
नईदिल्ली 18 नवम्बर 2021. व्यापार रिश्वत जोखिम को आंकने वाली वैश्विक सूची में इस वर्ष भारत पांच पायदान नीचे खिसककर 82वें स्थान पर आ गया है. पिछले साल यह 77वें स्थान पर था. रिश्वत के खिलाफ मानक स्थापित करने वाले संगठन 'TRACE' की सूची 194 देशों, क्षेत्रों और स्वायत्त एवं अर्द्ध स्वायत्त क्षेत्रों में व्यापार रिश्वतखोरी जोखिम को दर्शाती है. इस वर्ष के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और इरिट्रिया में सबसे अधिक व्यावसायिक रिश्वतखोरी का जोखिम है, जबकि डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और न्यूजीलैंड में सबसे कम जोखिम.
इस साल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और इरिट्रिया में सबसे अधिक व्यावसायिक रिश्वतखोरी का जोखिम है, जबकि डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और न्यूजीलैंड में सबसे कम जोखिम. आंकड़े से पता चलता है कि भारत 2020 में 45 अंकों के साथ 77 वें स्थान पर था, जबकि इस वर्ष यह 44 अंक के साथ 82 वें स्थान पर रहा. यह अंक चार कारकों पर आधारित है. सरकार के साथ व्यापार बातचीत, रिश्वत-रोधी निवारण और प्रवर्तन, सरकार और सिविल सेवा पारदर्शिता तथा नागरिक समाज की निगरानी की क्षमता जिसमें मीडिया की भूमिका शामिल है.
डेनमार्क में नहीं चलता घूस
रैंक देश रिस्क स्कोर
1. डेनमार्क 2
2. नॉर्वे 5
3. स्वीडेन 10
4. फिनलैंड 7
5. न्यूजीलैंड ८
चीन भारत से 50 पायदान पीछे
रैंक देश स्कोर
9 ब्रिटेन 14
18 जापान 19
23 अमेरिका 22
82 भारत 44
135 चीन 56
150 पाकिस्तान 59
167 बांग्लादेश 65
यहां सबसे अधिक रिश्वतखोरी
रैंक देश रिस्क स्कोर
190 सोमालिया 80
191 वेनेजुएला 81
192 इरिट्रिया 81
193 तुर्कमेनिस्तान 86
194 उत्तर कोरिया 94
आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने अपने पड़ोसियों – पाकिस्तान, चीन, नेपाल और बांग्लादेश से बेहतर प्रदर्शन किया है. इस बीच, भूटान ने 62वीं रैंक हासिल की, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है.