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Mahadev Satta: ऑनलाइन महादेव सट्टा एप के प्रमोटर की जमानत याचिका खारिज

Mahadev Satta: महादेव सट्टा एप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता व सट्टा एप के आरोपी के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अलावा देश के विभिन्न थानों में अपराध दर्ज है।

Mahadev Satta: ऑनलाइन महादेव सट्टा एप के प्रमोटर की जमानत याचिका खारिज
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By Radhakishan Sharma

Mahadev Satta: बिलासपुर। महादेव सट्टा एप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल ने छत्तीसढ़ हाई कोर्ट में जमानत के लिए यााचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत और साक्ष्य होने के कारण उसे जमानत देना उचित प्रतीत नहीं होता है। बता दें कि आरोपी के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अलावा देश के विभिन्न शहरों के थानों में अपराध दर्ज है।

महादेव सट्टा एप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित कुमार अग्रवाल को हवाला मामले में एसीबी ने 12 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया है। इसी मामले में मई 2024 को ईडी ने एक अलग मामला दर्ज किया है। सट्टा एप मामले में जेल में बंद आरोपी अमित अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत देने की मांग की थी । याचिका में कहा है कि दर्ज एफआईआर में उसका नाम नहीं है। उसे झूठे मामले में फंसाया गया है।

145 गवाहों का होना है प्रतिपरीक्षण

महादेव आनलाइन सट्टा एप मामले में 145 गवाहों का कोर्ट के सामने प्रतिरीपक्षण किया जाना है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए जमानत पर रिहा करने की मांग की थी। ईडी के अधिवक्ता ने जमानत देने का विराेध किया था। ईडी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि ईडी ने इस मामले में अपराध दर्ज किया है। पर्याप्त साक्ष्य होने की स्थिति में जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं होगा।

याचिकाकर्ता ने इसी स्राेत से प्राप्त धन के एवज में अपनी पत्नी के नाम पर सम्पत्ति खरीदा है। याचिकाकर्ता ने चतुर्भुज शर्मा को अलग-अलग तारीखों में 1.20 करोड़ रु. का लेनदेन किया जो उनके और उनकी पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया गया है । इसके अलावा परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट में राशि जमा कराई है। हवाला के जरिए 70 लाख रुपये को ठिकाने लगाया गया है। दुबई में रहने वाले याचिकाकर्ता के भाई अनिल अग्रवाल ने यह काम किया है।

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