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Chhattisgarh News: टाइगर रिजर्व एरिया में 3 दिन पहले टाइगर और अब मिला हाथी का शव, कहीं शिकारी की करतूत तो नहीं

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया के करीब तीन दिन पहले एक टाइगर का शव मिला था। सोमवार को सरगुजा सम्भाग के बलरामपुर जिले के मुरका गांव में धान के खेत में हाथी का शव मिला है। वन्य प्राणियों के मिल रहे शव को लेकर अब शिकारियों के जंगल मे दखलदांजी के साथ ही शिकार की आशंका भी होने लगी है। हालांकि वन अफसरों ने टाइगर के मौत को जहरखुरानी बताकर फाइल तकरीबन बंद कर दी है। हाथी के मामले भी कुछ इसी तरह की कहानी विभाग की ओर गढ़ दी जाए तो अचरज की बात नहीं होनी चाहिए।

Chhattisgarh News: टाइगर रिजर्व एरिया में 3 दिन पहले टाइगर और अब मिला हाथी का शव, कहीं शिकारी की करतूत तो नहीं
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By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh News: सरगुजा। छत्तीसगढ़ में टाइगर के बाद सोमवार को फिर एक हाथी की मौत हो गई है। बलरामपुर जिले में धान के खेत में हाथी का शव मिला है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। हाथी के शरीर में ऊपरी तौर पर चोट के निशान नहीं है। बहरहाल पोस्ट मार्टम के बाद ही मौत के कारण सामबे आएंगे।

बलरामपुर वन परिक्षेत्र के चलगली से लगे मुरका व आसपास के गांव में एक हाथी बीते तीन दिनों से विचरण कर रहा था। हाथी द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने। हाथी को धान के खेत में देखा था। डर के कारण ग्रामीण पास में नहीं जा रहे थे। हिम्मत जुटाकर जब ग्रामीण खेत के मेढ़ के पास पहुंचकर हाथी को देखने लगे। दूर से देखने पर खेत मे उसके बैठे होने का अहसास हो रहा था। मेढ़ के पास इकठ्ठा होजर ग्रामीण हाथी की हरकत पर नजर रखे हुये थे। काफी देर तक हलचल नहीं हुई, तब ग्रामीणों को संदेह हुआ। पास जाकर देखने से पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। हाथी व्यस्क और शारीरिक रूप से तंदुरुस्त दिख रहा था। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी व मैदानी अमला घटनास्थल पर पहुंच गए है। पशु चिकित्सकों की टीम से हाथी के शव का पोस्टमार्टम कराने की तैयारी चल रही है।

खेतों में धाएँ और गन्ने की फसल

उत्तर छत्तीसगढ़ के आबादी क्षेत्रों में इन दिनों हाथियों की चहलकदमी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। खेतों में धान और गन्ने की फसल तैयार है। हाथी इन फसलों को खाने के लिए जंगलों से सीधे आबादी क्षेत्र के आसपास पहुंच गए हैं। हाथियों को धान और गन्ना काफी पसंद है। यही कारण है कि इन दिनों वनांचल के ग्रामीण इलाकों में हाथियों की चहल कदमी कुछ ज्यादा ही हो रही है।

करंट से हुई थी मौत

26 अक्टूबर को रायगढ़ जिले के तमनार वन परिक्षेत्र में बिजली करंट से तीन हाथियों की मौत हो गई थी। रविवार को सूरजपुर के वनांचल में पण्डों जनजाति के भाई बहनों को हाथियों ने पटक पटककर मार डाला था। परिवार के तीन सदस्यों ने भागकर जान बचाई थी।

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