Dhan Kharidi: 2 दिन और चलेगी धान की खरीदी: जानिए... कितना दूर है 135 लाख टन का लक्ष्य, कांग्रेस की मांग- एक महीने बढ़ाई जाए समय सीमा
Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ में सरकारी धान खरीदी की निर्धारित समय सीमा समाप्त हो रही है। सरकार ने 31 जनवरी तक धान खरीदी करने का फैसला किया है। इधर, कांग्रेस ने खरीदी की समय सीमा एक महीना बढ़ाने की मांग की है।
Dhan Kharidi: रायपुर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का ग्राफ प्रतिदिन ऊपर चढ़ता जा रहा है। बीते साल राज्य में हुई 107.53 लाख टन धान की खरीदी का रिकार्ड इस साल पहले ही टूट चुका है। राज्य में अब तक 133.88 लाख टन धान की खरीदी हो चुकी है, जो कि बीते साल की तुलना में लगभग 27 लाख टन अधिक है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का अभी दो दिन और बाकी है। प्रतिदिन औसतन साढ़े तीन लाख टन धान की खरीदी हो रही है। इसको देखते हुए इस साल धान खरीदी की मात्रा 140 लाख टन के पार होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि राज्य में इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी का परिपालन सुनिश्चित करते हुए किसानों से प्रति एकड़ के मान से 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। किसानों से चालू विपणन वर्ष में 29 जनवरी तक 133.88 लाख टन धान खरीदी के एवज में उन्हें 28 हजार 104 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
मार्कफेड के महाप्रबंधक से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 23 लाख 68 हजार 810 किसान धान बेच चुके हैं। उल्लेखनीय है कि समर्थन मूल्य पर धान बेचने के राज्य में 26 लाख 85 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग भी समांतर रूप से जारी है। मिलर्स द्वारा खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव लगातार किया जा रहा है। अब तक 101 लाख 85 हजार 181 टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 91 लाख 13 हजार टन धान का उठाव किया जा चुका है।
धान खरीदी की मियाद एक महीने बढ़ाने की मांग
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि धान खरीदी की तिथि एक महीना और बढ़ाया जाना चाहिए। अभी तक प्रदेश के 5 लाख से अधिक किसान ने अपना धान नहीं बेचा है, तो ऐसे में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ानी चाहिए। सरकार गलत बोलती है कि लक्ष्य प्राप्त हो गया यह लक्ष्य तो भूपेश बघेल की सरकार ने निर्धारित किया था 130 से 140 लाख टन का था, तब 20 क्विंटल प्रतिएकड़ की खरीदी के हिसाब से लक्ष्य था जब घोषित कर दिया प्रतिएकड़ 21 क्विंटल लिया जाएगा तो यह लक्ष्य बढ़कर 150 लाख टन हो जायेगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने कम से कम एक महिने धान खरीदी और बढ़ानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार के दुर्भावना और किसान विरोधी षड़यंत्रों के चलते प्रदेश के किसान परेशान है। मौसम की खराबी का बहाना बनाकर अनेकों संग्रहण केंद्रों में तौलाई रोक दी गयी। टोकन जारी करने में लेटलतीफी सर्वविदित है। तौलाई की धीमी रफ्तार बारदानों की कमी के चलते किसान अपना धान नहीं बेच पाये है। व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय भाजपा सरकार के इशारे पर रकबा समर्पण करा के अनेकों संग्रहण केंद्रों में धान की खरीदी बंद करा दी गयी है।