Higher Education: उच्च शिक्षा विभाग में ऐसा चल रहा खेला: स्कूल, कालेज जाने के बजाय मंत्रालय में कर रहे मौज
Higher Education: हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में गजब का खेल चल रहा है। रसूख हो और पहुंच ऊंची,तब कुछ भी कर सकते हैं। प्राचार्य और प्रोफेसर कुछ इसी तरकीब पर मजे से नौकरी कर रहे हैं। 62 साल के उम्र तक मंत्रालय में पहुंच का फायदा उठाते हुए हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में कुर्सी हासिल कर ले रहे हैं और इसके बाद स्कूल में प्रिंसिपल या फिर कालेज में प्रोफेसरी करने लौट जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ऐसे-ऐसे प्रिंसिपल और प्रोफेसर दर्जनों की संख्या में है जिन्होंने दशकों से स्कूल और कालेज का दरवाजा नहीं देखा है।

Shiksha Vibhag
Higher Education: रायपुर। उच्च शिक्षा विभाग में चल रहे इस गोरखधंधे का खुलासा भी नहीं हो पाता। बिलासपुर जिले के NSUI के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं सचिव, उच्च शिक्षा विभाग दस्तावेजी प्रमाण के साथ शिकायत ना की होती। शिकायत में प्रिंसिपल और प्रोफेसर स्कूल व कालेज जाने के बजाय मंत्रालय में नौकरी कर रहे हैं। केस फाइल भी शिकायत में शामिल किया है। छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश 25 अक्टूबर.2016 के अनुसार डॉ. राजलक्ष्मी सेलट (मूल पद – प्राध्यापक (भूगोल), वर्तमान में पदोन्नत होकर स्नातक प्राचार्य) उच्च शिक्षा विभाग में संलग्न होकर ओएसडी के रूप में बीते 10 वर्ष से पदस्थ है। इससे पूर्व वर्ष 2006 में प्राध्यापक पद पर पदोन्नत होने के बाद से नगरीय प्रशासन विभाग, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग आदि में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रही हैं। तकरीबन 20 वर्ष से वह गैर शैक्षणिक पदों पर पदस्थ रहकर मूल पद एवं कार्य से अलग है। डा सेलट को ओएसडी के पद से हटाया भी नहीं जाता अगर उम्र की बाधा नहीं आती। डा. राजलक्ष्मी सेलट, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय की प्राचार्य है। इसलिए उन्हें प्रशासनिक पद से
62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय में ओएसडी पद से हटाया गया था।
छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के शिक्षकों (सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक, प्राध्यापक) को उनके मूल पद के अनुसार शैक्षणिक, अकादमिक एवं शोध गतिविधि जैसे मूल कार्य करने के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर दिया जाना चाहिए, परन्तु इसके विपरीत छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत अनेक सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक, प्राचार्य 62 वर्ष की आयु के बाद भी मूल पद पर कार्य करने नहीं लौट रहे हैं।
0 गजब का खेल
उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय में 62 वर्ष की आयु पूर्ण होने के कारण सेलट को ओएसडी के पद से हटाते हुए प्रिंसिपल के रूप में स्कूल भेजा गया गया था। रसूख ऐसा कि इस बार ओएसडी का अतिरिक्त प्रभार मिल गया है।
डॉ. राजलक्ष्मी सेलट, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय में स्नातक प्राचार्य हैं। 23 मई 2025 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी हैं। वर्ष 2016 से वह उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय में संलग्न होकर बीते 10 वर्ष से OSD के पद पर पदस्थ रही है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 4 जुलाई 2025 को आदेश जारी कर उन्हें उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय में OSD के पद से हटाकर स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय, अटारी जिला-रायपुर में प्राचार्य के पद पर पदस्थ किया गया है और 8 जुलाई 2025 को उन्हें कार्यमुक्त किया गया है। 16 जुलाई 2025 को उच्च शिक्षा विभाग ने देर रात आदेश जारी कर उन्हें उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय में OSD का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।
0 ये है नियम
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश 05 दिसंबर 2012 के अनुसार महाविद्यालय के शैक्षणिक संवर्ग के सदस्य (प्राचार्य, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक आदि) अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक, सहायक संचालक, ओएसडी जैसे प्रशासनिक पद पर पदस्थ है तो उन्हें 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत करने का प्रावधान है। यदि 65 वर्ष की आयु तक शासकीय सेवा में बने रहना है तो उन्हें मूल पद में महाविद्यालय में पदस्थ किया जाना अनिवार्य है।
0 हायर एजुकेशन में चल रहा अटैचमेंट का खेल
छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापक एवं प्राचार्य की कमी बनी हुई है। इसके बाद भी कई सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक एवं प्राचार्य 3 वर्ष से अधिक समय से लगातार उच्च शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा संचालनालय में संलग्न होकर ओएसडी., अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक, सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं।
0 फैक्ट फाइल
वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2024-25 के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कुल 9 शासकीय विश्वविद्यालय, 17 निजी विश्वविद्यालय, 335 शासकीय महाविद्यालय एवं 321 अशासकीय महाविद्यालय है।
स्नातकोत्तर प्राचार्य -- स्वीकृत - 64, भरे – 20, रिक्त – 44
स्नातक प्राचार्य -- स्वीकृत - 271, भरे – 109, रिक्त – 162
प्राध्यापक -- स्वीकृत - 779, भरे – 0, रिक्त – 779
सहायक प्राध्यापक -- स्वीकृत - 5335, भरे – 3033, रिक्त – 2302
0 राज्यपाल ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के दिए निर्देश
राज्यपाल द्वारा बीते दिनों रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के निरीक्षण के दौरान एवं 16 जुलाई 2025 को राजभवन के कांफ्रेंस हाल में आयोजित राजकीय विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक में कहा है कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए मूल शैक्षणिक कार्य को छोड़कर प्रतिनियुक्ति पर भेजे गये शिक्षकों (प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों) की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के निर्देश दिए गये है, ताकि महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षणिक कार्य गुणवत्ता के साथ छात्रों को प्राप्त हो सके।
