DMF scam : डीएमएफ घोटाला में ईडी ने पेश किया चालान: 16 आरोपियों के खिलाफ 8 हजार पन्नों की चार्जशीट
DMF scam :
DMF scam : रायपुर। जिला खनिज न्यास निधि घोटाला में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। इसमें निलंबित आईएएस रानू साहू सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें रानू साहू और आदिमजाति विकास विभाग की अधिकारी माया वारियर समेत 16 आरोपियों के खिलाफ 8021 पन्नों का अभियोजन परिवाद भी पेश किया। इसमें 169 पन्नों में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन है। ईडी ने 90 करोड़ 48 लाख 22 हजार 255 रुपए के घोटाले का अभियोजन परिवाद पेश किया है। गौरतलब है कि डीएमएफ घोटाला मामले में ईडी ने माया वारियर को बीते 15 अक्टूबर व रानू साहू को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
दोनों अधिकारी डीएमएफ घोटाला मामले में मुख्य आरोपी हैं। इसके बाद बीते दिनों ईडी ने रानू साहू के करीबी ठेकेदार मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया था। ठेकेदार मनोज कुमार द्विवेदी की गिरफ्तारी इसी मामले में माया वारियर से पूछताछ में हुए खुलासे के आधार पर की गई है। मनोज पर डीएमएफ के कार्यों में ठेका दिलाने के लिए अवैध वसूली का आरोप है। यह भी आरोप है कि मनोज कुमार द्विवेदी ने दूसरे ठेकेदारों से लगभग 12 करोड़ रुपए वसूले और माया वारियर के जरिए निलंबित आईएएस रानू साहू तक पहुंचाया।
मनोज द्विवेदी स्वयं का एक एनजीओ उद्गम सेवा समिति के नाम से चलाता था। डीएमएफ का काम दिलाने के लिए वसूली गई रकम में से 7-8 करोड़ रुपए मनोज द्विवेदी ने भी कमाए हैं। इससे पहले ईडी की टीम मनोज द्विवेदी से पूछताछ भी कर चुकी है। ईडी ने राज्य सरकार के अधिकारियों व राजनीतिक कार्यपालकों के साथ मिलीभगत कर डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने की राशि की हेराफेरी का आरोप लगाया है। इन अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी 1860 की विभिान्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
डीएमएफ खनिकों द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है, जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य खनन संबंधी परियोजनाओं व गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करना है। रानू साहू मई 2021 से जून 2022 तक कोरबा जिले की कलेक्टर तथा माया वारियर अगस्त 2021 से मार्च 2023 तक आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त थीं।