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CM Vishnudeo Sai Cabinet: 360 डिग्री सिस्टम से निगरानी के बाद मंत्रियों को बंटे विभाग, पूर्व IAS के हाथ में खजाने की चाबी, जानिये किसे कितना मिला महत्व

CM Vishnudeo Sai Cabinet: लगभग 7 दिनों के इंतजार के बाद आज छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के कैबिनेट मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है। राज्‍य कैबिनेट में अभी सीएम सहित कुल 12 मंत्री हैं। विभागों के हिसाब से मंत्रियों कद का हिसाब लगाया जा रहा है।

CM Vishnudeo  Sai Cabinet: 360 डिग्री सिस्टम से निगरानी के बाद मंत्रियों को बंटे विभाग, पूर्व IAS के हाथ में खजाने की चाबी, जानिये किसे कितना मिला महत्व
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By Sanjeet Kumar

CM Vishnudev Sai Cabinet: रायपुर। छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के शपथ लेने के नौंवे दिन जाकर विभागों का वितरण हो पाया। विभाग बंटवारे में देरी को लेकर लोगों की उत्सुकता चरम पर थी। तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। बीजेपी से जुड़े लोग भी हैरान थे। मगर सरकार के नजदीकी सूत्रों से पता चला है 360 डिग्री सिस्टम से निगरानी के बाद आज विभागों का वितरण किया गया। बता दें, 21 दिसंबर को मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ था। इसके बाद लगातार स्थिति को वॉच किया जा रहा था। एक मंत्री को बड़ा विभाग इसलिए नहीं मिल पाया क्योंकि पहले से ही उनके पास विभागीय अधिकारियों का जमघट लगने लगा था। सूत्रों का कहना है, सभी मंत्रियों को शपथ तो दिला दी गई थी मगर तस्दीक यह की जा रही थी कि कौन किस तरह का काम कर सकता है, कोई चौकड़ी या रैकेट तो उस मंत्री को नहीं घेर रहा। 360 डिग्री सिस्टम भारत सरकार की निगरानी सिस्टम है, इससे डिटेल परखकर केंद्र में अफसरों की पोस्टिंग की जाती है। हालांकि, हाल ही में हाई कोर्ट में सरकार ने अधिकारिक तौर पर इस बात से इंकार किया कि निगरानी के लिए कोई 360 डिग्री सिस्टम है।

बहरहाल, विष्णुदेव कैबिनेट में वित्‍त विभाग की कमान पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को सौंपी गई है। करीब 17 वर्ष बाद वित्‍त विभाग मुख्‍यमंत्री सचिवालय से बाहर हुआ है। प्रदेश में ज्‍यादातर समय वित्‍त विभाग मुख्‍यमंत्री के पास ही रहा है। डॉ. रमन सरकार के शुरुआती दौर में अमर अग्रवाल वित्‍त मंत्री थे, लेकिन उनके इस्तीफा देने के बाद तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन ने वित्‍त विभाग अपने पास रख लिया था। वे लगातार 12 साल से ज्यादा समय तक वित्त की कमान अपने पास रखे। कांग्रेस सरकार के दौरान भी यह परंपरा कायम रही। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ही वित्‍त मंत्री बने रहे। हालांकि, अजीत जोगी ने अपनी सरकार में बेहद काबिल और विद्वान नेता रामचंद्र सिंहदेव को खजाने की चाबी सौंपी थी। बहरहाल, इस बार वित्त विभाग की कमान पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को सौंपी गई है।

जानकारों की राय में गृह मंत्री की कुर्सी को सरकार में दूसरे नंबर का माना जाता है, लेकिन सभी विभागों का नियंत्रण वित्‍त विभाग के पास रहता है। योजनाओं के लिए बजट जारी करने सहित तमाम हिसाब किताब वित्‍त विभाग के पास रहता है, ऐसे में वित्‍त की कमान संभालने वाले मंत्री की भूमिका महत्‍वपूर्ण हो जाती है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सामान्य प्रशासन विभाग अपने पास रखा है। यह प्रशासन का प्रमुख विभाग है। ऑल इंडिया सर्विस के अफसर सीधे सीएम के अंतगर्त होते ही हैं, जीएडी में सभी राजपत्रित आधिकारियों भी शामिल होते हैं। इसके साथ ही खनिज साधन, ऊर्जा जनसपंर्क वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन एवं अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित न हो वह सीएम के पास रहेगा।

साय कैबिनेट में सीएम साय को छोड़कर 11 मंत्री हैं। इनमें 4 पूर्ववर्ती डॉ. रमन सरकार में मंत्री रह चुके हैं। बाकी 7 पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें भी 5 पहली बार के विधायक हैं। विभागों के लिहाज से देखा जाए तो पहली बार मंत्री बने नेताओं को महत्‍वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। गृह मंत्री बनाए गए विजय शर्मा और वित्‍त मंत्री बनाए गए ओपी चौधरी पहली बार के विधायक हैं। चौधरी के पास आवास एवं पर्यावरण जैसा महत्‍वपूर्ण विभाग भी है। वहीं शर्मा के पास पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भी है। याने दोनों मंत्रियों का पलड़ा भारी रहेगा।

डिप्‍टी सीएम अरुण साव भी पहली बार के विधायक हैं। साव को पीडब्‍ल्‍यूडी और नगरीय प्रशासन की जिम्‍मेदारी दी गई है। ये दोनों विभाग भी कामकाज की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। नगरीय सरकार पर साव का पूरा नियंत्रण रहेगा। वहीं, पीडब्लूडी को क्रीम विभाग माना जाता है। पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल श्‍याम बिहारी जायसवाल को स्‍वास्‍थ्‍य जैसा महत्‍वपूर्ण विभाग सौंपा गया है। हालांकि, 2003 में पहली बार जीतकर आए डॉ0 कृष्णमूर्ति बांधी को भी स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। वहीं, राजस्‍व जैसा महत्‍वपूर्ण विभाग टंक राम वर्मा को दिया गया है।

वरिष्‍ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को स्‍कूल और उच्‍च शिक्षा विभाग दिया गया है। राज्य बनने के बाद पहली बार स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग एक ही मंत्री को दिया गया है। छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को यह दायित्व सौंपा गया है। बीजेपी सरकार के दौरान रमन सिंह की दूसरी पारी में बृजमोहन स्कूल शिक्षा संभाल चुके हैं। बहरहाल, इसे नया प्रयोग कहा जा सकता है। केंद्र में दोनों विभागों के एक ही मंत्री होते हैं। वहां मानव संसाधन मंत्री कहा जाता है। उनके पास स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों ही होते हैं। राम विचार नेताम कृषि मंत्री बनाया गया है। दयाल दास बघेल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का मंत्री बनाया गया है। साय कैबिनेट में एक मात्र महिला मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग की जिम्‍मेदारी दी गई है। टंक राम वर्मा भी पहली बार विधायक और मंत्री बने हैं। उन्‍हें खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन दिया गया है।




Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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