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Duncany River Front: डंकनी रिवरफ्रंट पर पर्यावरण से खिलवाड़: आयरन ओर वेस्ट डंपिंग से बढ़ा खतरा, सीएस को पत्र लिखकर जांच की मांग

Duncany River Front:

Duncany River Front: डंकनी रिवरफ्रंट पर पर्यावरण से खिलवाड़: आयरन ओर वेस्ट डंपिंग से बढ़ा खतरा, सीएस को पत्र लिखकर जांच की मांग
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By Sanjeet Kumar

Duncany River Front: रायपुर। दंतेवाड़ा में डंकनी नदी की एक तरफ बनाए जा रहे रिवर फ्रंट और दूसरी तरफ आयरन ओर का वेस्ट डंप किए जाने के मामलों को लेकर रायपुर के पर्यावरण प्रेमी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पर्यावरण संरक्षण मंडल की उदासीनता के कारण ये कार्य हुए जिससे पर्यावरण, इकोलॉजी और जैव विविधता को भारी नुकसान हुआ है। पर्यावरण प्रेमी ने मुख्य सचिव से मांग की है कि वह निर्देश जारी करें कि पर्यावरण संरक्षण मंडल उदासीनता छोड़कर अपने दायित्वों को पूर्ण करें।


क्या है मामला-1 : शिकायत के 44 वे दिन खानापूर्ति के लिए रिपोर्ट मंगाई मण्डल ने

रायपुर के पर्यावरण प्रेमी नितिन सिंघवी ने बताया की 6 नवंबर 2023 को उन्होंने सदस्य सचिव, पर्यावरण संरक्षण मंडल को पत्र लिखकर के बताया कि डंकनी नदी में रिवर फ्रंट के नाम से दीवाल का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण के पहले पर्यावरण को होने वाले नुकसान का कोई अध्यन नहीं कराया गया। निर्माण से नदी की जैव विविधता को नुकसान होने के अलावा पर्यावरण और इकोलॉजी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। निर्माण चालू रहने से और नुकसान हो रहा है। पत्र के मांग की गई थी कि इस कार्य को बंद कराया जाए परन्तु पर्यावरण संरक्षण मंडल ने कोई कार्यवाही नहीं की और फिर 44 दिनों बाद 20 दिसंबर को अपने रीजनल ऑफिसर जगदलपुर को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा। सिंघवी ने मुख्य सचिव को कहा कि जब उन्होंने प्रमाण प्रस्तुत किए थे तो सदस्य सचिव को कार्य रुकवा कर जांच करनी चाहिए थी, रिपोर्ट भी एक दिन में बुलवाई जा सकती थी।

मामला-2: नदी तट पर आयरन ओर वेस्ट डंपिंग: शिकायत के 52 वें दिन बाद की गई कार्रवाई

सिंघवी ने बताया कि 6 नवंबर 2023 को उन्होंने सदस्य सचिव को पत्र लिख कर प्रमाण के साथ आरोप लगाए थे कि डंकनी नदी के तट पर आयरन ओर वेस्ट डंप किया जा रहा है, इसे तत्काल रुकवाया जाए। परंतु पर्यावरण संरक्षण मंडल ने कोई रुचि नहीं दिखाई और इस बीच 35000 टन आयरन ओर वेस्ट डंप कर दिया गया, उसके ऊपर नदी से रेत निकाल कर डालकर डंपर चलकर मैदान बना दिया गया है और बाकी जगह पर अभी भी आयरन ओर वेस्ट की डंपिंग चालू है। पत्र लिखने के 52 में दिन बाद पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव ने अपने रीजनल ऑफिसर जगदलपुर को पत्र भेज कर रिपोर्ट मंगाई है। सिंघवी ने आरोप लगाया की सदस्य सचिव चाहते तो पहले दिन ही कार्य रुकवा कर रिपोर्ट मंगवा सकते थे इससे पर्यावरण, इकोलॉजी और जैव विविधता को नुकसान नहीं पहुंचता।


सिंघवी ने बताया कि वर्ष 2021 में भी इसी जगह पर आयरन ओर डंपिंग चालू की गई थी और नदी के तल पर दीवाल बना दी गई थी, जिसको लेकर उन्होंने जनहित याचिका दायर की थी। माननीय उच्च न्यायालय ने आदेशित किया था कि सिंघवी के प्रतिवेदन का निराकरण किया जावे। परंतु पर्यावरण संरक्षण मंडल ने प्रतिवेदन में प्रस्तुत आरोपो का निराकरण न करते हुए अपने रीजनल ऑफिसर से रिपोर्ट बुलाकर मामला रफा दफा कर दिया। नदी के तट पर बनी दीवार आज भी बनी हुई है। 2021 में 30000 टन आयरन ओर डंपिंग नहीं हटाया गया। चर्चा में सिंघवी ने पूछा कि किसके कहने पर यह दिवाल बनाई गई हैॽ और ऐसा कौन सा नियम है जो नदी के तल पर दीवार बनाने की अनुमति देता हैॽ सिंघवी ने आरोप लगाया कि 2021 में जो आयरन और वेस्ट डंप किया गया था उसका बड़ा हिस्सा बरसात में बह गया, जिससे रिवर सिस्टम को पर्यावरण, इकोलॉजी और जैव विविधता को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसके लिए पर्यावरण संरक्षण मण्डल जिम्मेदार है।

मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में सिंघवी ने मांग की है कि रीजनल ऑफिसर जगदलपुर और जिम्मेदारों के विरुद्ध जांच कराई जावे तथा पर्यावरण संरक्षण मंडल को निर्देशित किया जावे कि वह अपनी उदासीनता को छोड़कर जब भी शिकायत मिले तत्काल कार्यवाही करें और अपने दायित्वों का नरवान करे।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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