छुट्टी के आदेश में देरी क्यों? NPG की खबर के बाद छुट्टी की फाइल ऐसे दौड़ती हुई पहुंची CEO रीना बाबा कंगाले के पास, पढ़िये खबर विस्तार से
छुट्टी का आदेश देरी से निकलने का नतीजा यह हुआ कि कई स्कूलों को पता नहीं चल पाया। कुछ स्कूलों में आज बच्चे पहुंच गए तो स्कूलों ने भी मन नहीं किया क्योंकि टीचर भी पहुंच गए थे। कई स्कूलों में बच्चे पहुंचे तो मुख्य गेट पर ताला लटका मिला।
रायपुर। राज्य स्थापना की छुट्टी के लिए कल देर शाम तक संशय बना रहा। स्कूलों से लेकर कर्मचारियों, शिक्षकों के सोशल मीडिया में मैसेजेस चलते रहे। शाम छह बजे तक सिस्टम इस बात को लेकर अश्वस्त था कि राज्योत्सव पर कोई कार्यक्रम नहीं होना तो फिर छुट्टी क्यों। npg.news ने इस संबंध में शाम करीब छह बजे जीएडी सिकरेट्री डीडी सिंह से बात की। उन्होंने कहा, इस बार छुट्टी नहीं होगी। एनपीजी ने इस पर खबर प्रकाशित। चूकि छुट्टी की खबर थी इसलिए इसे पंख लगते देर नहीं लगी। एक घंटे में रिकार्ड 5.25 लाख लोगों ने इस खबर को देखी। एनपीजी छत्तीसगढ़ का सबसे तेज ही नहीं सर्वाधिक विश्वसनीय मीडिया प्लेटफार्म है...जाहिर है, इसका असर होना था।
सरकार के रणनीतिकारों को लगा चुनाव के वक्त छुट्टी नहीं देना कहीं गलत न हो जाए, इसलिए रात करीब पौन नौ बजे इस बारे में मंथन हुआ। राज्य स्थापना दिवस की छुट्टी रेगुलर छुट्टी नहीं है। विशेष अवकाश है। इसके लिए हर साल सरकार आदेश जारी करती है। ताकि लोग राज्योत्सव का आनंद उठा सकें। इस बार आचार संहिता की वजह से कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा इसलिए छुट्टी नहीं दी गई थी। चुनाव के समय विशेष अवकाश सरकार बिना चुनाव आयोग की इजाजत के नहीं दे सकती थी। लिहाजा, सचिवालय से रात करीब नौ बजे मुख्य चुनाव आयुक्त रीना बाबा कंगाले के पास व्हाट्सएप के जरिये अनुमोदन के लिए फाइल भेजी गई। और, ऐसी छुट्टियां जो पहले से चली आ रही है, उसे कंटीन्यू करने में चुनाव आयोग को कोई दिक्कत नहीं आनी थी। उपर से यह ऐसा इश्यू है कि बीजेपी भी इसका विरोध नहीं कर पाएगी। बीजेपी इस बात पर एतराज जताती कि सरकार ने आचार संहिता में छुट्टी दे दी तो कर्मचारी बीजेपी से नाराज हो जाएंगे। बहरहाल, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा से अनुमोदन मिलते ही रात करीब 9.23 बजे छुट्टी का आदेश फटाफट टाईप करके जारी कर दिया गया।
कई स्कूल खुल गए
चूकि छुट्टी का आदेश वायरल होते-होते रात 10 बज गए थे। इसका नतीजा यह हुआ कि कई स्कूलों को इसका पता नहीं चल पाया। बच्चे आज सुबह स्कूल पहुंचे तो वहां ताला लटकता मिला। दरअसल, देर रात कुछ स्कूलों ने व्हाट्सएप गु्रपों में छुट्टी का आदेश डाला था मगर बच्चों के पास उतना समय नहीं होता कि सुबह उठते ही व्हाट्सएप चेक करें।