कि 56 करोड़ की सड़क के लिए ठेकेदार को सरकार की तरफ से 112 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। वह भी ऐसी सड़क के लिए जिसका निर्माण केवल कागजों में हुआ। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्‍योंकि पहली ही बारशि में नई सड़क गायब हो गई। इस भ्रष्‍टाचार को पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया था। माना जा रहा है कि यही चंद्राकर की हत्‍या का कारण बना। जानकारों के अनुसार पिछले पांच साल में बस्‍तर में निर्माण कार्यों में ऐसा ही खेल चला है, जिसकी परते अब खुल रही हैं।

नक्‍सल प्रभावित बस्‍तर संभाग के विकास के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। प्रदेश के अन्‍य क्षेत्रों की अपेक्षा वहां टेंडर न केवल ज्‍यादा रहता है बल्कि काम करने वाले ठेकेदारों को कई तरह की सुविधा और राहत भी मिलती है। ऐसे में कई बार आधे- अधूरे काम के बावजूद भुगतान पूरा हो जाता है। कई ऐसे मामले भी आए हैं, जहां काम हुआ ही नहीं और भुगतान पूरा कर दिया गया।

सूत्रों के अनुसार इस भ्रष्‍टाचार का हिस्‍सा नक्‍सलियों तक भी पहुंचता है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने जो मामला उजागर किया, उसमें भी इसी तरह का खेल हुआ है। बीजापुर के गंगालूर से नेलशनार सड़क बनाने का टेंडर हुआ था। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार के साथ कुल 16 अनुबंध किए। इन 16 अनुबंध में कुल लागत 56 करोड़ की थी। सड़क की गुणवत्‍ता बेहद घटिया थी। इसके बावजूद ठेकेदार ने अफसरों के साथ सांठगांठ करके लागत बढ़ा कर 112 करोड़ करा लिया। कथित तौर पर मई- जून 2024 में बनकर तैयार हुई यह सड़क जुलाई में हुई बारिश में पूरी तरह उखड़ गई। तब तक प्रदेश में सत्‍ता बदल चुकी थी। पत्रकार चंद्राकर ने यह मामला उजागार किया, तो सरकार ने जांच बैठा दी। इससे ठेकेदार भड़क गया और उसने चंद्राकर की हत्‍या कर दी।

ठेकेदार और उसका भाई गिरफ्तार

पत्रकार चंद्राकर की हत्‍या के मामले में पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्‍य आरोपी सुरेश चंद्राकर को पकड़ने के लिए टीम हैदराबाद भेजी गई है। बताया जा रहा है कि वह विदेश भागने का प्रयास कर रहा था। सुरेश चंद्राकर कांग्रेस का बड़ा नेता है और सड़क बनाने का ठेका इसी ने लिया था। पुलिस ने सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर को भी पकड़ लिया है।

कांग्रेस से जुड़ रहा भ्रष्‍टाचार का तार

बताते चले कि दिसंबर में हुए विधानसभा सत्र के दौरान दंतेवाड़ा डीएमएफ मद से बने एक सड़क का मामल उठा था। मंत्री विजय शर्मा ने इस मामले में अफसरों को निलंबित करने और ठेकेदार पर कार्रवाई करने की घोषणा सदन में की थी। इस मामले में सड़क बनाने वाला कांग्रेस का नेता था। पत्रकार चंद्राकर की हत्‍या में आरोपी बनाए गए सुरेश चंद्राकर को लेकर भाजपा ने दावा किया है कि वहा कांग्रेस का बड़ा नेता है। भाजपा ने चंद्राकर की प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष समेत अन्‍य नेताओं के साथ फोटो भी जारी किया है। हालांकि कांग्रेस इन आरोपों से इन्‍कार कर रही है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story