जम्मू। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर हमला कर दिया। इस हमले में 4 सैनिक शहीद हो गए। इस हमले पर राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती नेकड़ी निंदा की है।
दरअसल, 20 दिसंबर से ही सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ घेराबंदी और तलाशी अभियान इस इलाके में शुरू किया था। वहीं, गुरुवार शाम पौने चार बजे सेना के 2 वाहनों में जवान जा रहे थे, तभी ये हमला हुआ। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में चार सैनिक मारे गए हैं।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सेना के नगरोटा मुख्यालय वाली व्हाइट नाइट कोर ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स-पोस्ट हैंडल पर कहा, “कोर 21 दिसंबर 23 को सूरनकोट में आतंकवाद के संकट से लड़ते हुए चार सैनिकों की बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है।”
सुरक्षा बलों ने सुरनकोट इलाके में आतंकवादियों के एक समूह के छिपे होने की खुफिया जानकारी के बाद संयुक्त अभियान शुरू किया था। बफलियाज़ में डेरा की गली (डीकेजी) क्षेत्र में एक जिप्सी और एक ट्रक सहित सेना के दो वाहन आतंकवादी गोलीबारी की चपेट में आ गए, जब ये वाहन सैनिकों को ऑपरेशन स्थल पर ले जा रहे थे।
आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच शुरुआती संपर्क में तीन जवान शहीद हो गए। बाद में, एक अन्य सैनिक ने गंभीर चोटों के कारण नजदीकी चिकित्सा सुविधा में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
अधिकारियों ने कहा कि इस ऑपरेशन में घायल होने के कारण तीन सैनिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि हमले के दौरान सैनिकों और आतंकवादियों के बीच हाथापाई भी हुई।
छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की निगरानी के लिए सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। इस साल पुंछ जिले में यह दूसरी बड़ी घटना है। 20 अप्रैल को पुंछ के भिम्बर गली इलाके में एक आतंकवादी हमले में पांच सैनिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।