Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh News: संरक्षित जनजाति के एक ही परिवार के 3 लोगों की संदिग्‍ध मौत: पुलिस बता रही आगजनी, परिजनों ने जताई हत्‍या की आशंका, न्‍यायिक जांच की मांग

Chhattisgarh News:

Chhattisgarh News: संरक्षित जनजाति के एक ही परिवार के 3 लोगों की संदिग्‍ध मौत: पुलिस बता रही आगजनी, परिजनों ने जताई हत्‍या की आशंका, न्‍यायिक जांच की मांग
X
By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। संरक्षित बैगा जनजाति के एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत का मामला गरमा गया है। पुलिस के अनुसार तीनों की मौत आगजनी में हुई है। वहीं, कांग्रेस मृतकों के परिजनों के हवाले से हत्‍या बता रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष दीपक बैज ने इस मामले में मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय को पत्र लिखकर पूरे मामले की न्‍यायिक जांच कराने की मांग की है।

मुख्‍यमंत्री साय को लिखे पत्र में बैज ने कहा कि कुकदुर थाना क्षेत्र अंतर्गत में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र, बैगा परिकार के एक ही परिवार के तीन लोगों के मृत्यु संदिग्‍ध परिस्थियों में हुई है। मृतक के परिजनों का स्पष्ट आरोप है कि पुलिस, प्रशासन द्वारा साक्ष्यों को छुपाकर हत्या को आगजनी से मृत्यु के रूप में बदलने का प्रयास किया जा रही है। घटनास्‍थन पर खून के छींटा लकड़ी के खंभे, दीवाल पर और जमीन पर भी देखा है।

मृतकों के परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा मृतकों के शव के सभी अंगों को दिखाए बगैर पंचनामा बनाया गया। जानकारी दिए बगैर ही घटनास्थल के बगल वाले खेत में पोस्टमार्टम किया है। बगैर परिजनों को जानकारी दिए आनन-फानन खेत मैं ही पोस्टमार्टम करना संदेश के दायरे में है। मृतक के परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस एवं प्रशासन द्वारा दबाव बनाकर बैगा परिवार के तय रीति-नीति के विरुद्ध जबरिया दाह संस्कार कराया गया।

परिजनों का यह भी आरोप है कि मृतक बैगा परिवार के घर के बगल में बने कवेलू के खुली झोपड़ी में जली हुई हालत में तीनों शव पड़े थे। शवों के ऊपर झोपड़ी के तीन-तीन फीट के तीन बल्ली जले हुए स्पष्ट रूप से दिख रहा था, परिजनों का सवाल है कि तीन तीन फुट के केवल तीन बल्ली जलने से तीन लोग जिंदा जलकर कैसे मृत हो सकते हैं ? घटनास्थल को देखने से संदेह होता है कि इस घटना के पीछे कोई षडयंत्र है। परजनों के अनुसार पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर का कथन था कि शव जल चुका था, पोस्टमार्टम से मृत्यु के कारण का पता पुलिस इन्वेस्टिगेशन या फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चलेगा, पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की संदेहास्पद मौत को लेकर बैगा समाज ने भी सवाल उठाया है, बैगा जनजाति में दाह संस्कार की परंपरा नहीं है, इसके बावजूद तीनों का दाह संस्‍कार किया गया।



Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story