Begin typing your search above and press return to search.

Gyanvapi Masjid Survey: HC ने की मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, ज्ञानवापी मस्जिद का होगा एएसआई सर्वे

Gyanvapi Masjid Survey: प्रयागराज। ज्ञानावपी और मां श्रृंगार गौरी केस में ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया सर्वे होने का फैसला।

Gyanvapi Masjid Survey: HC ने की मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, ज्ञानवापी मस्जिद का होगा एएसआई सर्वे
X
By S Mahmood

Gyanvapi Masjid Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी है। हाई कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। इस आदेश के बाद अब कभी भी सर्वे शुरू हो सकता है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे का आदेश दिया है। इस फैसले का इंतजार हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष कर रहे थे। ASI सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अभी रोक लगा रखी थी।

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी सर्वे का आदेश दिया था। अब जिला कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने बरकरार रखने का सर्वे का आदेश जारी किया है। यानी ज्ञानवापी मज्जिद परिसर के ASI पर लगी रोक भी हट गई है। जिला कोर्ट के फैसले के बाद ASI की टीम ने 24 जुलाई को सर्वे का कार्य शुरू किया था।

सर्वे का काम शुरू होते ही मस्जिद कमेटी यानी मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ASI सर्वे पर तत्काल रोक लगाते हुए 26 जुलाई शाम 5 बजे तक फैसला सुनाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद 27 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आज यानी 3 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया। अब हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है।" सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्रा ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार है और सर्वेक्षण को लेकर कोई चिंता नहीं है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एक तार्किक परिणाम पर पहुंचने के लिए अदालत ने ASI सर्वेक्षण का आदेश पारित किया जोकि आवश्यक है।

मुस्लिम पक्ष की ओर से ज्ञानवापी के ASI सर्वे की रोक लगाने की मांग की गई थी। यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से अधिवक्ता पुनित गुप्ता ने कहा कि एएसआई सर्वेक्षण के लिए आवेदन अपरिपक्व है और यहां तक कि राम जन्मभूमि मामले में भी संबंधित पक्षों के मौखिक साक्ष्य दर्ज करने के बाद एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया गया था। लेकिन मौजूदा मामले में मौखिक साक्ष्य अभी तक दर्ज नहीं किया गया है।

हालांकि, हाई कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया है कि जिला कोर्ट के आदेश के तहत चल रही सर्वे की प्रक्रिया को आगे भी जारी रखा जाएगा। जिला कोर्ट ने एएसआई को सर्वे का काम पूरा कर 4 अगस्त तक रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया था। मुस्लिम पक्ष अब हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।

Next Story