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ना बाबा...! फेडरेशन की बेमियादी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे शिक्षक संगठन? फेडरेशन से अहमियत नहीं मिलने की वजह से शिक्षक नेता दुखी

दरअसल, शिक्षक संगठनों को रंज इस बात का है कि फेडरेशन से उन्हें वैसी अहमियत नहीं मिली, जिसके वे हकदार थे। शिक्षक नेता चाहते थे कि संख्या बल में फेडरेशन से ज्यादा होने के बाद भी उन्हें हड़ताल के दौरान उनकी भी सुनी जाए।

ना बाबा...! फेडरेशन की बेमियादी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे शिक्षक संगठन? फेडरेशन से अहमियत नहीं मिलने की वजह से शिक्षक नेता दुखी
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By NPG News

रायपुर। पांच दिन की कलमबंद हड़ताल के बाद कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन चौथे चरण में 22 अगस्त से बेमुद्दत हड़ताल का आव्हान किया है। फेडरेशन ने मुख्य सचिव को पत्र लिख अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के फैसले से अवगत करा दिया है। फेडरेशन ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। फेडरेशन के पदाधिकारी इसके लिए विभिन्न संगठनों से संपर्क कर रहे हैं। हालांकि, केंद्र के समान डीए और एचआरए की मांग ऐसा है कि फेडरेशन को कर्मचारी संगठनों से समर्थन मिलने में दिक्कत नहीं जाएगी।

फेडरेशन के पांच दिन की हड़ताल को सभी शिक्षक संगठनों ने आगे बढ़कर समर्थन दिया था। आलम यह था कि सरकारी स्कूलों में तालेबंदी की स्थिति बन गई थी। लेकिन, फेडरेशन की बेमियादी हड़ताल को शायद सभी शिक्षक संगठन समर्थन नहीं देंगे। कुछ शिक्षक संगठन मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों से मिलने गए थे। शिक्षक नेताओं ने अधिकारियों को अश्वस्त किया कि फेडरेशन की हड़ताल में उनके संगठन शामिल नहीं होंगे। शिक्षक नेताओं ने अफसरों से स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्रीजी पर उन्हें भरोसा है, उनके फैसले के बाद ही आगे का कोई कदम उठाया जाएगा।

दरअसल, शिक्षक संगठनों को रंज इस बात का है कि फेडरेशन से उन्हें वैसी अहमियत नहीं मिली, जिसके वे हकदार थे। शिक्षक नेता चाहते थे कि संख्या बल में फेडरेशन से ज्यादा होने के बाद भी उन्हें हड़ताल के दौरान उनकी भी सुनी जाए। जाहिर है, कुछ शिक्षक संगठन चाहते थे कि हड़ताल को अनिश्चितकालीन में तब्दील कर दिया जाए। इसके लिए फेडरेशन पर काफी प्रेशर बनाया गया। सोशल मीडिया में कैम्पेन चलाया गया...वोटिंग के जरिये समर्थन जुटाया गया। मगर फेडरेशन टस-से-मस नहीं हुआ। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने साफ कर दिया कि तीसरे चरण में हमारा पांच दिन की हड़ताल थी, इससे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। फेडरेशन ने चौथे चरण में बेमुद्दत हड़ताल की घोषणा किया था। इसलिए फेडरेशन के सामने भी अपनी मजबूरी थी। फेडरेशन के रुख से नाराज तीन-चार शिक्षक संगठनों ने 29 जुलाई को हड़ताल समाप्त नहीं किया। चूकि, फेडरेशन ने हड़ताल समाप्त कर दिया था। इसलिए मजबूरी में शिक्षक संगठनों ने एक दिन बाद हड़ताल समाप्ति का ऐलान किया।

अलबत्ता, शिक्षकों के सोशल मीडिया ग्रुपों में शिक्षक नेता शिक्षकों के निशाने पर आ गए हैं। शिक्षक इस बात को लेकर भी खफा हैं कि उनके नेताओं ने पांच दिन की छुट्टी भी खराब किया। पांच दिन वे हड़ताल पर रहे, इसके उनकी छुट्टियों से एडजस्ट किया जाएगा। और हासिल भी कुछ नहीं हुआ। शिक्षक इस बात से भी दुखी हैं कि फेडरेशन की हड़ताल में शामिल होने के लिए शिक्षक नेता बिना बुलाए मेहमान की तरह समर्थन देने टूट पड़े।

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