DA News: CG डीए के लिए हर बार मशक्कत क्यों: जानिये..क्यों समय पर नहीं मिल पा रहा है महंगाई भत्ता...
DA News: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने आंदोलन की राह पड़ ली है। बीते कुछ सालों से कर्मचारियों को हर बार महंगाई भत्ता के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ रहा है।
DA News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को अभी 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2024 से बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुका है। राज्य के कर्मचारी जनवरी से ही महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों की तरफ लगातार शासन- प्रशासन के लोगों को ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बावजूद जब डीए नहीं बढ़ा तो उन्होंने आंदोलन की राह पकड़ ली है।
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों- अधिकारियों के संयुक्त संगठन फेडरेशन और संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल का ऐलान कर रखा है। हालांकि वित्त मंत्री से मुलाकात और चर्चा के बाद संयुक्त मोर्चा ने 20 सितंबर को घोषित अपना एक दिवसीय हड़ताल वापस ले लिया है, लेकिन फेडरेशन 27 सितंबर को हड़ताल के अपने फैसले पर अड़ा हुआ है। फेडरेशन में सौ से अधिक संगठन शामिल हैं। सभी संगठनों के सभी कर्मचारी- अधिकारी 27 सितंबर को एक दिन का आवकश लेकर हड़ताल पर रहेंगे।
प्रदेश में डीए की मांग को लेकर कर्मचारियों को हर बार संघर्ष करना पड़ा रहा है। यह सिलसिला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौर में शुरू हुई। कर्मचारी नेताओं के अनुसार प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारुढ़ होने के बाद से हर बार आंदोलन के बाद ही डीए बढ़ाया गया है। इसमें भी एरियर्स नहीं दिया गया। कर्मचारी नेताओं के अनुसार इसकी बड़ी वजह राज्य की वित्तीय स्थिति है। जानकारों के अनुसार कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश का वित्तीय अनुशासन पूरी तरह बिगड़ गया। इसी वजह से डीए बढ़ाने में देर करने के साथ ही एयियर्स देना बंद कर दिया गया। अभी भी राज्य की वित्त स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। बेपटरी हुई वित्तीय व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है। इसी वजह से डीए देने में सरकार देर कर रही है।
केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के डीए में आ गया था 12 प्रतिशत का अंतर
केंद्र और राज्य के कर्मचारियों का डीए एक समान रखा जाता है। जैसे ही केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ता है वैसे ही बहुत से राज्यों में कर्मचारियों का डीए बढ़ जाता है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश आदि राज्यों में राज्य सरकार अलग से आर्डर निकाली है। ऐसे में केंद्र और राज्य के कर्मचारियों का डीए लगभग एक बराबार चलता है। प्रदेश में मई 2022 केंद्र और राज्य के कर्मचारियों के डीए का अंतर बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया था। मई 2022 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ाकर 34 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि राज्य के कर्मचारियों के डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद वह 22 प्रतिशत ही पहुंच था। कर्मचारियों के आंदोलन के बाद इसे धीरे-धीरे बढ़कार फिर से केंद्रीय कर्मचारियों के करीब ला दिया गया।
डीए से करीब 900 करोड़ रुपये बढ़ जाता है वित्तीय भार
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए 4 प्रतिशत बाढ़ जाने से राज्य के खजाने पर करीब 900 करोड़ रुपये का भार बढ़ जाता है। इसमें 816 करोड़ मौजूदा कर्मचारियों और 68 करोड़ रुपये पेंशनरों का शामिल है।