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Mahadev Online Satta App: शिकंजे में सट्टा किंग रवि उप्पल: सियासत से लेकर बॉलीवुड को हिला देने वाले महादेव सट्टा एप के बारे में जानिए वह सब कुछ...

Mahadev Online Satta App: 2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई थी। हालांकि शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया।

Mahadev Online Satta App: शिकंजे में सट्टा किंग रवि उप्पल: सियासत से लेकर बॉलीवुड को हिला देने वाले महादेव सट्टा एप के बारे में जानिए वह सब कुछ...
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By Sanjeet Kumar

Mahadev Online Satta App: रायपुर। 6 हजार करोड़ से ज्यादा का महादेव सट्टेबाजी एप चलाने वाले और इसके को फाउंडर रवि उप्पल को दुबई में गिरफ्तार किया गया है। ईडी की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस के बाद इंटरपोल ने ये कार्रवाई की है। रवि उप्पल के खिलाफ भारत में छत्तीसगढ़ और मुंबई की पुलिस एक साथ जांच कर रही है। वहीं महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी कर रही है। रवि उप्पल को भारत लाने की तैयारी की जा रही है, जिससे सट्टा किंग से जुड़े कई राज बेनकाब होंगे।

छत्तीसगढ़ के भिलाई में रहने वाले दो बेहद मध्यमवर्गीय परिवार के दो नौजवान। एक रवि उप्पल और दूसरा सौरभ चंद्राकर। भिलाई में कभी जूस बेचते हुए तो कभी टायर दुकान में काम करते हुए सट्टा खिलाने वाले ये दोनों दोस्त अब दुबई में जा बसे हैं। इन्होंने दुबई में सबसे बड़े सट्टे का साम्राज्य खड़ा कर लिया है, जो करीब 6 हजार करोड़ से ज्यादा का है। इनकी जांच कर रही एजेंसियों को शक है कि इतने बड़े पैमाने पर महादेव बुक एप के दुबई से संचालन में दाऊद इब्राहिम गैंग ने इन दोनों की मदद की। छत्तीसगढ़, मुंबई पुलिस के साथ ईडी इनके खिलाफ लगातार जांच कर रही है। ईडी के कहने पर इंटरपोल द्वारा एक रेड नोटिस जारी किया गया था। इसी कड़ी में दुबई में रवि उप्पल की गिरफ्तारी की गई है।

क्या है महादेव बुक एप?

महादेव बुक एप सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। इसे भारत में बैन कर दिया गया है। लेकिन अन्य देशों में यह चल रहा है। छत्तीसगढ़ के रहने वाले सौरव चंद्राकर और उसका सहयोगी रवि उप्पल दोनों एप के माध्यम से ये सट्टा दुबई से चलाते हैं। महादेव ऑनलाइन बुक पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल आदि पर सट्टेबाजी जैसे लाइव गेम में सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। ये एप तीन पत्ती, पोकर जैसे कई कार्ड गेम खेलने की सुविधा भी देता है। ड्रैगन टाइगर, कार्ड आदि का उपयोग करके वर्चुअल क्रिकेट गेम, यहां तक कि भारत में होने वाले विभिन्न चुनावों पर दांव लगाने की सुविधा भी देता है।

‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए। इसने जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस एप का इस्तेमाल करते थे। इसके यूजर्स इस एप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे। कोरोना महामारी और इसके बाद महादेव एप का कारोबार तेजी से बढ़ा। महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग उसके साथ जुड़े हैं।

ऐसे शुरु हुआ ऑनलाइन सट्टे का कारोबार

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई थी। हालांकि शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और एप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

4 हजार पैनल ऑपरेटरों का नेटवर्क

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए एप को प्रमोट करवाया। इसके साथ ही सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया। ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के जरिए सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने देश में करीब 4 हजार पैनल ऑपरेटरों का नेटवर्क खड़ा किया था। हर पैनल ऑपरेटर के पास 200 ग्राहक थे जो सट्टा लगाते थे। कहा जा रहा है कि इस तरह से दोनों रोजाना 200 करोड़ की कमाई कर रहे थे। अपनी इसी काली कमाई से संयुक्त अरब अमीरात में अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया।

कभी जूस बेचते थे और टायर दुकान थी

महादेव बेटिंग ऐप के किंग के नाम से मशहूर रवि उप्पल कभी भिलाई के सुपेला दक्षिण गंगोत्री में टायर की दुकान चलाता था। इसके अलावा जगह-जगह नल खुदाई का काम भी करता था। भिलाई के नेहरुनगर में रहने वाले रवि उप्पल के पिता भिलाई स्टील प्लांट में बड़े पद पर थे। रवि उप्पल की तरह ही सौरव चंद्राकर भी पहले एक जूस सेंटर चलाता था। उसके पिता भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। सौरभ भिलाई में ही 'जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई। लेकिन इसके बाद वो सट्टेबाजी के धंधे में शामिल हुआ और रातोंरात करोड़पति, फिर अरबपति बन गया।

