
नईदिल्ली 14 जनवरी 2022. भारतीय वायुसेना ने कहा है कि हेलिकॉप्टर दुर्घटना (Mi-17 V5) में 'ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंप दिए हैं, इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और 13 अन्य की मृत्यु हो गई थी. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में तकनीकी विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है.
वायुसेना ने कहा है कि फ्लाईट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के विश्लेषण से शुरुआती जांच में जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, न तो चॉपर में कोई तकनीकी खामी थी, न ही पायलट ने कोई गलती की. मौसम के अचानक बिगड़ने की वजह से चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ.
पिछले साल 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के नीलगिरि के जंगलों में जनरल रावत, उनकी पत्नी और अन्य सैन्य अधिकारियों को लेकर जा रहा हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें सवार ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को छोड़कर कोई जीवित नहीं बचा था. हालांकि, बाद में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने भी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने हेलिकॉप्टर दुर्घटना से संबंधित जो प्रारंभिरक रिपोर्ट दी है, उसमें कहा गया है कि 8 दिसंबर 2021 को अप्रत्याशित ढंग से मौसम में बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के परिणामस्वरूप हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई. इसकी वजह से पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है.
भारतीय वायु सेना ने कहा है कि हेलिकॉप्टर दुर्घटना में 'ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंप दिये हैं, इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और 13 अन्य की मृत्यु हो गयी थी. ज्ञात हो कि जनरल बिपिन रावत जब वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज कॉलेज (डीएससी) में लेक्चर देने के लिए जा रहे थे, उसी दौरान उनका चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गयी.
हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के पर्वतीय नीलगिरि जिले के कुन्नूर में हादसे का शिकार हुआ था. हादसा घने कोहरे के बीच नंजप्पनचथिराम इलाके में हुआ था और शुरुआती दृश्यों में हेलिकॉप्टर में आग की लपटें उठते हुए देखी गयीं थीं. हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद भीषण आग लग गयी और पूरे इलाके में धुंध छा गयी. हेलिकॉप्टर जिस इलाके में गिरा, वह जंगल का क्षेत्र था. इसलिए राहत पहुंचने में भी थोड़ा वक्त लग गया.
वायुसेना की ट्रेनिंग कमान के कमांडिंग इन चीफ, एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में रक्षा मंत्रालय ने एक ट्राई-सर्विस इंक्वायरी के आदेश दिए थे जो दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में जुटी थी.