Monsoon 2024: समय से पहले पहुंचा मानसून: भीषण गर्मी के बीच राहत वाली खबर, जानिए...मानसून की ताजा स्थिति, कब तक पहुंचेगा छत्तीसगढ़
Monsoon 2024: पूरा देश इस वक्त भीषण गर्मी से जूझ रहा है। अधिकांश हिस्सों में पारा 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है। कहीं-कहीं तापमान 47 से 49 डिग्री तक पहुंच गया है। गर्मी से बेहाल हो रहे लोगों के लिए मानसून अच्छी खबर लेकर आ रहा है।
Monsoon 2024: रायपुर। दक्षिण पश्चिम मानसून 2024 अपने निर्धारित समय से 2 दिन पहले ही केरल तट से टकरा गया है। सामान्यत: मानसून 1 जून को केरल तट पर पहुंचता है। इसके 5 दिन बाद देश के बड़े हिस्से में सक्रिय हो जाता है। इस बार 2 दिन पहले अच्छी रफ्तार के साथ केरल पहुंचा इसे देखते हुए मौसम विशेषज्ञ देश के बाकी हिस्सों में निर्धारित समय से 5 दिन पहले ही मानसून के सक्रिय होने की संभावना जता रहे हैं।
जानिए... छत्तीसगढ़ में कब पहुंचेगा मानसनू
दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्यत: 10 जून तक छत्तीसगढ़ पहुंच जाता है। छत्तीसगढ़ में मानसून बस्तर संभाग की तरफ से प्रवेश करता है। पिछले सप्ताह मौसम विभाग की तरफ से जारी अनुमान में इस बार मानसून के निर्धारित समय पर छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना जताई गई थी। जानकारों के अनुसार यदि 10 जून को मानसून बस्तर पहुंच जाता है तो अगले 3 दिन में यह रायपुर सहित पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा।
प्री मानसून देगा राहत
इधर, प्रदेश के लोग भीषण गर्मी से बेहाल हैं। हालांकि बस्तर संभाग में प्री मानसून गतिविधियां शुरू हो चुकी है, लेकिन राज्य के मैदानी क्षेत्रों में लोगों को अभी 2 दिन तक गर्मी से राहत मिलती नहीं दिख रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राज्य के मैदानी क्षेत्रों में 2 दिन में प्री मानसून गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इस दौरान कहीं- कहीं गरज चमक के साथ तेज बारिश भी हो सकती है।
तेज गर्मी से अच्छी बारिश के संकेत
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ रही है। इससे मानसून के दौरान अच्छी बारिश होने की उम्मीद भी बढ़ गई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी जमीन उतना अधिक गर्म होगा और हवा तेजी से ऊपर उठेगी, इससे जो खाली जगह बनेगा वह समुद्र से नमी लेकर आ रही हवाओं को अपनी तरफ खींचेगा इससे अच्छी बारिश की संभावना बढ़ जाएगी।
पुर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्से में पहुंच चुका है मानसून
मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल के साथ ही पूरे नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा, मेघालय और असम के अधिकांश हिस्सों सहित पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ गया है। पिछले 2 दिनों के दौरान, दक्षिणपूर्व अरब सागर में बादल बढ़ गए हैं । दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं की गहराई औसत समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है। निचले स्तरों में वेस्टरलीज़ की ताकत लगभग 25-30 समुद्री मील है। पिछले 2 दिनों के दौरान केरल में भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक वर्षा हुई है।