Chhattisgarh News: प्रधानमंत्री आवास योजना से शोभा नाग और कौशल्या के पक्के मकान का सपना हुआ साकार
Chhattisgarh News:
Chhattisgarh News: रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए पक्के घर बनाने और उपलब्ध कराने के लिए वर्ष जून 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। इन घरों में शौचालय, बिजली, पीने का पानी, स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रावधान है। जब लोग सक्रिय रूप से अपने घरों के निर्माण में भाग लेते हैं और इन सुविधाओं को प्राप्त कर लेते हैं तो उनका अपने घरों से एक मजबूत रिश्ता बन जाता है और वे भावनात्मक रूप से उससे जुड़ाव महसूस करते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ने देशभर के कई आवासहीन परिवारों के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। बेघर परिवारों को इस योजना के माध्यम से मिल रहे पक्के मकान ने न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थायी आवास भी प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में अधिकाधिक पात्र लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट ने सबसे पहला काम राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख मकान स्वीकृत करने का किया था और प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन को लागू करने के लिए राज्य शासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) के अंतर्गत जगदलपुर वार्ड 30 की निवासी मती शोभा नाग का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हो गया है। मती शोभा नाग ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार प्रकट किया और कहा कि अब उनका परिवार सुरक्षित और सुविधाजनक पक्के मकान में रह सकेगा। मती नाग ने बताया कि आजीविका के लिए टिफिन बाँटने का काम करती है जिसमें तकरीबन चार हजार महीना आय प्राप्त होती है। आय कम होने से पक्का मकान बनाने में असमर्थ थे। कच्चा मकान में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंता होती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अन्तर्गत मुझे योजना का लाभ पाने का अवसर मिला और अब मेरा खुद का आशियाना बन गया है।
सरगुजा जिले के अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र की रहने वाली मती कौशल्या राम की जिंदगी कभी आसान नहीं थी। उनके पति स्व. बिरजू राम की मृत्यु बीस साल पहले हो गई थी, जब उनके पांच छोटे-छोटे बच्चे थे। उस समय, कौशल्या के पास अपना और अपने बच्चों की परवरिश के लिए कोई आय नहीं थी। उन्होंने मजदूरी कर अपने परिवार की परवरिश की। उनकी आय इतनी नहीं थी कि वे अपने बच्चों को अच्छी जिंदगी दे सकें। उनका मकान कच्चा था, जो बारिश के मौसम में छत से पानी टपकता रहता था। कौशल्या ने कभी सोचा नहीं था कि उनका भी अपना पक्का मकान बनेगा। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनकी जिंदगी को खुशियों से भर दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, कौशल्या को अपना पक्का मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता मिली जिससे उन्होंने अपना पक्का मकान बनाया। उन्होंने पक्के मकान का सपना साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री साय को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है।