Hit and Run Law: जानिए...क्या लागू हो गया है हिट एंड रन का नया कानून, ट्रांसपोर्टरों हड़ताल के बीच आया सरकार का बड़ा बयान
Hit and Run Law:
Hit and Run Law: रायपुर। हिट एंड रन कानून को लेकर फिर एक बार देशभर के ट्रांसपोर्टर (ट्रक और बस) हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ में आज इस हड़ताल का असर नहीं दिख रहा है। यात्री बस सहित सभी वाहन चल रहे हैं। इस बीच हिट एंड रन मामले पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि हिट एंड रन मामलों के लिए लाए गए कानून को अभी लागू नहीं किया गया है। अभी पुराना कानून ही लागू है। कतिपय स्वार्थी तत्वों के द्वारा फेक लेटर्स के माध्यम से गलत जानकारी देकर ट्रांसपोर्ट संगठनों और वाहन चालकों को बहकाने की सूचना मिली है। वाहन चालकों को स्वार्थी तत्वों द्वारा गलत जानकारी देकर फैलाए जा रहे अफवाहों से डरने की आवश्यकता नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि नए कानून को लागू करने से पहले अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। वाहन चालकों को किसी भी प्रकार के बहकावे में आने और भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में वाहन चालकों को किसी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की गई है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस को पत्र प्रेषित कर स्पष्ट किया है कि भारत सरकार का संबंधित विभाग इस कानून को लागू करने से पहले अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बातचीत करेगी और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि भारतीय न्याय संहिता 106(2) लागू करने से पहले हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही हम कोई निर्णय लेंगे।
इधर, छत्तीसगढ़ में ड्राइवरों की हड़ताल, आज से थम गए स्कूल बस, यात्री बस और ट्रकों के पहिए...
छत्तीसगढ़ में बस और ट्र्क के ड्राइवर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। इस प्रदर्शन में 65 हजार से ज्यादा बस और ट्रक के चालक जुटेंगे। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन के आव्हान पर ये हड़ताल की जा रही है। केंद्र सरकार के द्वारा लाये गये हिट एंड रन कानून को वापस लेने सहित 14 सूत्रिय मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ हाईवा परिवहन संघ ने भी समर्थन दिया है।
ड्राइवर संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले दिनों इसी कानून को लेकर देश भर में प्रर्दशन किया गया था और इसके बाद केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की मीटिंग बुलाकर उनसे इस संबंध में चर्चा की थी, जिसके बाद इस आंदोलन को खत्म कर दिया गया था। लेकिन सरकार ने ड्राइवरों से इस संबंध में कोई बात नहीं की। ड्राइवर संघ के पदाधिकारियों ने आगे कहा कि ट्रांसपोर्टर खुद ड्राइवरों का शोषण करते है। ड्राइवर गरीब होते है और उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर होती है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून से ड्राइवर काफी डरे हुए है और इस कानून को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे हैं और आज से पूरे छत्तीसगढ़ में बस और ट्रक ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। इस हड़ताल का बड़ा असर स्कूल बस और माल वाहकों पर पड़ेगा।
यह है ड्राइवरों की मांग
- ड्राइवरों का अलग से हेल्थ कार्ड जारी हो, जो देश के किसी भी निजी अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा प्रदान करें।
- ड्राइवर के साथ मार-पीट या अभद्र व्यवहार करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।
- ड्राइवर की आयु 50 वर्ष पूर्ण होने पर पेंशन लाभ दिया जाए।
- दुर्घटना में ड्राइवर की मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाये।
- ड्राइवर या उसके परिवार को अलग से आवास योजना के अंतर्गत आवास प्रदान किया जाये।
- ड्राइवर की मृत्यु या विकलांगता पर पेंशन लाभ दिया जाये।
- दुर्घटना के दौरान ड्राइवर की मृत्यु होने पर 25 से 30 लाख रुपए का बीमा।
- किसी भी शासकीय नौकरी की भर्ती में ड्राइवर या उनके परिवार के सदस्यों को आरक्षण दिया जाये।
- किसी भी निजी व शासकीय स्कूलों में निशुल्क शिक्षा दी जाएं सहित 14 मांगो को पूरा करने की मांग को लेकर ये हड़ताल की जा रही है।