CMO News: 22 दागी को बना दिया सीएमओ: 1900 वाले 87 कर्मचारी 5400 ग्रेड पे वाले अधिकारी का भोग रहे सुख, ये मक्खी गिरा दूध पीने जैसा केस...
CMO News: नगरीय प्रशासन विभाग ने 87 नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में सीएमओ की जगह बाबू और मोहर्रिर को बिठा दिया है, उनमें से 22 के खिलाफ गंभीर आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप हैं। 87 में दंतेवाड़ा, सुकमा, जशपुर जैसे 10 जिला मुख्यालयों वाली नगरपालिकाएं भी शामिल हैं, जिन्हें सीएमओ से पांच ग्रेड नीचे वाले बाबू, मोहर्रिर, कैशियर और लेखापाल चला रहे हैं। इनमें से अधिकांश के खिलाफ गंभीर आर्थिक गड़बड़ियांं के केस दर्ज हैं। विडंबना ये भी देखिए कि इन 87 नगरपालिकाओं में 1900 ग्रेड पे वाले बाबू सीएमओ हैं और उनके नीचे 5400 ग्रेड पे वाले इंजीनियर और स्वास्थ्य अधिकारी उनके मातहत काम कर रहे हैं। जाहिर है, ऐसा आड़ा-तिरछा काम छत्तीसगढ़ में ही संभव है।

CMO News: रायपुर। यह जानकार आपको ताज्जुब होगा कि छत्तीसगढ़ की 87 नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में सीएमओ नहीं हैं। नगरीय प्र्रशासन विभाग ने अंधेरगर्दी करते हुए उनकी जगह बाबू, मोहर्रिर और भृत्य से एक ग्रेड उपर वाले सहायक राजस्व अधिकारियों को सीएमओ बनाकर बिठा दिया है। इनमें दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंडागांव जशपुर जैसे बड़े अहम जिला मुख्यालय वाली नगरपालिकाएं भी शामिल हैं। दंतेवाड़ा को बाबू चला रहा तो कोंडगांव को सहायक राजस्व निरीक्षक और जशपुर को राजस्व निरीक्षक।
जिला मुख्यालय वाले ये 10 नगरपालिकाएं
जिला मुख्यालय वाले 10 अहम नगरपालिकाओं में सुकमा, सारंगढ़, जशपुर, खैरागढ़, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, मनेंद्रगढ़ और कोंडागांव शामिल हैं। इन दसों में से एक में भी सीएमओ कैडर का अफसर नहीं है। किसी में सहायक वर्ग-2 के बाबू तो किसी में सहायक राजस्व निरीक्षक। और जब 10 जिला मुख्यालयों का ये हाल है तो समझ सकते हैं कि बाकी जिलों के अधीन आने वाली नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में क्या हाल होगा।
सीएमओ और बाबू में पांच ग्रेड का अंतर
सीएमओ और बाबुओं तथा सहायक राजस्व निरीक्षकों में पांच ग्रेड पे का अंतर होता है। सीएमओ का ग्रेड पे 5400 होता है। उसके नीचे 4400, 4200, 3900, 3300 और 2200 ग्रेड पे होता है। इसके बाद फिर 1900 ग्रेड पे आता है। इससे पता चलता है कि 1900 ग्रेड पे वाला सहायक राजस्व अधिकारी सीएमओ के कैडर पोस्ट से कितना नीचे है।
एक्ट क्या है?
नगरपालिका एक्ट 1961 के एक्ट के अनुसार सीएमओ नगरपालिका सर्विस कैडर के अधिकारी होना चाहिए। मगर छत्तीसगढ़ में इसकी धज्जियां उडाई जा रही। 183 नगरीय निकायों में से 87 में बाबू, मानचित्रकार, कैशियर, लेखापाल और मोहर्रिर सीएमओ बनकर काम कर रहे हैं।
22 के खिलाफ गंभीर आरोप
एनपीजी न्यूज को इन 87 नगरीय निकायों में पोस्टेड प्रभारी अधिकारियों का चार्ट प्राप्त हुआ है, उसमें से 22 के खिलाफ रिमार्क कॉलम में गंभीर मामलों की नोटिंग की गई है। किसने किस नगरीय निकाय में रहते हुए क्या गुल खिलाया, पूरा डिटेल लिखा है। आश्चर्य की बात यह है कि गंभीर आरोपों का स्पष्ट उल्लेख होने के बाद भी उन्हें 87 संस्थाओं का प्रभारी सीएमओ बना दिया गया।
इंजीनियर बाबू के अधीनस्थ
नगरीय प्रशासन विभाग की लालफीताशाही का नतीजा है कि नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में पोस्टेड इंजीनियर और स्वास्थ्य अधिकारी बाबुओं और सहायक राजस्व निरीक्षकों के अधीन रहकर काम कर रहे हैं। जबकि, इंजीनियर और स्वास्थ्य अधिकारी का ग्रेड पे 5400 है और मोहर्रिर का 1900। याने पांच ग्रेड नीचे के बाबुओं के नीचे अधिकारियों को काम करना पड़ रहा है।
क्या होगा सुशासन का?
राज्य सरकार सुशासन पर गंभीरता पूर्वक काम कर रही है। रिफार्म की कोशिशें की जा रही है। पिछले महीना ही महीने भर का सुशासन तिहार खत्म हुआ है। ऐसे में, 87 महत्वपूर्ण नगरीय संस्थाओं को अगर बाबुओं और मोहर्रिर के हवाले कर दिया जाएगा तो ऐसे में सुशासन कैसे आएगा। नगरीय प्रशासन विभाग के जिम्मेदार लोगों को इसे देखना चाहिए।
नीचे देखिए 87 प्रभारी सीएमओ की लिस्ट...