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Jashpur News: विष्‍णु के राज में दूर हुआ वर्षों का अंधियारा: बिजली की रौशनी से चमका पहाड़ी कोरवा का महुआपानी गांव

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Jashpur News: विष्‍णु के राज में दूर हुआ वर्षों का अंधियारा: बिजली की रौशनी से चमका पहाड़ी कोरवा का महुआपानी गांव
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By Sanjeet Kumar

Jashpur News: रायपुर। जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में बसे महुआपानी गांव, जो जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर है, अब बिजली की चमक से रोशन होने वाला है। घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के बीच बसा यह गांव विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय का घर है। यहां के निवासी, जो सदियों से अंधेरे में जीवन बिता रहे थे, अब पहली बार बिजली की रोशनी का अनुभव करेंगे। यह ऐतिहासिक कदम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल और पीएम जनमन योजना के तहत संभव हो सका है।

महुआपानी: दुर्गमता और संघर्ष की कहानी

महुआपानी गांव का दुर्गम इलाका, जहां पहुंच पाना ही एक चुनौती है, लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहा है। बिजली जैसी महत्वपूर्ण सुविधा का न होना यहां के निवासियों के लिए एक बड़ा संकट बना हुआ था। इस गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के 100 से अधिक परिवार रहते हैं। कोरवा जनजाति, जिन्हें पहाड़ी कोरवा भी कहा जाता है, छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी और आदिवासी जनजातियों में से एक है। इनकी जीवनशैली जंगल और पहाड़ों पर निर्भर करती है, और ये अब तक आधुनिक सुविधाओं से कोसों दूर रहे हैं।

कोरवा जनजाति: प्रकृति के सानिध्य में जीवन

कोरवा जनजाति एक घुमंतू समुदाय है, जो जंगलों में रहकर शिकार, जड़ी-बूटी संग्रहण और कृषि के माध्यम से अपना जीवन यापन करता है। ये जनजाति अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजकर रखते हैं और पीढ़ियों से अपनी पारंपरिक जीवनशैली का पालन कर रहे हैं। आधुनिकता से दूर, कोरवा जनजाति के लोग अपनी पारंपरिक झोपड़ियों में रहते हैं और बिजली की अनुपस्थिति में रातों को भी अंधेरे में ही गुजारते आए हैं।

बिजली का आगमन: एक नई शुरुआत

महुआपानी गांव में बिजली पहुंचने की खबर से वहां के निवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। यहां के लोगों के लिए यह सिर्फ बिजली नहीं, बल्कि उनके जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक है। अब यह गांव भी उस विकास की राह पर कदम रखेगा, जिससे अब तक यह वंचित था। शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और रोजगार के क्षेत्र में अब महुआपानी के निवासियों के लिए नए द्वार खुलेंगे।

इस बदलाव से गांव के लोग न केवल आधुनिक दुनिया से जुड़ सकेंगे, बल्कि अपने जीवन को भी एक नई दिशा में ले जा सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल को गांव के लोगों ने दिल से सराहा है और उन्हें इस महत्वपूर्ण कदम के लिए धन्यवाद दिया है। महुआपानी में बिजली का आगमन वास्तव में इस क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

9 महीने में बदले गए 578 ट्रांसफार्मर, आवेदनों पर हो रही तत्‍काल कार्यवाही

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप जिले में विकास कार्यों की रूपरेखा बना कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्यवन किया जा रहा है। आम लोगों के जीवन से जुड़ी सुविधाएं एवं समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री के गृह निवास बगिया में मुख्यमंत्री कार्यालय कैंप की स्थापना इसी दिशा में उठाया गया कदम हैं। जहां लोगों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाता है।

जशपुर जिला हाथी विचरण क्षेत्र हैं। जिले के दूरस्थ अंचलों में भी बिजली की संचालन निर्बाध रूप से हो इसके लिए विद्युत विभाग दिन हो या रात लगातार कार्य कर रहा है। आम लोगों के आवेदन पर विभाग का अमला तत्कार संज्ञान लेकर काम में जुट जाता है। विद्युत विभाग बारिश हो या अंधड़, पेड़ का बिजली के तारों या खंभों में गिरने जैसी चुनौतियों का लगातार सामना करते हुए बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है। विभाग के द्वारा पिछले लगभग 9 महीने में जशपुर जिलें में 578 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं और 124 नया ट्रांसफार्मर नया लगाया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा नई लाईन बिछाने, केबल, ग्रिप चेंज आदि कार्य भी सतत रूप से किया जा रहा है।

विद्युत विभाग के द्वारा जिलें के विकासखंडों सहित इसके अंतर्गत आने वाले गांवों में विद्युतिकरण कार्य एवं इसके संचालन में आने वाले बाधाओं को तत्काल निराकरण किया जा रहा है। विभाग के द्वारा बिजली की लोड केपिसिटी के हिसाब से 578 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं। जिनमें बगीचा विकासखंड में 42 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं। इसी तरह दुलदुला विकासखंड में 45, जशपुर विकासखंड में 50, कुनकुरी विकासखंड में 106, मनोरा में 29, सन्ना में 42, पत्थलगांव में 144, कांसांबेल में 55 एवं फरसाबहार में 65 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं।

इसी तरह जिले के आठों विकासखंड में 124 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। जिसमें 100 केव्हीए का 16 ट्रांसफार्मर, 63 केव्हीए का 77 ट्रांसफार्मर और 25 केव्हीए का 31 ट्रांसफार्मर लगाया गया है। शहरों के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था के निर्बाध रूप से संचालन से लोगों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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