जांजगीर। घरेलू विवाद में पत्नी के ऊपर शराबी पति ने मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी। इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
संजय नगर गौशाला पारा अकलतरा थाना अकलतरा में रहने वाली मधु बंसोड़ के पति रोशन बंसोड़ ने पिछले साल 1 फरवरी 2022 को अपनी पत्नी पर मिट्टी तेल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया था। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी रोशन बंसोड शराबी प्रवृत्ति का है और 1 फरवरी 2022 की शाम 5:00 बजे आरोपी रोशन शराब पीकर घरेलू बात को लेकर अपनी पत्नी मधु से गाली गलौच मारपीट किया तथा जान से मारने की नियत से मृतिका के ऊपर मिट्टी तेल डाल कर माचिस मार आग के हवाले कर दिया। आग लगने से मधु के द्वारा पहने गए साड़ी एवं पैर, कमर, पेट, बाया हाथ जल गया। वह बचाओ बचाओ कहते हुए आंगन में निकली। आंगन में मृतका की मां कुंवारी बाई बाल्टी से पानी डालकर आग बुझाई। आस पास के पड़ोसी गंगाबाई व मीरा बाई आकर जली हुई अवस्था में मधु को देखे। उसकी मां कुंवारी बाई उसे ट्रेन से शक्ति शासकीय चिकित्सालय लेकर गई और उसे भर्ती करवाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय जांजगीर रेफर कर दिया गया स्थिति गंभीर देखते हुए जांजगीर से सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया।
सिम्स में इलाज के दौरान मधु बंसोड की मृत्यु हो गई। मृत्यु की सूचना पर सिम्स चौकी बिलासपुर द्वारा मर्ग इंटिमेशन दर्ज कर शव का पंचनामा रिपोर्ट तैयार किया गया तथा थाना अकलतरा को प्रकरण भेजा। थाना अकलतरा ने अपराध क्रमांक 69/ 2022 पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया।
मामले की सुनवाई द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पल्लवी तिवारी के न्यायालय में हुई। न्यायालय में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंद्र प्रताप सिंह ने अदालत को बताया कि जिस प्रकार से आरोपी ने शराब के नशे में घरेलू बात को लेकर अपनी पत्नी के ऊपर मिट्टी तेल डालकर आग से जलाकर हत्या की है वह अत्यंत गंभीर प्रकृति का है। अतः आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिया जाए। अभियोजन ने अभियुक्त के विरुद्ध प्रकरण को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित करवाया। प्रकरण की स्थिति, अपराध की गंभीरता एवं सामाजिक प्रभाव को देखते हुए विद्वान न्यायाधीश पल्लवी तिवारी ने आरोपी 30 वर्षीय रोशन बंसोड़ पिता स्वर्गीय सुंदरलाल बंसोड़ को हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं पटाने पर 6 माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।