मंडी बोर्ड की राशि 3 दिन में वापस: एक्सिस बैंक ने शुरू की इंटरनल जांच, ठगों के गिरोह के पीछे लगी पुलिस
रायपुर। छत्तीसगढ़ कृषि मंडी बोर्ड के खाते से 16 करोड़ से ज्यादा की जो राशि ठगों ने अलग-अलग जगहों से निकाल ली थी, उसे एक्सिस बैंक ने महज तीन दिनों में ही वापस खाते में जमा कर दी। मंडी बोर्ड की शिकायत के आधार पर एक्सिस बैंक ने इंटरनल जांच शुरू कर दी है, जबकि पुलिस भी ठगों के गिरोह के पीछे लगी हुई है। इतने कम समय में यह राशि मंडी बोर्ड के खाते में आने का किस्सा भी दिलचस्प है।
मंडी बोर्ड ने करीब 60 करोड़ की राशि एक्सिस बैंक ने 5.60 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर फिक्स डिपॉजिट कराई थी। इस संबंध में 11 मई को बोर्ड के लेखाधिकारी ने सहमति दी थी। इसके बाद एमडी के पास प्रस्ताव भेजा गया। एमडी भुवनेश यादव ने 20 मई को प्रस्ताव पर सहमति दी थी। इस तरह तीन अलग-अलग आदेश के जरिए 20 करोड़, 10 और 30 करोड़ की राशि एक्सिस बैंक में जमा कराई गई। इस बीच मंडी बोर्ड के अधिकारियों को बोर्ड के खाते की राशि फर्जी तरीके से निकालने की खबर मिली।
एमडी भुवनेश यादव को को जब मंडी बोर्ड के लेखाधिकारी और एडिशनल एमडी की ओर से गड़बड़ी की सूचना दी गई तो तत्काल एक्सिस बैंक डूंडा शाखा के मैनेजर को तलब किया। यह 14 जून की बात थी। इसके बाद जब स्टेटमेंट चेक किया गया, तब 10 करोड़ व 20 करोड़ के एमडी बनाए जाने के साथ अनाधिकृत व फर्जी हस्ताक्षर से करीब 16 करोड़ 40 लाख 12 हजार 655 रुपए निकालने का खुलासा हुआ।
इस मामले में एमडी ने एक्सिस बैंक के सीनियर अफसर से लेकर शासकीय रिलेशनशिप मैनेजर को बुलाया। उनसे बात की। साथ ही, मंडी बोर्ड में जमा शासन की राशि तत्काल खाते में लौटाने की शर्त रखी। एमडी यादव ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ आरबीआई से लेकर केंद्रीय वित्त सचिव के पास शिकायत करने की चेतावनी भी दी। इसका असर रहा कि तीन दिनों के भीतर एक्सिस बैंक ने पूरी राशि मंडी बोर्ड के खाते में लौटाई। अमूमन ऐसे मामलों में पुलिस और कानूनी कार्रवाई का हवाला देकर बैंक प्रबंधन राशि जमा करने से बचने की कोशिश करते हैं। यही नहीं, एक्सिस बैंक ने यह भी जानकारी दी है कि वे गड़बड़ी के लिए इंटरनल जांच कर रहे हैं और दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।