सटोरिए की शादी में फिल्म स्टार्स का ठुमका

2023 के फरवरी महीने में सौरभ चंद्राकर की दुबई के रास अल खैमाह में धूमधाम से शादी हुई थी। इस शादी समारोह में शामिल होने के लिए बॉलीवुड से करीब 17 बड़े स्टार पहुंचे थे। जिनमें टाइगर श्राफ, आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान, असगर अली, कीर्ति खरबंदा, नुसरत भरूचा, नेहा कक्कड़, कृष्णा अभिषेक, भारती सिंह, एली अवराम, सनी लियोन, भाग्यश्री, विशाल ददलानी शामिल हैं। बताया जाता है कि इस शादी में दो सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। नागपुर से परिवार, रिश्तेदारों और सेलिब्रिटीज को दुबई ले जाने के लिए प्राइवेट जेट बुक किया गया था। शादी के लिए योगेश बापट की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को दिरहम में 112 करोड़ रुपए दिए गए थे। शादी में शामिल होने वाले सभी स्टार को सारा पेमेंट्स हवाला के जरिए दिया गया था। इसी शादी समारोह के बाद सौरभ ईडी के निशाने पर आया।

सट्टे का बॉलीवुड से सांठगांठ

ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से होने वाली कमाई को सौरभ चंद्राकर ने बॉलीवुड फिल्मों और होटल कारोबार में इंवेस्ट करना शुरू कर दिया। फिल्मों और अलग-अलग कारोबार में इन्वेस्ट करने की वजह से सौरभ और रवि उप्पल बॉलीवुड अभिनेताओं, गायकों, सरकारी अधिकारियों समेत कई जाने-माने लोगों के संपर्क में आ गए।

रॉडार पर कई सेलिब्रिटी

दो सौ करोड़ रुपए खर्च कर दुबई में की गई इस शादी के बाद 28 साल का सौरभ चंद्राकर और उनका महादेव बेटिंग ऐप जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया। इसी मामले में रणबीर के अलावा कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी, सनी लियोनी, हिना खान समेत 14 सेलेब्स को समन किया गया है। महादेव बेटिंग की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच आगे बढ़ी तो इसके लपेटे में दर्जनों बॉलीवुड सेलिब्रिटी आ सकते हैं।

जब एक साथ 39 ठिकानों पर हुई छापेमारी

देश में 30 से ज्यादा सेंटर्स से महादेव बुक ऐप को ऑपरेट किया जा रहा था। लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल तक नहीं पहुंच पा रही थी। आखिरकार ये मामला राज्य पुलिस के हाथ से निकलकर ईडी के पास चला गया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में महादेव बुक को लेकर जांच शुरू की तो बड़ी संख्या में लोग फंसने लगे। अगस्त 2023 में ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया। जिन्हें महादेव बुक एप से जुड़े दो बिजनेसमैन अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी ने हवाला के जरिए विदेश से पैसा भेजा था। इसके बाद ईडी ने मुंबई, कोलकाता और भोपाल में करीब 39 ठिकानों पर छापेमारी कर 417 करोड़ की संपत्ति जब्त की। ईडी ने अक्टूबर में रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की एक विशेष अदालत के सामने उप्पल और उसके पार्टनर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

भूपेश बघेल पर लगे गंभीर आरोप

महादेव ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप लगे हैं। जिसका खुलासा तब हुआ, जब ईडी महादेव बुक के खिलाफ जांच कर रही थी। इसी बीच 2 नवंबर को ईडी को खुफिया जानकारी मिली कि 7 और 17 नवंबर 2023 को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महादेव एप के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नगदी ले जाई जा रही है। ईडी ने एक होटल और एक अन्य स्थान पर तलाशी ली। इस दौरान ईडी ने 5 करोड़ रुपये बरामद किए। जिस असीम दास को इन रुपयों के साथ पकड़ा गया, कथिततौर पर उसने बताया कि जब्त की गई धनराशि महादेव एप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता 'बघेल' को देने की व्यवस्था की गई थी। ईडी ने महादेव एप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है जिनमें 15.59 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है।

चुनावी मुद्दा था महादेव एप

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप बड़ा मुद्दा रहा। इसके साथ सियासी सांठगांठ के आरोप कांग्रेस और मुख्यमंत्री पर लगे। जिसके बाद बीजेपी ने अपने आरोप पत्र और घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया। साथ ही ये भी कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनती है, तो वे इस मामले में आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। दिलचस्प बात ये है कि महादेव सट्टा एप का मालिक रवि उप्पल उसी दिन दुबई में गिरफ्तार हुआ, जिस दिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार शपथ ले रही थी।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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