किसान आंदोलन: छत्तीसगढ़ में बड़े किसान आंदोलन की तैयारी, 32 संगठनों की हुई बैठक, राजभवन के सामने महापंचायत करने का ऐलान
छत्तीसगढ़ में बड़े किसान आंदोलन की आहट सुनाई दे रही है। इसको लेकर आज 32 संगठनों की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिय गया है कि तीन सितंबर को प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। वहीं, 25, 26 और 27 सितंबर को राज भवन के सामने महापंचायत करने की घोषणा की गई है।
रायपुर। चुनावी वर्ष में राज्य में बड़े किसान आंदोलन की तैयारी चल रही है। आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए आज रायपुर में संयुक्त किसान मोर्चा की की बैठक हुई। मंडल प्रवीन स्योकंद, नंदकुमार विश्वाल और सौर यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं।
बैठक में छत्तीसगढ़ में विभिन्न जनांदोलनों का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित किए गए।इनमें बस्तर संभाग में चल रहे 24 अनिश्चितकालीन धरना, हसदेव को बचाने आंदोलन, गेल पाइपलाइन प्रभावित किसानों का आंदोलन आदि शामिल हैं। बैठक में आगामी तीन सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन रायपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही 15 से 25 सितंबर के बीच संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठनों द्वारा यात्राएं (पदयात्रा, साइकिल यात्रा, मोटर साइकिल यात्रा, ट्रेक्टर यात्रा) करने का निर्णय लिया गया। सभी यात्राएं 25 सितंबर को रायपुर में पहुंचेंगी जहां तीन दिन का महा धरना / महापड़ाव/ किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में समन्वयन समिति से जुड़े संगठनों बीच समन्वय करने और मीटिंग में हुए कार्यक्रम को लागू करने के लिए नौ सदस्यीय समन्वयन समिति का गठन किया गया। इसमें अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, छत्तीसगढ़ किसान सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन, भारतीय किसान यूनियन (अ) टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा, जिला किसान संघ बालोद, जिला किसान संघ राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन शामिल हैं।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. सुनीलम ने के कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा 550 किसान संगठनों का मोर्चा है। इसका संचालन 49 सदस्यीय समन्वयन समिति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया की पूरे देश के सभी राज्यों में मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों की आनलाइन बैठक की जा चुकी है। सभी संगठन भौतिक तौर पर मिलकर अपने अपने राज्यों में प्रदेश सम्मेलन, प्रदेश में यात्राओं की तिथियां तय कर चुके हैं। नौ अगस्त को कार्पोरेट बचाओ देश बचाओ आंदोलन केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर किया जा रहा ही । छत्तीसगढ़ में यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर किया जाएगा।
15 अगस्त को देश में पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा आजादी बचाओ दिवस आयोजित किया जाएगा। डॉ. सुनीलम ने कहा की संयुक्त किसान मोर्चा मुख्य तौर पर किसानों, मजदूरों, आदिवासियों के हक और सम्मान के लिए संघर्षरत है। एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जा मुक्ति, है किसान को प्रतिमाह 5000 रुपए की पेंशन, फसल बीमा का भुगतान और राजस्व के मुआवजे का संपूर्ण भुगतान, कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक, केंद्र द्वारा प्रस्तावित बिजली बिल को प्रस्तावित करना आदि मुद्दे के साथ साथ छत्तीसगढ़ के किसानों, मजदूरों के मुद्दो को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा छत्तीसगढ़ में संघर्ष करेगा। संयुक्त किसान मोर्चा देश में लोकतंत्र, संविधान को बचाने के लिए संघर्षरत सभी संघर्षों का समर्थन करता हैं।
बैठक को जनक लाल ठाकुर, आलोक शुक्ला, सुदेश टीकम, तेजराम विद्रोही, संजय पराते, श्याम मूरत कौशिक, सौरा यादव, रूपन चन्द्राकर सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।