रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के तहत गोबर खरीदी कर रही है। करीब दो साल से चल रही इस योजना में अब तक 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की गोबर की खरीदी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को ऑन लाइन राशि वितरित किया। बघेल ने कार्यक्रम में योजना के हितग्राहियों के खाते में 12 करोड़ 72 लाख रुपये का भुगतान किया। उन्होंने एक जून से 15 जून तक गोठानों में पशुपालकों, ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.40 लाख क्विंटल गोबर के एवज में चार करोड़ 79 लाख रूपए का ऑनलाईन भुगतान किया। इसी तरह गोठान समितियों को 4.67 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 3.26 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज रथ यात्रा के शुभ दिन में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण किया गया। उन्होंने सभी लोगों को रथ यात्रा की शुभकामनाएं दी।
अब तक 488 करोड़ से ज्यादा का भुगतान
अफसरों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 488 करोड़ 67 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में 15 जून 2023 तक गोठानों में 121.04 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, इसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 242 करोड़ सात लाख रूपए का भुगतान किया गया है। इसी तरह गोठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 231 करोड़ 53 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी में स्वावलंबी गोठानों की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गोठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रहने लगी है। स्वावलंबी गोठानों द्वारा क्रय किए गए गोबर के एवज में अब तक 61.69 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है। गोबर खरीदी के एवज में आज गोबर विक्रेताओं को अंतरित की गई 4.79 करोड़ रूपए की राशि में से 1.90 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.89 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया गया है।
जैविक खेती की ओर बढ़ रहा किसानों का रूझान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में जैविक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ रहा है। इसमें गोधन न्याय योजना का भी योगदान है। योजना के तहत खरीदे गए गोबर से गौठानों में महिला समूहों द्वारा 35 लाख 6 हजार क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया, जिसमें से लगभग 16 लाख 56 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किसान अपनी खेत में कर चुके हैं। राज्य के 7300 गोठानों में 6 लाख 34 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार है। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट की आपूर्ति निरंतर होती रहेगी।