प्रदेश के सबसे बड़े करोड़ों के गांजा नष्टीकरण से बनाई गई 5 मेगावाट बिजली, सीएसईबी को की जाएगी सप्लाई
बिलासपुर 24 जून 2022। नशे से आजादी पखवाड़े के तहत न्यायधानी में करोड़ो का गांजा नष्ट किया गया। गांजे को बायोमास प्लांट में नष्टीकरण कर 5 मेगावाट बिजली भी उतप्पन की गई जिसे सीएसईबी को सप्लाई की जाएगी। रेंज के सभी जिलों के एनडीपीएस के प्रकरणों में जब्त गांजे का नष्टीकरण आज किया गया।
बिलासपुर रेंज में आईजी रतन लाल डांगी के निर्देशन में "नशे से आजादी पखवाड़ा" अभियान 12 से 26 जून तक चलाया जा रहा है। अभियान के तहत रेंज के सभी जिलों में मादक पदार्थो व नशे के विरुद्ध कार्यवाहियां करने के अलावा नशीले दवाओं के दुरुपयोग, तस्करी एवं दुष्प्रभाव पर जागरूकता अभियान भी जनता के बीच चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ही मादक पदार्थो के नष्टीकरण हेतु बिलासपुर रेंज स्तर पर चार सदस्यीय हाई पावर ड्रग डिस्पोजल कमेरी का गठन किया गया है। कमेटी के अध्यक्ष रेंज आईजी रतन लाल डांगी, सदस्य एसएसपी बिलासपुर पारुल माथुर,एसपी कोरबा भोजराम पटेल, व क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी बिलासपुर तोरन सिंह है।
समिति के द्वारा रेंज के सभी जिलों के नष्टीकरण योग्य कुल 553 प्रकरणों में जब्त 12.767 टन गाँजा,13 नग पौधा,8380 नग टैबलेट,11220 नग कफ सिरफ,897 नग कैप्सूल व 222 नग इंजेक्शन के नष्टीकरण की कार्यवाही की गई।
हुआ 5 मेगावाट बिजली का उत्पादन, सीएसईबी को की जाएगी सप्लाई:-
ज्ञातव्य हैं कि इससे पहले जब्त मादक पदार्थो को सिरगिट्टी इंडस्ट्रियल एरिया के भट्टी में जलाया जाता था। पर इस बार नष्टीकरण के लिए आईजी के निर्देशन में रतनपुर थाना क्षेत्र के मोहतराई में स्थित सुधा बायोमास पावर प्राईवेट लिमिटेड को चुना गया। ताकि नष्टीकरण के साथ ही ऊर्जा भी उतपन्न हो सके।
सुधा बायोमास के प्रबंधक एसवी राजू ने बताया कि " बायोमास प्लांट में वनस्पतिक अवशिष्ट को जला कर बिजली उत्पादन किया जाता है। हमारे प्लांट में अवशिष्टों को जला कर प्रति घण्टे 10 मेगावाट बिजली बनाने की कैपिसिटी है। पर अवशिष्ट न मिलने पर बीच बीच मे उत्पादन रोकना भी पड़ता है। हमारे द्वारा उत्पादित बिजली को सीएसईबी में सप्लाई किया जाता है। एसवी राजू ने बताया कि गाँजा के नष्टीकरण में लगभग एक घण्टे तक गाँजा जलता रहा जिससे 5 मेगावाट बिजली उतप्पन हुई। उत्पादित बिजली को सीएसईबी को सप्लाई की जाएगी"
आईजी रतन लाल डांगी ने बताया कि" बायोमास प्लांट में गांजे के नष्टीकरण से एक पंथ दो काज हो गए। गाँजा भी नष्ट हुआ और बिजली भी उतपन्न हो गई।" आईजी ने बताया कि बायोमास प्लांट में नष्टीकरण की कार्यवाही से प्रदूषण भी उतपन्न नही होता है। इसलिए वहां नष्टीकरण करने का विचार आया। आगे भी जब भी नष्टीकरण की कार्यवाही की जाएगी उसे बायोमास प्लांट में करने का ही प्रयास किया जाएगा। आईजी ने बताया कि देश व प्रदेश में होने वाली एसी कार्यवाहियों को बायोमास प्लांट में ही सम्पन्न करनी चाहिए ताकि प्रदूषण भी न हो और ऊर्जा भी उतपन्न की जा सके।
क्या होता है बायोमास व कैसे होता है बिजली उत्पादन:-
भारत मे कृषि से व वन्य क्षेत्रो से बडी मात्रा में अवशिष्ट पैदा करता है। और ये लकड़ी का बुरादा,पैरा,भूसी,पुआल, वनस्पतिक डिस्पोजल या आसान शब्दो मे कहे तो पेड़ पौधों या फसलों का अनुपयोगी कबाड़ है। इन्हें बायोमास प्लांट में बॉयलर में जलाया जाता है, जो बिजली पैदा करने के लिए एक टर्बो अल्टरनेटर चलाता हैं। जिससे बिजली पैदा होती है