ब्रेकिंग न्यूज : हाईकोर्ट जस्टिस ने कांकेर की घटना पर लिया संज्ञान, सचिवों को दिए ये महत्वपूर्ण निर्देश
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल कांकेर जिले में दत्तक ग्रहण केंद्र में एक मासूम की बेरहमी से पिटाई की वीडियो वायरल होने पर हाईकोर्ट के जस्टिस व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालन अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने संज्ञान में लिया है. उन्होंने कांकेर के जिला न्यायाधीश से तत्काल रिपोर्ट मांगी है. साथ ही, सभी जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों को अपने-अपने जिलों के बाल गृह और बच्चों के आश्रमों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं, जिससे ऐसी घटनाओं पर निगरानी की जा सके.
कांकेर के दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर जिस तरह एक मासूम बच्ची की बेरहमी से पिटाई कर रही थी, उसका वीडियो देखकर लोगों का दिल दहल गया. मीडिया में खबरें आने के बाद जिला प्रशासन एक्शन मोड में आया. कांकेर की घटना को लेकर बड़ा अपडेट यह है कि जस्टिस गौतम भादुड़ी ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव के माध्यम से कांकेर के जिला न्यायाधीश और अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश जारी किए हैं कि वे घटना के संबंध में तत्काल कार्यवाही कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
यदि कोई एफआईआर होती है तो बच्चे को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के अंतर्गत निशुल्क विधिक सहायता व सलाह के माध्यम से क्षतिपूर्ति राशि भी उपलब्ध कराई जाए. जस्टिस भादुड़ी ने इस घटना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों के जिला न्यायाधीशों/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी निर्देश दिए हैं कि वे नालसा, बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाओं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 के तहत उनके जिले के अंतर्गत आने वाले समस्त बाल गृह, दत्तक ग्रहण गृह आदि बच्चों के आश्रमों का निरीक्षण सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जाए.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आश्रम के हर बच्चे से अलग से बातचीत करेंगे, जिससे उनका हाल और कठिनाइयों की जानकारी मिल सके. यदि किसी बच्चे के साथ किसी प्रकार की कोई प्रताड़ना या कोई घटना की जानकारी आती है तो उस पर नियमानुसार तत्काल कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि कार्यपालक अध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्देशों का तेजी से पालन करने के लिए सभी जिलों के जिला न्यायाधीशों को इस संबंध में तत्काल सूचित किया गया है.