Begin typing your search above and press return to search.

contract workers strike बड़ा सवाल : संविदाकर्मी अगर नियमित हुए तो तैयारी कर रहे लाखों युवाओं का क्या होगा

contract workers strike प्रदेश के संविदा कर्मचारी 22 दिनों से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। वे नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उनकी इस मांग पर सवाल उठ रहे हैं।

contract workers strike बड़ा सवाल : संविदाकर्मी अगर नियमित हुए तो तैयारी कर रहे लाखों युवाओं का क्या होगा
X
By Sanjeet Kumar

रायपुर। प्रदेश के एक लाख संविदा कर्मचारी अपना कामकाज छोड़कर हड़ताल पर हैं। नियमितीकरण की मांग को लेकर नवा रायपुर में 22 दिनों से उनका आंदोलन चल रहा है। इस बीच सरकार ने उनका वेतन एक ही बार में सीधे 27 प्रतिशत बढ़ा दिया है, लेकिन आंदोलनकारी संविदा कर्मी इससे संतुष्‍ट नहीं हैं। इधर, उनकी हड़ताल की वजह से आम लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर एस्मा भी लगा दिया है। इसके बावजूद वे अड़े हुए हैं।

हड़ताल को लेकर प्रदेश के बुद्धिजीवियों और प्रशासनिक विशषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार संविदाकर्मियों की मांग मान लेती है तो प्रदेश के उन युवाओं के साथ बड़ी नाइंसाफी होगी जो रात दिन मेहनत करके सरकारी नौकरी पाने का सपना देख रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में एक लाख से ज्यादा संविदाकर्मी विभिन्न शासकीय विभागों में काम कर रहे हैं। इस स्थिति में यदि नियमितीकरण की घोषणा होती है तो एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियों की भर्ती कई सालों के लिए रुक जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के सपने टूट जाएंगे।

प्रदेश के प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में बाकी राज्यों के मुकाबले संविदाकर्मियों की स्थिति काफी बेहतर है। राज्य सरकार ने नियमित वेतन, समय समय पर वेतन में वृद्धि, संविदा कार्यों के तहत मिलने वाले सभी तरह से लाभों से संविदाकर्मियों को लाभांवित करती रही है। जबकि दूसरी ओर संविदाकर्मी लगातार हड़ताल पर अड़े हुए हैं, जिससे न केवल महत्वपूर्ण सरकारी काम प्रभावित हो रहे हैं बल्कि आम जनता को भी लगातार परेशानियां उठानी पड़ रही है।

नौकरी संविदा है मामलू था, तो अब यह आंदोलन क्‍यों

सवाल यह भी हो रहा है कि जब संविदा कर्मी नौकरी में आए तभी उन्‍हें सेवा शर्तों के बारे में पूरी जानकारी थी। उन्‍हें यह भी मालूम था कि नौकरी स्‍थायी नहीं संविदा है तो फिर अब यह जिद्द क्‍यों। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले यह केवल दबाव बनाने की कोशिश है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story