डीआईजी व उनकी पत्नी और साथी के खिलाफ हाईकोर्ट ने दिया एफआईआर का आदेश, गिरफ्तारी वारंट भी जारी
लखनऊ 20 जून 2022। हाईकोर्ट ने लखनऊ में पदस्थ दूरसंचार डीआईजी अनिल कुमार उनकी पत्नी व उनकी पत्नी के साथी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज करने का यह आदेश यूपी हाईकोर्ट की इलाहाबाद बैंच ने दिया है। एफआईआर के साथ ही तीनो के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है।
पूरा मामला फ्लैट बेचने के नाम से धोखाधड़ी करने का है। डीआईजी अनिल कुमार वर्तमान में लखनऊ में दूरसंचार विभाग में पदस्थ है। उनके खिलाफ कल्याणपुर गुडम्बा निवासी व्यवसायी रमेश कुमार गुप्ता ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में बताया गया था कि डीआईजी अनिल कुमार,उनकी पत्नी पुष्पा व पुष्पा के एक साथी चन्द्रपाल ने उनसे महानगर की इंदिरा दर्शन रेजीडेंसी स्थित अपना फ्लैट बेचने के लिए 60 लाख रुपये में सौदा किया था। बुकिंग अमाउंट के तौर पर तीनों ने 5 लाख रुपये ले भी लिए थे। तथा बाकी का पैसा किश्तों में देने की बात तय हुई थी। रकम देने के बाद व्यवसायी ने फ्लैट का कब्जा लेकर पेंट करवाना शुरू कर दिया था। पेंटिंग में व्यवसायी के 62 हजार रुपये खर्च हुए थे। इसके अतिरिक्त किश्तों में डीआईजी अनिल कुमार को 6 लाख 40 हजार रुपये दिए जा चुके थे।
रकम लेने के बाद डीआईजी अनिल कुमार ने उन्हें फ्लैट से बेदखल कर दिया। और न ही उनके पैसे लौटाए और न ही फ्लैट पर कब्जा दिया। उल्टे रकम वापस मांगने पर अपने स्टाफ से धमकी दिलवाते हुए व्यवसायी पर हज रत गंज कोतवाली में अपनी पत्नी पुष्पा से छेड़छाड़ करने की एफआईआर दर्ज करवा दी। व्यवसायी ने पुलिस को भी अपने साथ धोखाधड़ी होने की तहरीर दी। पर डीआईजी के प्रभाव के चलते मुकदमा दर्ज नही किया गया। जिसके बाद व्यवसायी रमेश कुमार गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसमे एक साल बाद फैसला आया और डीआईजी अनिल कुमार,उनकी पत्नी पुष्पा व उनकी पत्नी के मित्र चन्द्रपाल पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं। हाईकोर्ट से वारंट जारी होते ही लखनऊ पुलिस डीआईजी व अन्य दोनो आरोपियों की गिरफ्तारी में जुट गई है वही तीनो आरोपी फरार हो गए हैं।
ज्ञातव्य है कि अनिल कुमार सिंह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे। उन्हें आईपीएस अवार्ड होने के बाद आईपीएस का 2007 बैच अलॉट किया गया है। पूर्व में भी उनकी व उनकी पत्नी के ऊपर अन्य मामलों में मुकदमा कायम किया जा चुका है।